




भारत की सैन्य ताकत लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही है। एयर फोर्स को आधुनिक तकनीक से लैस करने की दिशा में भारत ने एक बड़ा कदम उठाया है।
अमेरिका के साथ भारत की जेट इंजन डील तय मानी जा रही है। इस डील से भारतीय वायुसेना के तेजस MK1A और भविष्य के AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) को नई शक्ति मिलेगी। यह साझेदारी भारत को न केवल चीन और पाकिस्तान के मुकाबले तकनीकी बढ़त दिलाएगी, बल्कि एशिया में भारत का दबदबा और मजबूत करेगी।
भारत की जेट इंजन चुनौती
अब तक भारत को स्वदेशी जेट इंजन बनाने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। DRDO और HAL ने ‘कावेरी इंजन’ प्रोजेक्ट पर काम किया, लेकिन यह अपेक्षित नतीजे नहीं दे पाया। इसके कारण भारत को विदेशी इंजनों पर निर्भर रहना पड़ा। अब अमेरिका के साथ डील से भारत की यह चुनौती खत्म हो सकती है।
अक्टूबर में हो सकती है बड़ी डील
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, अक्टूबर 2025 में यह ऐतिहासिक डील होने की संभावना है। तेजस MK1A के लिए जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के F414 इंजन पर सहमति बन चुकी है। यही इंजन भविष्य के AMCA और MK2 वेरिएंट को भी ताकत देगा। यह इंजन लगभग 98 किलो-न्यूटन थ्रस्ट पैदा करता है, जिससे भारत के लड़ाकू विमानों की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।
तेजस MK1A और AMCA की सुपर ताकत
तेजस MK1A
यह स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है। F414 इंजन लगने के बाद इसकी स्पीड, हथियार ले जाने की क्षमता और रेंज में जबरदस्त सुधार होगा। तेजस अब सिर्फ डिफेंसिव नहीं बल्कि आक्रामक भूमिका में भी सक्षम होगा।
AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft)
यह भारत का 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान प्रोजेक्ट है। इसमें स्टेल्थ तकनीक, सुपर क्रूजिंग और हाई-एंड एवियोनिक्स होंगे। पॉवरफुल इंजन मिलने के बाद यह अमेरिका के F-35 और चीन के J-20 जैसा सुपर फाइटर जेट बन सकेगा।
अमेरिका क्यों तैयार हुआ?
भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंध पिछले कुछ सालों में काफी मजबूत हुए हैं।
दोनों देशों ने पहले ही iCET (Initiative on Critical and Emerging Technology) के तहत समझौते किए हैं। अमेरिका को भारत एशिया में चीन के खिलाफ एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में दिख रहा है। यही वजह है कि अमेरिका अपने सबसे भरोसेमंद तकनीक में से एक – जेट इंजन – भारत के साथ साझा करने को तैयार हुआ है।
चीन और पाकिस्तान पर भारत की बढ़त
चीन
चीन के पास J-20 जैसे 5वीं पीढ़ी के विमान हैं, लेकिन उनके इंजन की विश्वसनीयता पर सवाल उठते रहते हैं। भारत के पास अगर अमेरिकी इंजन लगते हैं, तो चीन के मुकाबले इसकी तकनीकी स्थिति मजबूत होगी।
पाकिस्तान
पाकिस्तान अब भी F-16 और चीन से मिले JF-17 पर निर्भर है। भारत के पास तेजस MK1A और AMCA जैसे स्वदेशी लेकिन आधुनिक विमान होंगे, जो पाकिस्तान पर भारी पड़ेंगे।
रणनीतिक फायदे
भारत को एशिया में एक सुपर एयर पावर बनने का मौका मिलेगा। स्वदेशी उत्पादन क्षमता बढ़ेगी क्योंकि इंजन मैन्युफैक्चरिंग भारत में भी होगी। अमेरिका के साथ मजबूत रक्षा साझेदारी से भारत को हाई-टेक डिफेंस सेक्टर में और सहयोग मिलेगा।
भारत और अमेरिका की जेट इंजन डील सिर्फ रक्षा समझौता नहीं, बल्कि आने वाले दशकों में एशिया की रणनीति बदलने वाला फैसला है।
तेजस MK1A और AMCA जैसे स्वदेशी फाइटर जेट्स अब दुनिया की सबसे एडवांस्ड एयरफोर्सेस को टक्कर देने की क्षमता हासिल करेंगे।
यह कदम भारत को न केवल एशिया बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक एयर पावर के रूप में स्थापित करेगा।