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Hurun Wealth Report 2025 ने भारत में उच्च आय वर्ग और संपत्ति वाले लोगों की ताजा जानकारी सामने रखी है। रिपोर्ट के अनुसार, देश में अब 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक सालाना कमाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह वृद्धि भारत की आर्थिक प्रगति, डिजिटल कारोबार और निवेश विकल्पों में विविधता के कारण हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 1.5 लाख लोग ऐसे हैं जो सालाना 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक की आय अर्जित करते हैं। इनमें उद्योगपति, कारोबारी, उच्च पदस्थ कर्मचारी, निवेशक और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय पेशेवर शामिल हैं। Hurun की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि इन लोगों की कुल संपत्ति और निवेश पैटर्न में पिछले वर्षों में काफी बदलाव आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि 1 करोड़ से अधिक की वार्षिक आय वाले लोग अब भारत की कुल टैक्स योगदान में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखते हैं। इससे यह भी पता चलता है कि उच्च आय वर्ग देश की आर्थिक वृद्धि और विकास में अहम भूमिका निभा रहा है। टैक्स भुगतान और निवेश गतिविधियों के जरिए यह वर्ग आर्थिक स्थिरता और रोजगार सृजन में मदद कर रहा है।
Hurun Wealth Report में यह भी सामने आया है कि उच्च आय वर्ग की संख्या में वृद्धि नए उद्योगों और स्टार्टअप कल्चर के कारण हुई है। डिजिटल प्लेटफॉर्म, IT सेवा, फाइनेंस, फार्मास्यूटिकल्स और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में तेजी से विकास ने अमीर वर्ग की संख्या बढ़ाई है। इसके अलावा, निवेश और शेयर बाजार में सक्रियता ने भी उच्च आय वर्ग को मजबूत किया है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के बड़े शहरों में 1 करोड़ से अधिक वार्षिक आय वाले लोगों की संख्या ज्यादा है। मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और पुणे जैसे शहरों में इनकी संख्या सबसे अधिक है। इन शहरों में वित्तीय, तकनीकी और उद्योग क्षेत्रों की प्रगति ने उच्च आय वर्ग को बढ़ावा दिया है।
Hurun रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में भारत में टैक्सपेयर्स की संख्या भी बढ़ी है। उच्च आय वर्ग के लोग अब वित्तीय पारदर्शिता और टैक्स अनुपालन को प्राथमिकता दे रहे हैं। इससे सरकार की टैक्स राजस्व में वृद्धि हुई है और आर्थिक योजनाओं को बेहतर बनाने में मदद मिली है।
रिपोर्ट में यह भी इंगित किया गया है कि भारत में 1 करोड़ से अधिक सालाना कमाने वाले लोग सिर्फ आर्थिक रूप से सशक्त नहीं हैं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी और निवेश गतिविधियों में भी सक्रिय हैं। ये लोग शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में योगदान देते हैं।
Hurun Wealth Report 2025 में यह तथ्य भी सामने आया है कि उच्च आय वर्ग की संपत्ति में अचल संपत्ति, शेयर बाजार, डिजिटल निवेश और व्यवसायिक संपत्ति का बड़ा हिस्सा शामिल है। निवेश में यह विविधता न केवल आय की स्थिरता बढ़ाती है, बल्कि आर्थिक जोखिमों को भी संतुलित करती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में 1 करोड़ से अधिक वार्षिक आय वाले लोगों की संख्या बढ़ने से देश की वैश्विक आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है। उच्च आय वर्ग निवेश और व्यावसायिक गतिविधियों के जरिए नौकरी और विकास के अवसर पैदा करता है। इसके अलावा, इस वर्ग का टैक्स योगदान सरकार की योजनाओं और देश की आर्थिक नीतियों के लिए भी अहम है।
Hurun Wealth Report के आंकड़े यह दिखाते हैं कि उच्च आय वर्ग के लोग अब डिजिटल कारोबार और स्टार्टअप इनोवेशन के जरिए अधिक संपत्ति अर्जित कर रहे हैं। इससे युवा उद्यमियों और पेशेवरों के लिए प्रेरणा मिल रही है कि वे नए अवसरों का लाभ लें और आर्थिक समृद्धि में योगदान करें।
इस रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक भारत में 1 करोड़ रुपये वार्षिक आय वाले लोगों की संख्या और बढ़ सकती है। इसके लिए सरकार की नीतियां, आर्थिक अवसर और निवेश के विकल्प मुख्य भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा, डिजिटल और तकनीकी क्षेत्रों में नई नौकरियों और व्यवसायों के अवसर भी इस वृद्धि में योगदान करेंगे।
कुल मिलाकर Hurun Wealth Report 2025 ने भारत में उच्च आय वर्ग और टैक्सपेयर्स की स्थिति को स्पष्ट किया है। रिपोर्ट बताती है कि 1 करोड़ से अधिक सालाना आय वाले लोग न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हैं, बल्कि देश की आर्थिक वृद्धि, रोजगार सृजन और सामाजिक जिम्मेदारी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
यह रिपोर्ट सरकार, उद्योगपति और आम नागरिकों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत का उच्च आय वर्ग देश की आर्थिक प्रगति और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अहम योगदान दे रहा है।






