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    अमित मिश्रा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास, 25 साल के करियर का हुआ समापन

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         भारतीय क्रिकेट के अनुभवी लेग-स्पिनर अमित मिश्रा ने आखिरकार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 42 वर्षीय मिश्रा ने अपने लंबे और शानदार करियर के बाद संन्यास की घोषणा करते हुए कहा कि क्रिकेट ने उन्हें सब कुछ दिया और अब समय आ गया है कि वे अगली पीढ़ी को अवसर दें।

    अमित मिश्रा का जन्म 24 नवंबर 1982 को दिल्ली में हुआ। घरेलू क्रिकेट में अपने प्रदर्शन के दम पर उन्होंने भारतीय टीम में जगह बनाई। मिश्रा ने अपना टेस्ट डेब्यू साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली टेस्ट में किया था। इस मैच में उन्होंने शानदार गेंदबाजी करते हुए 7 विकेट लिए, जिनमें पहली पारी में 5 विकेट शामिल थे। यह डेब्यू किसी भी गेंदबाज के लिए सपनों जैसा था और मिश्रा ने भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के बीच तुरंत पहचान बनाई।

    अंतरराष्ट्रीय करियर का सफर

    • टेस्ट क्रिकेट: 22 मैचों में 76 विकेट।

    • वनडे क्रिकेट: 36 मुकाबलों में 64 विकेट।

    • टी20I: 10 मैचों में 16 विकेट।

    उनका बेस्ट प्रदर्शन 2013 की ज़िम्बाब्वे सीरीज़ में देखने को मिला, जहाँ उन्होंने सिर्फ 5 मैचों में 18 विकेट झटके। यह ODI इतिहास की सबसे बेहतरीन गेंदबाजी सीरीज़ में से एक मानी जाती है।

    टी20 वर्ल्ड कप 2014 में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को फाइनल तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई।

    अगर अमित मिश्रा का नाम लिया जाए तो उनके IPL रिकॉर्ड्स ज़रूर याद किए जाते हैं। उन्होंने तीन अलग-अलग टीमों (दिल्ली डेयरडेविल्स, डेक्कन चार्जर्स, सनराइजर्स हैदराबाद) के लिए हैट्रिक लेकर इतिहास रचा। IPL में उनके नाम कुल 174 विकेट दर्ज हैं। वह लीग के सबसे भरोसेमंद और सफल स्पिनरों में गिने जाते हैं। उनकी गेंदबाजी ने कई बार मैच का रुख पलट दिया। आईपीएल फैंस उन्हें आज भी “हैट्रिक मैन” के नाम से पुकारते हैं।

    मिश्रा ने संन्यास की घोषणा करते हुए भावुक संदेश दिया:

    “क्रिकेट ने मुझे जीवन में सब कुछ दिया है—पहचान, सम्मान और अपार प्यार। अब समय है कि मैं इस खेल को अलविदा कहूँ और नई पीढ़ी को अपनी जगह दूँ। मैं बीसीसीआई, कोचों, टीम के साथियों और अपने प्रशंसकों का आभार व्यक्त करता हूँ।”

    अपने करियर के दौरान मिश्रा को कई बार चोटों से जूझना पड़ा। यही वजह रही कि उन्हें राष्ट्रीय टीम में लंबे समय तक नियमित जगह नहीं मिल पाई। इसके बावजूद उन्होंने घरेलू क्रिकेट और IPL में लगातार शानदार प्रदर्शन किया और युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बने।

    अमित मिश्रा ने संकेत दिया है कि वह क्रिकेट से पूरी तरह दूर नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि वे कोचिंग, कमेंट्री और युवा खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देने के जरिए खेल से जुड़े रहेंगे। सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भी वे अपनी उपस्थिति बनाए रखेंगे।

    करियर की प्रमुख उपलब्धियाँ

    1. टेस्ट डेब्यू में 5 विकेट – ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (2008)।

    2. ज़िम्बाब्वे के खिलाफ ODI सीरीज़ (2013) में 18 विकेट।

    3. तीन अलग-अलग टीमों के लिए IPL में हैट्रिक।

    4. IPL में 174 विकेट लेकर शीर्ष स्पिनरों में शामिल।

    5. 25 साल लंबे क्रिकेट करियर में निरंतरता और समर्पण।

    अमित मिश्रा का संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग का अंत है। वह भले ही भारतीय टीम के लिए बहुत अधिक मैच न खेल पाए हों, लेकिन जब भी उन्हें मौका मिला, उन्होंने अपनी गेंदबाजी से प्रभावित किया। IPL और घरेलू क्रिकेट में उनका योगदान अमूल्य है। आने वाले समय में वे कोचिंग और क्रिकेट विश्लेषण के जरिए खेल को नई दिशा देंगे।

    उनका करियर यह सिखाता है कि धैर्य, निरंतरता और समर्पण ही किसी खिलाड़ी की सबसे बड़ी ताकत होती है।

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