




भारत और अमेरिका के रिश्ते हमेशा से वैश्विक राजनीति का केंद्र रहे हैं। हाल ही में अमेरिकी राजदूत-नामित सर्जियो गोर ने एक इंटरव्यू के दौरान दोनों देशों के संबंधों पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हमेशा प्रशंसा करते हैं और उनके साथ व्यक्तिगत संबंधों को बेहद अहम मानते हैं।
गोर ने कहा, “ट्रंप अन्य नेताओं पर कठोर टिप्पणी करने से नहीं हिचकिचाते, लेकिन मोदी जी के लिए उनके शब्द हमेशा सकारात्मक और सम्मानजनक होते हैं।”
सर्जियो गोर ने स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते सिर्फ कूटनीतिक स्तर तक सीमित नहीं हैं। यह संबंध लोकतांत्रिक मूल्यों, व्यापारिक साझेदारी और सुरक्षा सहयोग पर आधारित हैं। गोर का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह रिश्ता और मजबूत होगा क्योंकि दोनों देशों की प्राथमिकताएं एक-दूसरे से मेल खाती हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन के दौरान भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग में तेजी आई थी। क्वाड जैसे मंचों पर भी भारत की भूमिका बढ़ी और अमेरिका ने इसे वैश्विक साझेदार के रूप में स्वीकार किया।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक मसले लंबे समय से चर्चा का विषय रहे हैं। गोर ने स्वीकार किया कि व्यापारिक मतभेद मौजूद हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि ये रिश्तों में बड़ी बाधा नहीं बनेंगे।
उनका कहना था कि, “हर मजबूत साझेदारी में कुछ असहमति होती है। भारत और अमेरिका के बीच भी व्यापारिक चुनौतियां हैं, लेकिन दोनों पक्षों की प्राथमिकता सहयोग बढ़ाना है।”
उन्होंने आगे जोड़ा कि ट्रंप प्रशासन ने ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति अपनाई थी, वहीं भारत ने भी ‘मेक इन इंडिया’ पर जोर दिया। बावजूद इसके, दोनों देशों ने सहयोग के नए रास्ते खोजे।
सर्जियो गोर ने भारत और रूस के संबंधों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अमेरिका समझता है कि भारत का रूस के साथ दशकों पुराना ऐतिहासिक संबंध रहा है, खासकर रक्षा क्षेत्र में।
हालांकि, गोर ने यह भी कहा कि भविष्य में अमेरिका चाहता है कि भारत अपने रक्षा और ऊर्जा सहयोग को विविधता दे और अमेरिका जैसे भरोसेमंद साझेदारों की ओर देखे। उनके अनुसार, “भारत की स्वतंत्र विदेश नीति उसकी ताकत है, लेकिन अमेरिका भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करना चाहता है।”
सर्जियो गोर ने ट्रंप और मोदी के व्यक्तिगत समीकरणों को लेकर दिलचस्प बातें साझा कीं। उन्होंने कहा कि ट्रंप अक्सर अन्य विश्व नेताओं की आलोचना करने में संकोच नहीं करते, लेकिन मोदी के बारे में वे हमेशा सकारात्मक बातें करते हैं।
यह दर्शाता है कि दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत स्तर पर गहरा विश्वास और सम्मान है, जिसने भारत-अमेरिका रिश्तों को और मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
सर्जियो गोर का मानना है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते आने वाले वर्षों में और बहुआयामी होंगे। तकनीक, रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग और बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक दक्षिण की आवाज़ है, वहीं अमेरिका वैश्विक उत्तर का नेतृत्व करता है। इन दोनों की साझेदारी वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने में निर्णायक साबित हो सकती है।
सर्जियो गोर के बयानों से साफ है कि भारत-अमेरिका रिश्ते सिर्फ राजनीतिक समीकरणों पर आधारित नहीं, बल्कि दोनों देशों की साझा सोच और मूल्यों पर टिके हैं। ट्रंप का मोदी के प्रति सम्मान और लगातार प्रशंसा यह दर्शाती है कि व्यक्तिगत रिश्ते भी कूटनीति में बड़ा महत्व रखते हैं।