




भारतीय शेयर बाजार ने आज मजबूती दिखाई। निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स दोनों सूचकांकों में अच्छी बढ़त दर्ज हुई। निवेशकों में उत्साह का मुख्य कारण भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता से मिले सकारात्मक संकेत और अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) की संभावित ब्याज दर कटौती की उम्मीद है।
आज के कारोबार में निफ्टी 50 करीब 25,239 अंक पर बंद हुआ, जो लगभग 0.68% की बढ़त को दर्शाता है। वहीं बीएसई सेंसेक्स भी लगभग 82,380 अंक तक पहुंच गया और 0.73% की तेजी दर्ज की। शुरुआती कारोबार में दोनों इंडेक्सेस ने मजबूत शुरुआत की और दिनभर में उतार-चढ़ाव के बावजूद सकारात्मक रुख बनाए रखा।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी खरीदारी का माहौल रहा। निवेशकों का विश्वास इस बात से मजबूत हुआ कि अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर आर्थिक गतिविधियों में सुधार के संकेत मिल रहे हैं।
वैश्विक बाजारों में भी सकारात्मकता देखी गई। अमेरिकी और एशियाई बाजारों ने हाल के दिनों में स्थिरता दिखाई है। वहीं, यूरोपीय बाजार भी मजबूत रुख के साथ खुले।
सबसे अहम कारण है भारत-अमेरिका ट्रेड वार्ता। नई दिल्ली में हुई हालिया वार्ता को दोनों देशों ने “सकारात्मक और भविष्य उन्मुख” बताया। इसका असर सीधे भारतीय इक्विटी बाजार पर पड़ा।
भारत और अमेरिका ने इस बात पर सहमति जताई है कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता जल्द ही अंतिम रूप ले सकता है। यह समझौता दोनों देशों के बीच निवेश और निर्यात के अवसरों को मजबूत करेगा।
हालांकि, रूसी तेल पर अमेरिकी टैरिफ की मांग अभी भी विवाद का विषय बनी हुई है। भारत इस पर सतर्क रुख अपनाए हुए है। फिर भी निवेशकों को विश्वास है कि दोनों देश सामंजस्य बनाकर आगे बढ़ेंगे।
निवेशकों की सबसे बड़ी नजर इस सप्ताह होने वाली फेडरल रिजर्व की बैठक पर है। कयास लगाए जा रहे हैं कि फेड 25 बेसिस प्वाइंट की दर कटौती कर सकता है।
अगर ऐसा होता है तो वैश्विक तरलता बढ़ेगी और उभरते बाजारों में पूंजी का प्रवाह तेज हो सकता है। इसका सीधा फायदा भारतीय शेयर बाजार को मिलेगा।
किन सेक्टरों ने दिखाई मजबूती?
आज के कारोबार में कुछ सेक्टरों ने बेहतर प्रदर्शन किया, जबकि कुछ पर दबाव बना रहा:
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आईटी और ऑटो सेक्टर: वैश्विक मांग बढ़ने की उम्मीद से इन शेयरों में खरीदारी देखी गई।
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रियल एस्टेट: ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से इस सेक्टर में तेजी रही।
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फार्मा और मेटल: इन सेक्टरों में हल्की गिरावट दर्ज हुई, हालांकि लंबे समय में इनसे सुधार की संभावना बनी हुई है।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी निवेशकों ने दिलचस्पी दिखाई, जिससे बाजार की चौड़ाई मजबूत बनी रही।
विदेशी निवेशकों का रुझान
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने हाल के दिनों में भारतीय बाजार में अच्छी खरीदारी की है। साथ ही घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) भी समर्थन दे रहे हैं। इन दोनों की संयुक्त भागीदारी से बाजार में स्थिरता और मजबूती आई है।
निवेशकों के लिए क्या संकेत हैं?
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारत-अमेरिका ट्रेड डील और फेड की दर कटौती की उम्मीदें सच साबित होती हैं, तो निफ्टी और सेंसेक्स में और मजबूती आ सकती है।
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निफ्टी 50 के लिए अगला रेजिस्टेंस स्तर 25,400 अंक माना जा रहा है।
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नीचे की ओर 25,100 अंक पर सपोर्ट है।
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सेंसेक्स के लिए 82,800 अंक का स्तर अगला लक्ष्य माना जा सकता है।
आगे की चुनौतियाँ
हालांकि माहौल सकारात्मक है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ बनी हुई हैं:
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वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव अभी भी बाजार पर असर डाल सकते हैं।
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रूसी तेल पर टैरिफ का मुद्दा भारत-अमेरिका वार्ता को धीमा कर सकता है।
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अमेरिकी महंगाई दर (Inflation Data) और आर्थिक संकेतक भी बाजार की दिशा तय करेंगे।
आज का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए सकारात्मक रहा। निवेशकों में उत्साह और विश्वास साफ नजर आया। भारत-अमेरिका ट्रेड वार्ता और फेडरल रिजर्व की नीतिगत संभावनाओं ने बाजार की धारणा को मजबूती दी।