




वैश्विक निवेश बैंक जेफरीज ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि भारत के शेयर बाजारों में म्यूचुअल फंड निवेशों की स्थिरता के कारण गिरावट से बचाव हो रहा है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि बाजार अगले कुछ महीनों तक साइडवेज़ ट्रेडिंग की ओर बढ़ सकता है।
म्यूचुअल फंड निवेशों की स्थिरता
रिपोर्ट के अनुसार, सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIPs) के माध्यम से म्यूचुअल फंडों में नियमित निवेशों ने बाजार में स्थिरता बनाए रखी है। इस वर्ष के पहले पांच महीनों में म्यूचुअल फंडों में कुल 21 अरब डॉलर का निवेश हुआ है, जिसमें से लगभग 3 अरब डॉलर प्रति माह SIPs के माध्यम से आए हैं। ये निवेश बाजार में 6 से 10 अरब डॉलर की मासिक आपूर्ति को अवशोषित करने में सहायक रहे हैं।
आपूर्ति और मांग का संतुलन
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि ये निवेश नहीं होते, तो बाजार में आपूर्ति की उच्च मात्रा के कारण गिरावट हो सकती थी। जेफरीज के अनुसार, अगले 12 महीनों में बाजार में 50 से 70 अरब डॉलर की नई आपूर्ति हो सकती है, जो कि कॉर्पोरेट और प्राइवेट इक्विटी निवेशकों द्वारा अपनी हिस्सेदारी बेचने के कारण है।
साइडवेज़ ट्रेडिंग की संभावना
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि निकट भविष्य में बाजार साइडवेज़ ट्रेडिंग की ओर बढ़ सकता है। हालांकि, यदि आर्थिक विकास में सुधार होता है और नीतिगत उपायों से मदद मिलती है, तो नए कैलेंडर वर्ष में रैली की संभावना है।
दीर्घकालिक दृष्टिकोण
दीर्घकालिक दृष्टिकोण से, जेफरीज ने भारत को वैश्विक इक्विटी बाजारों में सबसे मजबूत संरचनात्मक विकास कहानी के रूप में देखा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि छोटे और मिड-कैप क्षेत्रों में गहरी इक्विटी निर्गम की प्रक्रिया जारी है, जो निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर प्रदान करती है।
निवेशकों के लिए सुझाव
विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को वर्तमान में साइडवेज़ ट्रेडिंग की स्थिति को देखते हुए अपने पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखनी चाहिए। साथ ही, दीर्घकालिक निवेश के लिए छोटे और मिड-कैप क्षेत्रों में संभावनाओं पर विचार करना चाहिए।