




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत ‘विकसित भारत’ की दिशा में तेजी से अग्रसर है। उन्होंने इस अवसर पर जोर दिया कि देश की आर्थिक और औद्योगिक शक्ति को बढ़ाने के लिए सरकार और ऑटोमोबाइल उद्योग को मिलकर काम करना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में पूरी मूल्य श्रृंखला में आत्मनिर्भरता हासिल करना समय की मांग है और इसके लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि ऑटोमोबाइल उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। उन्होंने बताया कि देश में ऑटोमोबाइल उत्पादन और निर्यात दोनों तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन आत्मनिर्भरता के लिए केवल उत्पादन ही पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरी मूल्य श्रृंखला, जिसमें कच्चा माल, पार्ट्स, डिजाइन, निर्माण और तकनीकी नवाचार शामिल हैं, को आत्मनिर्भर बनाना होगा।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि अगर भारत ऑटोमोबाइल उद्योग में वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती से खड़ा होना चाहता है तो सरकार और उद्योग का सहयोग अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि इस सहयोग के माध्यम से न केवल रोजगार सृजन होगा बल्कि देश की आर्थिक वृद्धि को भी गति मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि भारत का लक्ष्य केवल आत्मनिर्भरता नहीं, बल्कि विकसित भारत बनाना है। इसके लिए उद्योगों को नयी तकनीक, नवाचार और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करना होगा। उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल उद्योग में नई तकनीक और इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के क्षेत्र में निवेश, देश को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इनोवेशन और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए नीतियां और समर्थन प्रदान कर रही है, ताकि देश में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में नई खोज और तकनीकी सुधार संभव हो सकें। पीएम मोदी ने उद्योगपतियों से आग्रह किया कि वे स्थानीय विनिर्माण और डिजिटल तकनीक में निवेश बढ़ाएं।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार उद्योग के लिए केवल मार्गदर्शक और सहयोगी का काम करेगी। उन्होंने कहा कि नीतिगत सुधार, वित्तीय प्रोत्साहन, और उत्पादन-संबंधित योजनाएं उद्योग की विकास यात्रा को गति देंगी। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि उद्योग को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए स्थानीय संसाधनों और मानव शक्ति का सर्वोत्तम उपयोग करना होगा।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि देश के ऑटोमोबाइल उद्योग में अगर पूरी मूल्य श्रृंखला आत्मनिर्भर बनती है, तो देश आयात पर निर्भरता कम करेगा, वैश्विक बाजार में मजबूत स्थिति बनाएगा और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने ऑटोमोबाइल उद्योग में नवीन तकनीक और इलेक्ट्रिक वाहनों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में EVs और हाइब्रिड वाहनों के उत्पादन और विकास में भारत को वैश्विक लीडर बनने का अवसर है। इसके लिए उद्योग और सरकार को मिलकर नीतिगत सुधार, निवेश और अनुसंधान पर ध्यान देना होगा।
पीएम मोदी ने उद्योग को सुझाव दिया कि स्मार्ट फैक्ट्री, डिजिटलाइजेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके उत्पादन प्रक्रिया को अधिक दक्ष और लागत-कुशल बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि तकनीकी नवाचार और आधुनिक प्रक्रियाओं से ही ऑटोमोबाइल उद्योग में आत्मनिर्भरता संभव है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑटोमोबाइल उद्योग में आत्मनिर्भरता और विकास से रोजगार सृजन होगा। उन्होंने कहा कि नई उत्पादन इकाइयों और तकनीकी उन्नयन से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके अलावा, निर्यात क्षमता बढ़ाने से भारत की विदेशी मुद्रा आय में वृद्धि होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि यह उद्योग न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक और राष्ट्रीय आत्मसम्मान के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी पूरा होगा जब उद्योग में देशी संसाधनों और तकनीक का अधिकतम उपयोग होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योग और सरकार के बीच सहयोग की आवश्यकता को दोहराते हुए कहा कि ऑटोमोबाइल उद्योग की पूरी मूल्य श्रृंखला में आत्मनिर्भरता हासिल करना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार और उद्योग मिलकर काम करेंगे तो भारत न केवल विकसित भारत की दिशा में अग्रसर होगा बल्कि वैश्विक ऑटोमोबाइल बाजार में अपनी मजबूत पहचान भी बनाएगा।
उन्होंने सभी उद्योगपतियों से आग्रह किया कि वे स्थानीय उत्पादन, नवाचार और तकनीकी विकास को प्राथमिकता दें। पीएम मोदी का संदेश स्पष्ट था कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ऑटोमोबाइल उद्योग की भागीदारी देश की आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक उन्नति के लिए अनिवार्य है।