




दिल्ली हाई कोर्ट ने अभिनेता अभिषेक बच्चन के व्यक्तित्व अधिकारों (Personality Rights) की सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर ली है। कोर्ट जल्द ही आदेश जारी करेगा, जिसका मकसद है उनकी छवि, आवाज़ और नाम का बिना अनुमति के उपयोग पर रोक लगाना।
आज के डिजिटल दौर में डीपफेक वीडियो, फर्जी विज्ञापन और सोशल मीडिया पोस्ट्स के ज़रिए सितारों की पहचान का गलत इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। अभिषेक बच्चन ने अदालत में अपील की थी कि उनकी अनुमति के बिना उनके नाम, तस्वीर और आवाज़ का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुँच रहा है।
पर्सनैलिटी राइट्स से आशय है कि किसी भी व्यक्ति, खासतौर पर सार्वजनिक हस्तियों (Celebrities), को अपने नाम, तस्वीर, आवाज़ और स्टाइल पर कानूनी अधिकार मिले। इनका उपयोग विज्ञापन, उत्पादों के प्रमोशन या सोशल मीडिया कंटेंट में करने से पहले अनुमति लेना अनिवार्य है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में गम्भीरता दिखाई और कहा कि यदि सेलिब्रिटीज़ की पहचान को सुरक्षित नहीं किया गया, तो उनकी व्यक्तिगत और व्यावसायिक छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म को सेलिब्रिटीज़ की अनुमति के बिना उनके नाम और तस्वीर का उपयोग करने का अधिकार नहीं है।
अभिषेक बच्चन ने दलील दी कि हाल के महीनों में उनके नाम और फोटो का उपयोग कई विज्ञापनों और डिजिटल कैंपेन में बिना अनुमति किया गया। कुछ मामलों में उनकी आवाज़ को कृत्रिम तकनीक (AI/Deepfake) के ज़रिए इस्तेमाल कर फर्जी वीडियो बनाए गए।
इस आदेश से सिर्फ अभिषेक बच्चन ही नहीं, बल्कि अन्य फिल्मी हस्तियों और सार्वजनिक व्यक्तित्वों को भी राहत मिलने की संभावना है। अगर कोर्ट आदेश पारित करता है, तो यह भारतीय न्यायिक प्रणाली में सेलिब्रिटीज़ के अधिकारों की सुरक्षा का एक ऐतिहासिक फैसला होगा।
कोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, विज्ञापन कंपनियों और ऑनलाइन पोर्टल्स को ऐसे मामलों में जवाबदेह बनाया जाएगा। यदि वे बिना अनुमति सेलिब्रिटीज़ की छवि का इस्तेमाल करते हैं, तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
भारत में डिजिटल क्रांति के साथ-साथ नए प्रकार की कानूनी चुनौतियाँ भी सामने आई हैं। इस आदेश को एक ऐसा कदम माना जा रहा है, जिससे इंटरनेट पर फेक न्यूज़, डीपफेक वीडियो और फर्जी विज्ञापनों की रोकथाम में मदद मिलेगी।
बॉलीवुड सितारे लगातार अपनी पहचान के गलत उपयोग के खिलाफ आवाज़ उठाते रहे हैं। पहले भी कई अभिनेताओं और अभिनेत्रियों ने अपने नाम और तस्वीर के अनधिकृत इस्तेमाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है। अभिषेक बच्चन का यह मामला उन सभी के लिए मिसाल बनेगा।
अभिषेक बच्चन की याचिका और दिल्ली हाई कोर्ट का आगामी आदेश यह दर्शाता है कि अब भारत में भी पर्सनैलिटी राइट्स को लेकर कानूनी व्यवस्था मज़बूत हो रही है। यह कदम न केवल अभिषेक बच्चन की पहचान की सुरक्षा करेगा, बल्कि भविष्य में सभी सेलिब्रिटीज़ के अधिकारों को मज़बूती देगा।