




न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र आमसभा के अवसर पर शुक्रवार को ब्रिक्स देशों (BRICS) के विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में भारत ने वैश्विक व्यापार व्यवस्था में उत्पन्न चुनौतियों और अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के प्रभाव पर विशेष जोर दिया।
बैठक में हिस्सा लेने वाले 10 प्रमुख देश ने एक साझा रणनीति पर विचार किया, जिससे वैश्विक व्यापार व्यवस्था को अधिक संतुलित और निष्पक्ष बनाया जा सके। भारत की ओर से इस बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भाग लिया और अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव से निपटने की दिशा में भारत की योजना साझा की।
अमेरिकी टैरिफ का असर
पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका ने कई देशों पर टैरिफ बढ़ा दिए हैं। इसका असर न केवल अमेरिकी व्यापारिक हितों पर बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (Global Supply Chain) और विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है।
जयशंकर ने बैठक में कहा कि –
“अमेरिकी टैरिफ के बढ़ते प्रभाव से वैश्विक व्यापार में असंतुलन पैदा हो रहा है। इससे विकासशील देशों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता प्रभावित हो रही है।”
उन्होंने जोर दिया कि 10 देशों का एकजुट होना इस चुनौती का जवाब देने के लिए आवश्यक है।
भारत का दृष्टिकोण
भारत ने बैठक में स्पष्ट किया कि –
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वैश्विक व्यापार में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना जरूरी है।
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अमेरिकी टैरिफ जैसे एकतरफा कदमों से व्यापारिक साझेदारी और निवेश प्रभावित हो रहे हैं।
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विकासशील देशों को अपनी अर्थव्यवस्था और निर्यात को स्थिर रखने के लिए संयुक्त रूप से कदम उठाने चाहिए।
जयशंकर ने कहा कि भारत का उद्देश्य वैश्विक आर्थिक संतुलन बनाए रखना और सभी देशों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना है।
10 देशों की साझा रणनीति
बैठक में भाग लेने वाले 10 देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि एकजुट होकर व्यापार बाधाओं का समाधान किया जा सकता है। इसके तहत साझा नीति और आर्थिक रणनीति तैयार करना। व्यापार घाटे और टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए आपसी सहयोग। अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंचों पर समान आवाज उठाना।
इस साझा रणनीति से उम्मीद की जा रही है कि अमेरिकी टैरिफ और अन्य देशों के एकतरफा व्यापार निर्णयों का प्रभाव कम किया जा सके।
ब्रिक्स देशों की भूमिका
BRICS देशों में भारत, ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इन देशों की वैश्विक आर्थिक ताकत और उत्पादन क्षमता उन्हें अंतरराष्ट्रीय व्यापार में निर्णायक भूमिका देती है।
जयशंकर ने बैठक में कहा कि BRICS देशों के बीच सहयोग बढ़ाकर वैश्विक व्यापार की असमानताओं को कम किया जा सकता है। इसके लिए नई नीतियों और तकनीकी सहयोग पर भी चर्चा हुई।
संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक मंच
बैठक का आयोजन संयुक्त राष्ट्र आमसभा के इतर किया गया। यह दर्शाता है कि वैश्विक मुद्दों का समाधान बहुपक्षीय मंचों के जरिए होना चाहिए।
जयशंकर ने बैठक में यह भी स्पष्ट किया कि भारत एक सतत, स्थिर और समावेशी वैश्विक व्यापार व्यवस्था चाहता है, जिसमें सभी देशों को समान अवसर और प्रतिस्पर्धा का मौका मिले।
भविष्य की दिशा
भारत और सहयोगी देशों की योजना है कि टैरिफ और अन्य व्यापार बाधाओं का सामना करने के लिए साझा आर्थिक रणनीति तैयार की जाए। विकासशील देशों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ाने के लिए तकनीकी और वित्तीय सहयोग मजबूत किया जाए। BRICS और अन्य वैश्विक मंचों के जरिए व्यापार असंतुलन पर कड़ा रुख अपनाया जाए।
न्यूयॉर्क में हुई BRICS देशों की बैठक ने यह साफ कर दिया है कि वैश्विक व्यापार में असंतुलन और टैरिफ जैसी चुनौतियों का सामना एकजुट होकर और साझा रणनीति के माध्यम से ही किया जा सकता है।