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    टैरिफ संकट से निपटने के लिए शशि थरूर का सुझाव: मैन्युफैक्चरिंग नहीं, टूरिज्म बने भारत की ताकत

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         अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति ने भारत की अर्थव्यवस्था और रोजगार को लेकर नई चिंताएं खड़ी कर दी हैं। इसी बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सुझाव दिया है कि भारत को मैन्युफैक्चरिंग पर ही निर्भर रहने के बजाय टूरिज्म सेक्टर पर अधिक ध्यान देना चाहिए।

    सिंगापुर दौरे से लौटे शशि थरूर ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ से भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बड़ा नुकसान हो सकता है। इसका असर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत को ऐसे क्षेत्र की तलाश करनी होगी जहां अंतरराष्ट्रीय बाजार के दबाव कम हों, और पर्यटन इसके लिए सबसे उपयुक्त है।

    थरूर का मानना है कि पर्यटन ऐसा क्षेत्र है जो न सिर्फ विदेशी निवेश आकर्षित करता है बल्कि सीधे स्थानीय स्तर पर रोजगार पैदा करता है। होटल, रेस्टोरेंट, ट्रांसपोर्ट, गाइड सर्विस और शिल्पकारी जैसे क्षेत्र इससे जुड़ते हैं। इसके अलावा, यह भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को भी दुनिया के सामने प्रस्तुत करता है।

    अमेरिकी टैरिफ के कारण भारत के निर्यातक और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां प्रभावित हो रही हैं। इससे लाखों नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। थरूर ने कहा कि अगर पर्यटन को प्राथमिकता दी जाए तो यह रोजगार संकट को काफी हद तक कम कर सकता है।

    भारत दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते पर्यटन बाजारों में से एक है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, पर्यटन से भारत को सालाना 280 बिलियन डॉलर से अधिक की कमाई होती है। आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा दोगुना होने की संभावना है।

    शशि थरूर का कहना है कि भारत को “Incredible India” जैसे अभियानों को और सशक्त करना चाहिए। साथ ही, इंफ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षा और स्वच्छता पर अधिक जोर देकर विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर भारत पर्यटन पर ध्यान दे, तो यह आने वाले दशकों में अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन सकता है।

    कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि केवल पर्यटन पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं होगा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को भी मजबूत करना जरूरी है। हालांकि, वे इस बात से सहमत हैं कि पर्यटन भारत की अर्थव्यवस्था को विविधता और मजबूती प्रदान कर सकता है।

    सरकार के लिए चुनौती यह होगी कि वह पर्यटन इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से सुधार सके। एयरपोर्ट, सड़क, होटल और डिजिटल सेवाओं को आधुनिक बनाने की दिशा में बड़े निवेश की आवश्यकता होगी। साथ ही, सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण भी अहम पहलू हैं।

    अमेरिकी टैरिफ संकट ने भारत की अर्थव्यवस्था के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। शशि थरूर का सुझाव है कि भारत को अपनी ताकतों पर ध्यान देना चाहिए और पर्यटन इसका सबसे मजबूत क्षेत्र बन सकता है। अगर सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाती है, तो आने वाले समय में भारत न केवल रोजगार संकट से उबर पाएगा, बल्कि दुनिया का प्रमुख पर्यटन केंद्र भी बन सकता है।

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