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    मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कृषि एवं पशुपालन विभाग की बजट घोषणाओं की समीक्षा की, राजस्थान किसान आयोग का प्रतिवेदन जारी

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         राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कृषि, कृषि विपणन, बागवानी, डेयरी, पशुपालन एवं गोपालन विभाग से संबंधित बजट घोषणाओं की समीक्षा बैठक की। बैठक का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि बजट में घोषित योजनाओं और प्रावधानों का प्रभावी क्रियान्वयन हो और निर्धारित समयसीमा के भीतर लक्ष्य प्राप्त किए जा सकें

    बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि किसानों और पशुपालकों तक योजनाओं का लाभ निर्बाध रूप से पहुंचे।
    उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बजट में कृषि एवं allied सेक्टर के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएँ घोषित की हैं और इनका समय पर क्रियान्वयन किसानों की आजीविका सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

    बैठक के दौरान निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई:

    1. कृषि योजनाएँ – सिंचाई, उन्नत बीज, जैविक खेती और तकनीकी साधनों की उपलब्धता।

    2. कृषि विपणन – मंडियों का आधुनिकीकरण, किसानों को उचित मूल्य और भंडारण सुविधाओं का विस्तार।

    3. बागवानी क्षेत्र – फल-सब्जी उत्पादन में सुधार, कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था और बाजार तक सीधी पहुँच।

    4. डेयरी विकास – दुग्ध उत्पादन बढ़ाने, डेयरी प्रसंस्करण और किसानों को उचित मूल्य दिलाने की दिशा में पहल।

    5. पशुपालन एवं गोपालन – पशु स्वास्थ्य सेवाएँ, टीकाकरण अभियान और गौशालाओं की व्यवस्थाओं को मजबूत करना।

    बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने राजस्थान किसान आयोग के अंतरिम प्रतिवेदन का विमोचन भी किया।
    इस प्रतिवेदन में राज्य के किसानों और पशुपालकों की प्रमुख समस्याओं, चुनौतियों और उनके समाधान से जुड़ी सिफारिशें शामिल हैं। प्रतिवेदन में सिंचाई, बाजार मूल्य, ऋण सुविधा और बीमा योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर जोर दिया गया है। आयोग ने किसानों की आय बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए नवाचार आधारित योजनाओं को लागू करने की सलाह दी है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोग की सिफारिशों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और आवश्यकतानुसार इन्हें नीतिगत निर्णयों में शामिल किया जाएगा।

    मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि बजट घोषणाओं की निगरानी प्रणाली को मजबूत किया जाए। योजनाओं के लाभार्थियों की पारदर्शी पहचान सुनिश्चित हो। किसी भी योजना के क्रियान्वयन में अनावश्यक देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसानों और पशुपालकों की समस्याओं का स्थानीय स्तर पर त्वरित समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि कृषि और पशुपालन को मजबूत कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति दी जाए।

    राजस्थान मुख्य रूप से कृषि प्रधान राज्य है और बड़ी आबादी कृषि और पशुपालन पर निर्भर है। किसानों का मानना है कि यदि बजट घोषणाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन हुआ तो उनकी आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। पशुपालकों को उम्मीद है कि डेयरी और गोपालन से जुड़ी योजनाओं के माध्यम से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। बागवानी क्षेत्र से जुड़े किसानों का कहना है कि यदि कोल्ड स्टोरेज और बाजार सुविधा का विस्तार हुआ तो उन्हें अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा।

    कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि राजस्थान में जलवायु परिवर्तन और सूखा जैसी चुनौतियाँ अक्सर किसानों की मेहनत पर भारी पड़ती हैं।
    ऐसे में राज्य सरकार द्वारा सिंचाई योजनाओं, बीमा सुविधाओं और तकनीकी नवाचारों पर जोर देना समय की मांग है।
    डेयरी और बागवानी सेक्टर पर ध्यान केंद्रित करना भी किसानों की आय बढ़ाने का कारगर उपाय माना जा रहा है।

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