




नेपाल ने हाल के दिनों में राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा का सामना किया। राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में हालात बिगड़ गए थे, जिसके चलते सुरक्षा कारणों से एयरपोर्ट संचालन अस्थायी रूप से रोक दिया गया था। लेकिन अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है और काठमांडू का त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा फिर से यात्रियों के लिए खोल दिया गया है।
एयरपोर्ट बंद होने से हजारों यात्री फंसे हुए थे, जिनमें बड़ी संख्या भारतीय नागरिकों की भी थी। फ्लाइट संचालन शुरू होने के बाद अब इन यात्रियों को भारत और अन्य देशों में सुरक्षित रूप से लौटने का रास्ता मिल गया है। भारतीय दूतावास ने भी पुष्टि की है कि यात्रियों की आवाजाही क्रमशः सामान्य हो रही है और एयरलाइंस ने अपनी सेवाएँ फिर से शुरू कर दी हैं।
नेपाल में घूमने वाले भारतीय पर्यटक, व्यवसायी और छात्र इस हिंसा और एयरपोर्ट बंद होने से सबसे अधिक प्रभावित हुए। बहुत से लोग काठमांडू में फंसे हुए थे और उनकी वापसी की उम्मीदें धूमिल हो रही थीं। फ्लाइट्स की बहाली के बाद अब भारतीय यात्रियों में खुशी और राहत का माहौल है। दूतावास ने यात्रियों को सतर्क रहने और केवल आधिकारिक अपडेट्स पर भरोसा करने की सलाह दी है।
काठमांडू एयरपोर्ट को बंद करने का फैसला उस समय लिया गया जब नेपाल के विभिन्न हिस्सों में अचानक हिंसा भड़क उठी थी। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका थी कि भीड़ नियंत्रण और स्थिति संभालने के दौरान एयरपोर्ट परिसर पर भी असर पड़ सकता है। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए फ्लाइट्स पर रोक लगाना अनिवार्य हो गया।
नेपाल एशिया और यूरोप के कई देशों से सीधे जुड़ा है। एयरपोर्ट बंद होने से न केवल भारत, बल्कि अन्य देशों से भी उड़ानों पर असर पड़ा। एयरलाइंस कंपनियों को अपनी फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं, जिससे यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। पर्यटन उद्योग, जो नेपाल की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है, इस अस्थिरता से गहरी चोट खा गया।
भारत और नेपाल के बीच हमेशा से गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्ते रहे हैं। हर साल लाखों भारतीय नागरिक नेपाल घूमने जाते हैं। एयरपोर्ट बंद होने की वजह से दोनों देशों के बीच यात्राओं पर असर पड़ा। लेकिन अब फ्लाइट संचालन बहाल होने से इन रिश्तों में सहजता लौटने की उम्मीद है।
नेपाल सरकार ने हालात को नियंत्रण में लाने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई और लगातार बैठकों के जरिए स्थिति पर नजर रखी। स्थानीय प्रशासन ने हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसी सख्ती लागू की, जिससे स्थिति पर काफी हद तक काबू पाया गया। एयरपोर्ट खोलने का निर्णय भी इसी सुधार के बाद लिया गया।
नेपाल पर्यटन पर काफी निर्भर है। हिमालय, काठमांडू घाटी और धार्मिक स्थल हर साल लाखों विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। एयरपोर्ट के बंद रहने से इस उद्योग को भारी नुकसान हुआ, लेकिन अब इसके फिर से पटरी पर लौटने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में अगर स्थिति पूरी तरह स्थिर रहती है तो पर्यटकों का विश्वास धीरे-धीरे लौट आएगा।
भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय ने यात्रियों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और फिलहाल केवल आपात स्थिति में ही नेपाल जाएँ। जो यात्री पहले से नेपाल में हैं, उन्हें सुरक्षा एजेंसियों और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है।
नेपाल में एयरपोर्ट के फिर से खुलने को सामान्य स्थिति की ओर एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। हालांकि हालिया हिंसा ने देश की छवि और पर्यटन उद्योग को गहरी चोट पहुंचाई है, लेकिन एयरपोर्ट संचालन की बहाली ने उम्मीद की नई किरण जगाई है। भारतीय यात्रियों और अन्य पर्यटकों के लिए यह राहत भरी खबर है कि वे अब सुरक्षित रूप से अपने गंतव्यों की ओर लौट सकते हैं।
आने वाले समय में नेपाल सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि इस तरह की अस्थिरता दोबारा न हो और नेपाल एक बार फिर सुरक्षित और आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में अपनी पहचान मजबूत कर सके।