




रामनगरी अयोध्या एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और आध्यात्मिकता का केंद्र बनने जा रही है। मॉरीशस के प्रधानमंत्री अपने भारत दौरे के दौरान 12 सितंबर 2025 को श्री वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, अयोध्या पहुंचेंगे, जहाँ उनका स्वागत अयोध्या के विप्र संजीवनी परिषद गुरुकुल के छात्र करेंगे।
स्वागत के इस विशेष अवसर पर गुरुकुल के छात्र पारंपरिक स्वस्ति वाचन और शंख वादन के माध्यम से प्रधानमंत्री का अभिनंदन करेंगे। इस सांस्कृतिक और धार्मिक रस्म से अयोध्या की प्राचीन परंपरा और भारतीय संस्कृत साहित्य की झलक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित होगी।
श्रीराम मंदिर दर्शन का कार्यक्रम
हवाई अड्डे पर स्वागत समारोह के बाद मॉरीशस के प्रधानमंत्री सीधे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर जाएंगे। यहाँ वे भगवान श्रीरामलला के दर्शन-पूजन करेंगे। यह अवसर न केवल धार्मिक महत्व का होगा बल्कि भारत और मॉरीशस के बीच गहरे सांस्कृतिक रिश्तों को भी और मजबूत करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ वाराणसी भ्रमण
इससे पहले मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी का भ्रमण किया। दोनों नेताओं ने वाराणसी में विकास कार्यों और सांस्कृतिक धरोहरों का अवलोकन किया। प्रधानमंत्री मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री के बीच हुए संवाद से यह स्पष्ट है कि भारत और मॉरीशस के रिश्ते न केवल राजनीतिक और आर्थिक स्तर पर बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक धरातल पर भी गहराते जा रहे हैं।
अयोध्या के लिए गौरव का क्षण
श्री राजगोपाल संस्कृत महाविद्यालय अयोध्या के प्राचार्य एवं विप्र संजीवनी परिषद गुरुकुल अयोध्या के संस्थापक डॉ. अशोक कुमार पाण्डेय ने बताया कि यह अयोध्या के लिए अत्यंत गौरव का क्षण है। उन्होंने कहा,
“एक सप्ताह के भीतर अयोध्या में दो प्रधानमंत्रियों का आगमन हो चुका है। यह न केवल अयोध्या की धार्मिक महत्ता को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि विश्व स्तर पर अयोध्या की पहचान निरंतर सुदृढ़ हो रही है।”
डॉ. पाण्डेय ने यह भी बताया कि गुरुकुल के छात्र लंबे समय से इस अवसर की तैयारी कर रहे थे। स्वस्ति वाचन और शंख वादन का अभ्यास प्रतिदिन किया जा रहा था, ताकि विदेशी मेहमानों का स्वागत भारतीय परंपरा और संस्कृति की गरिमा के अनुरूप हो।
अयोध्या का वैश्विक महत्व
पिछले कुछ वर्षों में अयोध्या धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का वैश्विक केंद्र बनकर उभरा है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण और उद्घाटन के बाद यहां विदेशी नेताओं, राजनयिकों और श्रद्धालुओं का लगातार आगमन बढ़ा है। मॉरीशस के प्रधानमंत्री का दौरा भी इसी क्रम में एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
यह दौरा भारत और मॉरीशस के बीच सांस्कृतिक कूटनीति का प्रतीक है। मॉरीशस में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग निवास करते हैं और वे धार्मिक तथा सांस्कृतिक दृष्टि से भारत से गहराई से जुड़े हुए हैं। ऐसे में अयोध्या का यह दौरा दोनों देशों के रिश्तों में एक नई ऊँचाई जोड़ेगा।
अयोध्या में मॉरीशस प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारियाँ न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती हैं, बल्कि यह अयोध्या को वैश्विक स्तर पर और अधिक पहचान दिलाने का अवसर भी है। गुरुकुल छात्रों द्वारा किया जाने वाला स्वस्ति वाचन और शंख वादन अयोध्या की परंपराओं को विश्व मंच पर स्थापित करेगा।
एक सप्ताह के भीतर अयोध्या में दो प्रधानमंत्रियों का आगमन यह दर्शाता है कि रामनगरी का महत्व केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि अब यह विश्व के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मानचित्र पर और भी गहराई से अंकित हो रहा है।