




अयोध्या नगरी में हर साल होने वाली रामलीला अपनी भव्यता और दिव्यता के लिए प्रसिद्ध है। इस बार भी रामलीला के मंचन ने लोगों के दिलों में आस्था और उल्लास दोनों भर दिए। सबसे खास दृश्य वह रहा जब भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह मंच पर संपन्न हुआ। इस अद्भुत क्षण को देखने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ी और पूरा माहौल “जय श्रीराम” के नारों से गूंज उठा।
22 वर्षीय सुंदरी बनीं माता सीता
रामलीला में इस बार माता सीता की भूमिका 22 साल की एक कलाकार ने निभाई। जैसे ही वह सुनहरे लहंगे और पारंपरिक आभूषणों से सजीं, दर्शकों की निगाहें उन पर टिक गईं। उनकी मुस्कान और गरिमा ने इस पात्र को और भी जीवंत बना दिया। लोगों ने कहा कि उनकी सुंदरता और सौम्यता वास्तव में माता सीता की छवि को साकार करती है।
लहंगे और गहनों में दिव्य आभा
माता सीता का रूप निभा रही कलाकार ने पारंपरिक डिजाइन वाला सुनहरा-लाल लहंगा पहना था। उस पर कढ़ाई और जरी का काम किया गया था। माथे पर बिंदी, सिर पर दुपट्टा और पारंपरिक आभूषणों ने उनके रूप को और निखार दिया। ऐसा लग रहा था मानो त्रेता युग का स्वयंवर सचमुच पुनः जीवित हो गया हो। मंच पर जब वे पुष्पमालाओं के साथ प्रकट हुईं, तो तालियों और नारों की गड़गड़ाहट से पूरा पंडाल गूंज उठा।
भगवान राम का प्रवेश और स्वयंवर का दृश्य
भगवान राम की भूमिका निभा रहे कलाकार ने जब शिवधनुष को उठाकर तोड़ा, तो पूरा मंच तालियों और जयकारों से भर गया। यह क्षण हर साल दर्शकों के लिए विशेष होता है, क्योंकि यह वही घटना है जिसने राम और सीता के मिलन की राह बनाई। मंच पर फूलों की वर्षा हुई और दोनों के विवाह का दृश्य इतना अद्भुत था कि कई दर्शकों की आंखें खुशी से नम हो गईं।
दर्शकों का उत्साह
अयोध्या की रामलीला का आकर्षण केवल धार्मिक श्रद्धा तक सीमित नहीं है। यह आयोजन सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। हजारों लोग दूर-दराज़ से यहां केवल इस विवाह के दृश्य को देखने आते हैं। इस बार भी मंच पर जैसे ही विवाह की रस्में शुरू हुईं, लोग अपने मोबाइल कैमरों में हर पल कैद करने लगे। सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों ने धूम मचा दी है।
आयोजकों की मेहनत
रामलीला समिति ने इस बार मंच सज्जा, वेशभूषा और लाइटिंग पर विशेष ध्यान दिया। विवाह मंडप को सुनहरे और लाल रंगों से सजाया गया था। पुष्पों की सजावट ने पूरे दृश्य को और आकर्षक बना दिया। आयोजकों ने कहा कि वे हर साल इस आयोजन को और भव्य बनाने की कोशिश करते हैं ताकि आने वाली पीढ़ियां भारतीय संस्कृति और परंपरा से जुड़ी रहें।
कलाकारों की तैयारी
माता सीता का किरदार निभाने वाली कलाकार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह भूमिका उनके लिए सम्मान और आस्था का विषय है। उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने कई दिनों तक तैयारी की, खासकर पारंपरिक भाव-भंगिमाओं और संवादों को याद करने में। उन्होंने कहा – “माता सीता का किरदार निभाना आसान नहीं है। इसमें केवल सुंदरता नहीं, बल्कि आस्था और धैर्य का भाव भी होना चाहिए।”
श्रद्धा और संस्कृति का संगम
रामलीला के मंचन से अयोध्या में एक अद्भुत धार्मिक माहौल बना। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी ने इस आयोजन में शामिल होकर आनंद लिया। कई श्रद्धालुओं ने कहा कि मंचन के दौरान ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो वे स्वयं त्रेता युग की घटनाओं का साक्षात्कार कर रहे हों।
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें
राम-सीता विवाह की तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हो चुकी हैं। इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर (अब एक्स) पर लोग लगातार इन्हें शेयर कर रहे हैं। खासकर माता सीता का लहंगा और उनका दिव्य रूप चर्चा का केंद्र बना हुआ है। कई लोगों ने लिखा – “यह अब तक का सबसे सुंदर राम-सीता विवाह है।”
आने वाले कार्यक्रम
रामलीला समिति ने बताया कि आने वाले दिनों में लक्ष्मण-परशुराम संवाद, वनगमन और रावण वध जैसे दृश्य प्रस्तुत किए जाएंगे। लेकिन राम-सीता विवाह का दृश्य हमेशा ही इस रामलीला का मुख्य आकर्षण रहा है और रहेगा।
अयोध्या रामलीला का यह भव्य आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट करता है बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा की जीवंत मिसाल भी है। 22 वर्षीय कलाकार द्वारा निभाई गई माता सीता की भूमिका ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सुनहरे लहंगे और पारंपरिक आभूषणों में उनका दिव्य रूप देखकर हर किसी ने महसूस किया कि वास्तव में यह “राम-सीता विवाह” इतिहास और आस्था दोनों को जीवंत कर रहा है।
सोशल मीडिया पर छाए इन पलों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि रामलीला केवल नाटक नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक उत्सव है, जो हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है।