




उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा गहरा गया है। गोकुल बैराज से छोड़े गए पानी और मथुरा से आगरा के बीच हो रही मूसलधार बारिश के कारण यमुना नदी में उफान आ गया है। इससे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
सिंचाई विभाग ने नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन ने आगरा के विभिन्न क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया है और आपातकालीन बचाव दल को सक्रिय किया गया है।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार, यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी का असर शुक्रवार तक आगरा में देखने को मिलेगा। यदि इसी गति से जलस्तर बढ़ता रहा, तो शहर के कई हिस्सों और निचले इलाकों में गंभीर जलभराव की संभावना है।
आगरा शहर के प्रमुख इलाकों जैसे कि दयालबाग, बल्केश्वर और क़िला क्षेत्र में प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। साथ ही, नदी किनारे बसे गांवों में भी अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, आगरा में पिछले 48 घंटों में लगातार मूसलधार बारिश हुई है। सड़कें और बाजार जलमग्न हो गए हैं, जिससे यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ है। स्थानीय प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे नदी किनारे न जाएं और किसी भी तरह के जोखिम में शामिल न हों।
विशेषज्ञों का कहना है कि यमुना नदी का यह उफान हाल के वर्षों में सबसे गंभीर माना जा रहा है। यदि स्थिति नहीं संभली, तो निचले इलाकों में बड़े पैमाने पर विस्थापन की नौबत आ सकती है।
स्थानीय प्रशासन और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीमों ने राहत और बचाव कार्यों को तेजी से शुरू किया है। पानी से प्रभावित इलाकों में तंबू, भोजन और पीने के पानी की आपूर्ति की जा रही है।
इसके अलावा, आगरा के नगरपालिका अधिकारियों ने नालों और जल निकासी के मार्गों की सफाई तेज कर दी है ताकि बाढ़ का प्रभाव कम से कम हो। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक बाहर न निकलें और सरकार द्वारा जारी चेतावनियों का पालन करें।
यदि यमुना का जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा, तो शहर के लगभग 40 गांवों और निचले इलाकों में बाढ़ का गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इससे कृषि, आवास और स्थानीय व्यापार प्रभावित हो सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले 24–48 घंटों में स्थिति के अनुसार और अधिक राहत कार्य आवश्यक हो सकते हैं। नागरिकों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और आवश्यक सामान सुरक्षित स्थान पर रखें।
स्थानीय नागरिक भय और चिंता में हैं। कुछ लोगों ने अपने घरों से सुरक्षित स्थानों पर पलायन शुरू कर दिया है। वहीं, सोशल मीडिया पर #AgraFloodAlert ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग बाढ़ की वर्तमान स्थिति की जानकारी साझा कर रहे हैं।
यूपी के आगरा में यमुना नदी का बढ़ता जलस्तर न केवल स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का कारण है, बल्कि प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमों के लिए भी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। समय पर सतर्कता और राहत कार्य ही इस प्राकृतिक आपदा के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।