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    गणित में MSc करने वाले अक्षय जेवलिया ने डेयरी बिजनेस से कमाए सालाना 3 करोड़, बन गए मिसाल

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    हरियाणा के सिरसा जिले के रूपावास गांव से एक प्रेरक कहानी सामने आई है। अक्षय कुमार जेवलिया, जिन्होंने गणित में MSc की डिग्री हासिल की है, ने नौकरी करने की बजाय अपना खुद का डेयरी व्यवसाय शुरू किया। आज वह सालाना 3 करोड़ रुपये की कमाई कर रहे हैं और पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।

    शिक्षा से व्यवसाय तक का सफर
    अक्षय ने अपनी शिक्षा में गहरी रुचि दिखाई और MSc (गणित) तक की पढ़ाई की। गणित में मास्टर्स होने के बावजूद उन्होंने पारंपरिक नौकरी का रास्ता नहीं अपनाया। उनके परिवार और दोस्त भी शुरुआत में हैरान थे कि गणितज्ञ नौकरी न कर डेयरी व्यवसाय में हाथ आजमाएंगे

    साल 2017 में अक्षय ने अपने गांव रूपावास में डेयरी फार्म शुरू किया। शुरूआत में चुनौतियाँ बहुत थीं – वित्तीय संसाधनों, तकनीकी ज्ञान और बाजार की जानकारी की कमी। लेकिन अक्षय ने गणित की विश्लेषण क्षमता और फॉर्मूले अपने व्यवसाय में लागू कर अपने फार्म को सफल बनाया।

    डेयरी फार्म की खासियत और कमाई
    अक्षय के डेयरी फार्म की सबसे बड़ी विशेषता है उनकी सटीक योजना और मैनेजमेंट। वह हर दिन लगभग 1,300 लीटर दूध बेचते हैं। इस दूध की बिक्री से उन्हें हर महीने लगभग 25 लाख रुपये की कमाई होती है। सालाना यह कमाई करीब 3 करोड़ रुपये तक पहुँचती है।

    विशेषज्ञों का कहना है कि अक्षय की सफलता का मूल कारण गणितीय विश्लेषण, रोजमर्रा की योजना और बाजार की समझ है। उन्होंने लागत, लाभ और बिक्री के फॉर्मूले का उपयोग कर अपने व्यवसाय को मुनाफे में बदल दिया।

    व्यवसाय के लिए गणित का इस्तेमाल
    अक्षय ने अपने डेयरी व्यवसाय में गणित का पूरा फायदा उठाया। दूध की पैदावार, बिक्री, लागत और लाभ का विश्लेषण करने के लिए उन्होंने सटीक गणितीय मॉडल तैयार किया। इससे उन्हें यह पता चलता है कि कौन सा दिन ज्यादा लाभ देगा, कितने पशु पर्याप्त हैं और दूध का सही मूल्य क्या होना चाहिए।

    उनका कहना है कि “गणित सिर्फ क्लासरूम तक सीमित नहीं होता। इसे आप व्यवसाय और जीवन में लागू कर सकते हैं। यही मेरी सफलता की कुंजी रही।”

    स्थानीय रोजगार और समाज पर प्रभाव
    अक्षय के डेयरी फार्म ने न केवल उन्हें मुनाफा दिया, बल्कि गांव में रोजगार के अवसर भी बढ़ाए। उनके फार्म में कई लोग काम करते हैं और उनकी मेहनत से पूरे गांव की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।

    साथ ही, अक्षय गांव के किसानों को भी मार्गदर्शन देते हैं। वह उन्हें बतातें हैं कि कैसे छोटे पैमाने पर डेयरी व्यवसाय से स्थिर आय बनाई जा सकती है। उनके प्रयास से रूपावास गांव डेयरी उद्योग के लिए मॉडल बन चुका है।

    प्रेरणा और सीख
    अक्षय की कहानी यह साबित करती है कि शिक्षा और व्यवसाय का संगम जीवन में सफलता दिला सकता है। गणित और विज्ञान के सिद्धांतों को वास्तविक जीवन में लागू करके वह व्यवसाय में नए आयाम स्थापित कर सके।

    विशेषज्ञों का कहना है कि अक्षय का यह मॉडल युवा उद्यमियों और किसानों के लिए प्रेरणा है। यह दिखाता है कि पारंपरिक नौकरी का रास्ता ही सफलता नहीं है। सही योजना, मेहनत और तकनीकी समझ से स्वयं का व्यवसाय भी बेहद सफल हो सकता है।

    भविष्य की योजनाएँ
    अक्षय ने अपनी भविष्य की योजनाओं में डेयरी फार्म का विस्तार करने और दूध से बने प्रोडक्ट्स जैसे पनीर, घी और दही के उत्पादन पर जोर देने की योजना बनाई है। उनका लक्ष्य है कि रूपावास गांव और आसपास के क्षेत्र को डेयरी उद्योग में आत्मनिर्भर बनाया जाए।

    अक्षय कुमार जेवलिया की कहानी यह दिखाती है कि शिक्षा, गणितीय सोच और मेहनत से किसी भी व्यवसाय को सफल बनाया जा सकता है। उनका डेयरी फार्म सिर्फ एक व्यवसाय नहीं, बल्कि प्रेरणा और मॉडल बन गया है।

    रूपावास गांव के इस गणितज्ञ से बने व्यवसायी ने साबित किया है कि सपने बड़े हों और योजना सटीक हो, तो सफलता निश्चित है। सालाना 3 करोड़ रुपये की कमाई के साथ अक्षय अब न केवल अपने लिए बल्कि पूरे गांव और आसपास के क्षेत्र के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं।

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