• Create News
  • Nominate Now

    फुलेरा पंचायत पर सियासी घमासान: रेखा सरकार के नेतृत्व में पंचायत संचालन, भाजपा और आप आमने-सामने

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

         राजनीति का अखाड़ा अब केवल विधानसभाओं या संसद तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पंचायत स्तर पर भी इसका असर साफ तौर पर देखा जा सकता है। इसका ताज़ा उदाहरण है फुलेरा पंचायत, जिसे इस समय रेखा सरकार के नेतृत्व में चलाया जा रहा है। लेकिन यहाँ मामला केवल पंचायत संचालन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक बड़े सियासी घमासान का रूप ले चुका है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) एक-दूसरे पर गंभीर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं।

    फुलेरा पंचायत फिलहाल रेखा सरकार के हाथों में है। रेखा सरकार का पंचायत प्रमुख बनना विपक्ष के लिए चौंकाने वाला रहा। उनका कहना है कि पंचायत की जिम्मेदारी संभालते हुए वे ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाओं को प्राथमिकता दे रही हैं। पंचायत की बैठकों में उनकी सक्रियता और गांवों में लगातार दौरों ने उन्हें एक जमीनी नेता के रूप में स्थापित किया है।

    रेखा सरकार का नाम जुड़ते ही पंचायत राजनीति में दो ध्रुवीय संघर्ष साफ दिखाई देता है। भाजपा का आरोप है कि आप कार्यकर्ता पंचायत में अव्यवस्था फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं आम आदमी पार्टी का कहना है कि भाजपा सत्ता का दुरुपयोग करके पंचायत की पारदर्शिता को प्रभावित कर रही है। इस आरोप-प्रत्यारोप की वजह से पंचायत का कामकाज कई बार बाधित हुआ है। ग्रामीण भी अब इस सियासी खींचतान से प्रभावित हो रहे हैं।

    भाजपा नेताओं का कहना है कि पंचायत विकास योजनाओं को रोकने में आप की भूमिका रही है। फंड के वितरण में अड़चनें डाली जा रही हैं। आप कार्यकर्ता सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए विरोध कर रहे हैं। उनका यह भी दावा है कि रेखा सरकार भाजपा की विचारधारा के अनुरूप विकास का मॉडल पेश कर रही हैं और यह आप को रास नहीं आ रहा।

    आप नेताओं ने भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि पंचायत फंड का दुरुपयोग भाजपा समर्थक नेताओं द्वारा किया जा रहा है। रेखा सरकार पर भाजपा का दबाव है और वे स्वतंत्र रूप से निर्णय नहीं ले पा रही हैं। पंचायत में पारदर्शिता की कमी है और योजनाओं में भ्रष्टाचार हो रहा है। आप का आरोप है कि भाजपा अपने राजनीतिक फायदे के लिए पंचायत का इस्तेमाल कर रही है, जबकि पंचायत जनता की सेवा के लिए होनी चाहिए।

    गांव के लोग इस राजनीतिक लड़ाई के बीच उलझ गए हैं। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि रेखा सरकार ने पंचायत का कामकाज तेज किया है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि राजनीतिक विवाद की वजह से विकास कार्य आधे-अधूरे रह जाते हैं।

    ग्रामीणों की सबसे बड़ी शिकायत यह है कि राजनीतिक दल आपसी संघर्ष में व्यस्त हैं, लेकिन बुनियादी समस्याएँ जैसे पानी, बिजली, सड़क और स्वास्थ्य सेवाओं का समाधान अभी तक अधूरा है।

    विशेषज्ञ मानते हैं कि पंचायत स्तर पर भाजपा और आप का टकराव केवल स्थानीय राजनीति नहीं है। भाजपा इस पंचायत को “गुड गवर्नेंस” का उदाहरण बनाना चाहती है। वहीं आप चाहती है कि भ्रष्टाचार और पारदर्शिता का मुद्दा उठाकर वह ग्रामीण राजनीति में अपनी पकड़ बनाए। यह संघर्ष भविष्य में बड़े चुनावों में भी असर डाल सकता है, क्योंकि पंचायत राजनीति ही विधानसभा और लोकसभा के लिए ज़मीनी आधार तैयार करती है।

    फुलेरा पंचायत का विवाद मीडिया और सोशल मीडिया दोनों जगह चर्चा का विषय बना हुआ है। ट्विटर (X) पर #PhuleraPanchayat हैशटैग ट्रेंड करता दिखा। फेसबुक और यूट्यूब पर कई ग्रामीणों ने लाइव वीडियो डालकर अपनी समस्याएँ उजागर कीं। सोशल मीडिया पर दोनों पार्टियों के समर्थक एक-दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं।

    राजनीतिक टकराव से परे सवाल यह है कि क्या पंचायत सही मायने में ग्रामीण विकास पर ध्यान दे पाएगी? पंचायत प्रतिनिधियों को अब यह समझना होगा कि जनता विकास चाहती है, न कि केवल राजनीतिक बयानबाज़ी। अगर भाजपा और आप इसी तरह भिड़ती रहीं तो इसका नुकसान सीधे ग्रामीणों को होगा। रेखा सरकार को भी अपनी भूमिका स्पष्ट करनी होगी कि वे किसके दबाव में नहीं बल्कि जनता की सेवा के लिए काम कर रही हैं।

    फुलेरा पंचायत का यह मामला दिखाता है कि कैसे स्थानीय स्तर पर भी राजनीति का रंग गहराता जा रहा है। रेखा सरकार के नेतृत्व में पंचायत संचालित हो रही है, लेकिन भाजपा और आप के बीच जारी यह टकराव पंचायत की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर रहा है।

    ग्रामीण विकास के बजाय अगर राजनीति ही केंद्र में रही, तो जनता का विश्वास डगमगाना तय है। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि फुलेरा पंचायत आने वाले दिनों में राजनीतिक लड़ाई से ऊपर उठकर जनता की भलाई के लिए क्या कदम उठाती है।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में बदलाव: विनियामक आयोग ने जारी किए नए टैरिफ, ट्रांसमिशन चार्ज में भी बढ़ोतरी

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।      उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी खबर आई है। उत्तर प्रदेश विद्युत विनियामक आयोग (UPERC)…

    Continue reading
    13 सितंबर को दिल्ली में लगेगी लोक अदालत: ट्रैफिक चालान निपटाने का सुनहरा मौका

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।      दिल्ली के वाहन चालकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अगर आपके ऊपर ट्रैफिक चालान लंबित…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *