




भारत ने बेल्जियम को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि प्रत्यर्पण के बाद मेहुल चौकसी को मुंबई स्थित आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा। विशेष रूप से जेल प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि चौकसी को 24 घंटे मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध रहे।
यह जानकारी भारतीय अधिकारियों ने बेल्जियम के संबंधित अधिकारियों को प्रत्यर्पण प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाओं के स्पष्ट विवरण के लिए भेजी है।
आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 को विशेष रूप से इस तरह तैयार किया गया है कि इसमें सुरक्षा के उच्च स्तर की व्यवस्था हो। मेडिकल सुविधाएँ 24 घंटे सक्रिय रहें। चौकसी को किसी भी आकस्मिक स्वास्थ्य समस्या के समय तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध हो। अन्य कैदियों और जेल कर्मचारियों से अलग निगरानी और सुरक्षा सुनिश्चित हो। जेल प्रशासन का मानना है कि प्रत्यर्पित कैदी की सुरक्षा और स्वास्थ्य दोनों ही प्राथमिकता हैं।
भारत ने बेल्जियम को लिखे पत्र में यह भी बताया कि मेहुल चौकसी को सुरक्षित और नियंत्रित पर्यावरण में रखा जाएगा। किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए विशेष चिकित्सा टीम तैनात रहेगी। जेल प्रशासन सभी कानूनी और मानवाधिकार संबंधी मानकों का पालन करेगा। बेल्जियम सरकार के अधिकारियों को भेजे गए पत्र में भारत ने यह आश्वासन भी दिया कि चौकसी के स्वास्थ्य और सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी भारत की जेल प्रशासन की होगी।
मेहुल चौकसी को पंजाब नेशनल बैंक (PNB) धोखाधड़ी मामले में आरोपी बनाया गया है। यह मामला भारतीय वित्तीय इतिहास की सबसे बड़ी धोखाधड़ी में से एक माना जाता है। चौकसी पर आरोप हैं कि उन्होंने PNB को करोड़ों रुपये का वित्तीय नुकसान पहुँचाया। उसके खिलाफ भारतीय अदालतों में लंबी कानूनी प्रक्रिया चल रही है। चौकसी लंबे समय तक विदेश में रहकर भारत की न्यायिक प्रणाली से बचते रहे। इस प्रत्यर्पण और जेल में रखे जाने की प्रक्रिया भारत के कानून और न्यायिक सुरक्षा के तहत पूरी की जा रही है।
मेहुल चौकसी का बेल्जियम से प्रत्यर्पण भारत के लिए कानूनी और प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण है। यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से न्याय सुनिश्चित करने का उदाहरण है। प्रत्यर्पण के बाद जेल में विशेष व्यवस्था से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कानूनी प्रक्रिया और मानवाधिकार दोनों का पालन हो। इस कदम से भारत में बड़े वित्तीय मामलों में न्याय की प्रक्रिया को बल मिलेगा।
आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में सुरक्षा गार्ड तैनात हैं। चौकसी की स्वास्थ्य स्थिति लगातार मॉनिटर की जाएगी। यदि आवश्यक हुआ तो विशेष डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ उपलब्ध रहेंगे। जेल प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि चौकसी को किसी भी तरह की सुरक्षा जोखिम या स्वास्थ्य संकट न आए। जेल अधिकारियों का कहना है कि यह व्यवस्था किसी भी उच्च प्रोफ़ाइल कैदी के लिए मानक सुरक्षा और स्वास्थ्य गाइडलाइन के अनुरूप है।
इस पत्राचार और प्रत्यर्पण प्रक्रिया ने दोनों देशों के कानूनी सहयोग और अंतरराष्ट्रीय न्याय प्रणाली की मजबूती को प्रदर्शित किया है। भारत ने बेल्जियम को पूर्ण जानकारी दी कि चौकसी की जेल में सुरक्षा और स्वास्थ्य की पूरी व्यवस्था रहेगी। बेल्जियम ने भी भारत की इस तैयारी और आश्वासन को स्वीकार किया है। यह प्रत्यर्पण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की न्याय प्रणाली और कानून के प्रति गंभीरता को भी दर्शाता है।
मेहुल चौकसी के आर्थर रोड जेल में रखने और 24 घंटे मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध कराने की सूचना भारत ने बेल्जियम को भेजी है। यह कदम न केवल सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करता है बल्कि कानूनी और मानवाधिकार मानकों के पालन का उदाहरण भी है। प्रत्यर्पण प्रक्रिया भारत और बेल्जियम के कानूनी और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की सफलता को दर्शाती है। इससे भविष्य में उच्च प्रोफ़ाइल मामलों में सुरक्षा और कानूनी प्रक्रिया की स्पष्टता का संदेश भी जाएगा।
इस पूरी प्रक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि भारत अपनी न्यायिक प्रणाली में सख्ती और पारदर्शिता के साथ उच्च प्रोफ़ाइल अपराधियों के मामलों को सुलझाने के लिए पूरी तरह तैयार है।