




पंकज सिंह | प्रयागराज | समाचार वाणी न्यूज़
यागराज से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। फाफामऊ थाना क्षेत्र के मलाका के पास देर रात हुए भीषण सड़क हादसे ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं। इस हादसे में प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य देवव्रत जी महाराज के दो वर्षीय मासूम बेटे की मौत हो गई, जबकि उनके भाई शिवम की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जानकारी के अनुसार, गुरुवार देर रात आचार्य देवव्रत जी महाराज की कथा होलागढ़ इलाके में चल रही थी। इसी दौरान उनके दो वर्षीय बेटे की अचानक तबीयत बिगड़ गई। बच्चे की नाजुक हालत को देखते हुए परिवार के लोग उसे तत्काल इलाज के लिए प्रयागराज लेकर आ रहे थे। लेकिन रास्ते में मलाका के पास उनकी कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई।
टक्कर इतनी भीषण थी कि मासूम बेटे की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, आचार्य देवव्रत के भाई शिवम गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की सूचना पाकर स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और घायलों को नजदीकी अस्पताल भेजा।
आचार्य देवव्रत जी महाराज प्रतापगढ़ जिले के हथिगवां थाना क्षेत्र के परसीपुर बटौआ गांव के रहने वाले हैं। वे एक प्रसिद्ध कथावाचक हैं और देशभर में धार्मिक आयोजनों में भाग लेते रहते हैं। इस समय वे प्रयागराज के होलागढ़ इलाके में कथा कर रहे थे। भक्तों की भीड़ उनके प्रवचनों को सुनने के लिए बड़ी संख्या में उमड़ती है।
लेकिन इस दर्दनाक हादसे की खबर सुनकर उनके अनुयायियों और शिष्यों में गम का माहौल है। लोग इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त कर रहे हैं और परिवार को हिम्मत देने की दुआ कर रहे हैं।
फाफामऊ थाना पुलिस का कहना है कि हादसे की प्राथमिक जांच में कार का अनियंत्रित होना वजह बताई जा रही है। डिवाइडर से टकराने के बाद कार के अगले हिस्से के परखच्चे उड़ गए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और घायलों के इलाज पर नजर रखी जा रही है।
मलाका क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने बताया कि यह जगह अक्सर हादसों के लिए कुख्यात है। डिवाइडर और मोड़ के कारण कई बार गाड़ियां नियंत्रण खो बैठती हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि सड़क पर सुरक्षा इंतजाम और चेतावनी संकेतक लगाए जाएं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
आचार्य देवव्रत जी महाराज का परिवार इस हादसे से सदमे में है। मासूम बेटे की मौत और भाई की गंभीर हालत ने सभी को झकझोर दिया है। धार्मिक समुदाय से जुड़े लोग लगातार परिवार के संपर्क में हैं और हर संभव सहयोग का आश्वासन दे रहे हैं।
प्रयागराज का यह सड़क हादसा एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और सावधानी के महत्व की ओर इशारा करता है। एक छोटी सी लापरवाही या अनियंत्रित वाहन परिवार की खुशियां छीन सकता है। आचार्य देवव्रत जी महाराज के परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। प्रशासन और समाज दोनों की जिम्मेदारी है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जाएं।