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    प्याज के भाव में गिरावट: नासिक के किसानों का ‘रास्ता रोको’ आंदोलन, आर्थिक संकट में किसान

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    नासिक जिले में प्याज के भाव में लगातार गिरावट के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। इस मुश्किल के चलते नासिक के किसानों ने निफाड़ तहसील में ‘रास्ता रोको’ आंदोलन किया, जिससे जिले के कई प्रमुख मार्गों पर यातायात प्रभावित हुआ। किसानों का कहना है कि उनकी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिल रहा, जिससे वे गहरी आर्थिक समस्या का सामना कर रहे हैं।

    किसानों ने बताया कि प्याज के भाव में गिरावट की वजह से उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। इसके अलावा पेमेंट में देरी, व्यापारियों द्वारा मनमानी कीमतें और उचित बाजार उपलब्ध न होना उनकी परेशानी को और बढ़ा रहा है।
    किसान नेता रमेश पाटिल ने कहा, “हमारी मेहनत और लागत का कोई उचित मूल्य नहीं मिल रहा। सरकार से मांग है कि हमी भाव तय किया जाए और पेमेंट समय पर किया जाए, अन्यथा हमारी आजीविका खतरे में है।”

    किसानों ने निफाड़ तहसील के प्रमुख मार्गों पर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। इससे स्थानीय ट्रैफिक और परिवहन पर असर पड़ा। किसानों का उद्देश्य केवल ध्यान आकर्षित करना था और उन्होंने कहा कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से किया गया।
    इस प्रकार के आंदोलन से यह स्पष्ट होता है कि किसान अपनी समस्याओं को उजागर करने और सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

    नासिक और आसपास के जिलों में प्याज की पैदावार सामान्य है, लेकिन बाजार में भाव में गिरावट ने किसानों की स्थिति कठिन कर दी है। व्यापारियों ने बताया कि वैश्विक बाजार में मांग घटने और स्थानीय वितरण में कमी के कारण भाव कम हो रहे हैं।
    किसानों का कहना है कि उन्होंने लागत से कम भाव पर प्याज बेचना मजबूरी में किया, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति खराब हुई।

    स्थानीय प्रशासन ने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की। तहसीलदार ने कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान सरकार तक पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा, पुलिस ने रोड जाम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित किया ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना न हो।
    सरकार ने भी संकेत दिया है कि प्याज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और हमी भाव के उपाय पर विचार किया जा रहा है।

    किसानों का कहना है कि प्याज उनकी मुख्य फसल है और इसके कम भाव से उनका पूरा परिवार प्रभावित होता है। बच्चों की पढ़ाई, कर्ज की अदायगी और दैनिक जीवन पर इसका सीधा असर पड़ता है।
    स्थानीय समाज में भी इस आंदोलन का असर दिखाई दिया। आम नागरिकों ने किसानों की आर्थिक स्थिति को समझते हुए समर्थन किया, लेकिन यातायात बाधित होने के कारण लोगों को असुविधा भी हुई।

    व्यापारी और थोक बाजार के लोग मानते हैं कि यह समय का प्राकृतिक परिणाम है। उनका कहना है कि बाजार में मांग और आपूर्ति का संतुलन होना चाहिए। हालांकि कुछ व्यापारियों ने कहा कि सरकार द्वारा हमी भाव और न्यूनतम मूल्य तय करना चाहिए ताकि किसानों को लाभ मिल सके।

    किसान नेता इस आंदोलन के माध्यम से सरकार से अपील कर रहे हैं कि प्याज के भाव में न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू किया जाए और किसानों को समय पर पेमेंट मिले। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में बड़े आंदोलन की संभावना है।

    नासिक के किसानों का यह ‘रास्ता रोको’ आंदोलन स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि कृषि क्षेत्र में उचित मूल्य और सरकारी समर्थन की आवश्यकता कितनी अहम है।
    प्याज किसानों की आजीविका का मुख्य साधन है और उनकी समस्याओं को हल करना न केवल सरकार की जिम्मेदारी है, बल्कि देश की कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है।
    आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन और सरकार किसानों की मांगों के प्रति किस प्रकार कदम उठाती है और प्याज किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाती है।

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