




भारतीय शेयर बाजार में इस साल का सबसे बड़ा इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) आने वाला है। टाटा ग्रुप की वित्तीय सेवाओं से जुड़ी कंपनी टाटा कैपिटल अगले महीने अपना आईपीओ लाने की तैयारी में है। खास बात यह है कि इस IPO से सबसे ज्यादा फायदा इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC) को होने वाला है, जो अपनी आधी हिस्सेदारी बेचकर 13 गुना से ज्यादा रिटर्न कमाने जा रहा है।
टाटा कैपिटल का IPO क्यों खास है?
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टाटा कैपिटल, टाटा ग्रुप की प्रमुख नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) है।
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बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह IPO इस साल का सबसे बड़ा इश्यू साबित हो सकता है।
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कंपनी के पास रिटेल लोन, इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस, SME लोन, वेल्थ मैनेजमेंट और इंश्योरेंस ब्रोकिंग जैसे कई सेगमेंट में मजबूत पकड़ है।
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मजबूत ब्रांड वैल्यू और निवेशकों का भरोसा इस इश्यू को आकर्षक बनाता है।
IFC का बड़ा दांव और मुनाफा
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IFC, जो विश्व बैंक समूह का हिस्सा है, ने टाटा कैपिटल में साल 2009 में निवेश किया था।
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उस समय IFC ने लगभग ₹1,000 करोड़ का निवेश किया था।
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अब IPO में IFC अपनी लगभग आधी हिस्सेदारी (50%) बेचने की योजना बना रहा है।
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बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, IFC को इस डील से अपने निवेश पर 13 गुना से ज्यादा रिटर्न मिलेगा। यानी IFC की झोली में मोटा मुनाफा आने वाला है।
IPO से जुटाई जाएगी कितनी रकम?
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शुरुआती अनुमान के मुताबिक, टाटा कैपिटल के IPO से बाजार से ₹20,000–₹25,000 करोड़ जुटाए जा सकते हैं।
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यह इश्यू पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए लाया जाएगा, यानी इसमें कंपनी नई शेयर पूंजी जारी नहीं करेगी बल्कि मौजूदा निवेशक ही अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे।
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IPO के बाद कंपनी का वैल्यूएशन लगभग ₹2 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है।
निवेशकों के लिए क्या है अवसर?
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लॉन्ग टर्म ग्रोथ: टाटा ग्रुप की ब्रांड वैल्यू और NBFC सेक्टर में कंपनी की मजबूत पकड़ इसे लॉन्ग टर्म निवेश के लिए बेहतर बना सकती है।
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डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो: टाटा कैपिटल का कारोबार कई क्षेत्रों में फैला है, जिससे रिस्क बैलेंस्ड है।
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लार्ज कैप पोटेंशियल: IPO के बाद कंपनी बाजार में एक बड़ी NBFC के रूप में और भी मजबूत स्थिति में आ सकती है।
बाजार विशेषज्ञों की राय
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ICICI सिक्योरिटीज के एनालिस्ट का कहना है:
“टाटा कैपिटल का IPO भारतीय बाजार के लिए एक बड़ा इवेंट है। इसकी ब्रांड स्ट्रेंथ और ग्रोथ पोटेंशियल इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाते हैं।” -
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार:
“NBFC सेक्टर में RBI की सख्त नीतियों और बढ़ती प्रतियोगिता के बावजूद टाटा कैपिटल की स्थिति मजबूत है। IPO लिस्टिंग के बाद शेयर में अच्छी लिस्टिंग गेन की संभावना है।”
निवेशकों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
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OFS आधारित इश्यू: चूंकि यह IPO पूरी तरह से OFS है, इसलिए कंपनी को नई पूंजी नहीं मिलेगी।
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वैल्यूएशन का स्तर: अगर IPO का प्राइस बैंड बहुत ऊंचा रखा गया तो रिटेल निवेशकों के लिए जोखिम बढ़ सकता है।
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मार्केट वोलैटिलिटी: फेड रिजर्व और घरेलू ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव IPO की सफलता को प्रभावित कर सकता है।
पिछले बड़े IPO से तुलना
हाल ही में LIC का IPO भारत का सबसे बड़ा इश्यू रहा था, जिससे सरकार ने लगभग ₹21,000 करोड़ जुटाए थे। टाटा कैपिटल का IPO इससे भी बड़ा होने की संभावना जताई जा रही है। निवेशकों का कहना है कि यह IPO भारत के कैपिटल मार्केट में नई ऊंचाई ला सकता है।
टाटा कैपिटल का IPO भारतीय शेयर बाजार के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकता है। IFC अपनी हिस्सेदारी बेचकर 13 गुना से ज्यादा रिटर्न कमाने जा रहा है, जो इस इश्यू की सबसे बड़ी हाइलाइट है।
निवेशकों के लिए यह IPO न सिर्फ लिस्टिंग गेन बल्कि लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन का भी अवसर ला सकता है। हालांकि, वैल्यूएशन और बाजार की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही निवेश का फैसला करना समझदारी होगी।