




आधुनिक समय में, जब लोग हेल्दी और ऑर्गेनिक उत्पादों की ओर रुझान बढ़ा रहे हैं, एक भारतीय उद्यमी ने इस दिशा में एक अनूठी पहल की है। सुहास शेट्टी ने ऊंट, बकरी और गधी के दूध से बनी आइसक्रीम का निर्माण कर न केवल एक नया उत्पाद पेश किया, बल्कि भारतीय डेयरी उद्योग में एक नई दिशा भी दिखाई।
सुहास शेट्टी ने परंपरागत डेयरी उत्पादों से हटकर ऊंट, बकरी और गधी के दूध का उपयोग किया। इन दूधों में विशेष पोषण तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माने जाते हैं। उन्होंने इन दूधों को आइसक्रीम में परिवर्तित कर एक हेल्दी और स्वादिष्ट उत्पाद तैयार किया।
शेट्टी की कंपनी का वार्षिक टर्नओवर अब 25 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। यह सफलता उनके उत्पाद की गुणवत्ता, नवाचार और मार्केटिंग रणनीतियों का परिणाम है। उन्होंने अपने उत्पाद को विभिन्न फ्लेवर और पैकेजिंग में पेश कर उपभोक्ताओं की विविध आवश्यकताओं को पूरा किया।
शेट्टी ने अपने उत्पादों में केवल प्राकृतिक और ऑर्गेनिक सामग्री का उपयोग किया है। उनका मानना है कि स्वास्थ्यवर्धक आहार ही लंबी उम्र और बेहतर जीवनशैली की कुंजी है। उनके उत्पादों में कोई कृत्रिम रंग, स्वाद या संरक्षक नहीं होते, जो उन्हें अन्य आइसक्रीम ब्रांड्स से अलग बनाता है।
शेट्टी ने अपने उत्पाद की मार्केटिंग के लिए सोशल मीडिया, इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग और स्थानीय आयोजनों का सहारा लिया। उन्होंने अपने उत्पाद के लाभों को प्रमुखता से उजागर किया, जिससे उपभोक्ताओं में जागरूकता बढ़ी और बिक्री में वृद्धि हुई।
सुहास शेट्टी का उद्देश्य अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी पेश करना है। वे निरंतर नए फ्लेवर और उत्पादों पर काम कर रहे हैं, ताकि वे वैश्विक स्तर पर भी प्रतिस्पर्धा कर सकें। उनका मानना है कि भारतीय देसी संसाधनों का सही उपयोग कर वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई जा सकती है।
सुहास शेट्टी की कहानी यह सिद्ध करती है कि नवाचार, गुणवत्ता और सही विपणन रणनीतियों के माध्यम से कोई भी उद्यमी सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है। उनके उत्पाद न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हैं। उनकी सफलता भारतीय उद्यमिता की एक प्रेरणादायक मिसाल प्रस्तुत करती है।