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अगर आप अपनी एलपीजी सिलेंडर कंपनी से संतुष्ट नहीं हैं और सेवा में सुधार चाहते हैं, तो अब आपको अपनी कंपनी बदलने के लिए नया कनेक्शन लेने की आवश्यकता नहीं होगी। तेल नियामक संस्था, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB), ने एक नई व्यवस्था पर विचार करना शुरू किया है, जिसके तहत उपभोक्ता अपनी मौजूदा कनेक्शन के साथ ही एलपीजी कंपनी बदल सकेंगे। यह सुविधा मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की तरह काम करेगी, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा और विकल्प मिलेंगे।
क्या है एलपीजी पोर्टेबिलिटी?
एलपीजी पोर्टेबिलिटी का मतलब है कि उपभोक्ता अपनी मौजूदा एलपीजी कनेक्शन को बदले बिना, एक कंपनी से दूसरी कंपनी में स्विच कर सकेंगे। उदाहरण के लिए, अगर आप इंडेन गैस के उपभोक्ता हैं और सेवा से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप बिना नया कनेक्शन लिए, भारत गैस या एचपी गैस जैसी अन्य कंपनियों से सेवा प्राप्त कर सकेंगे।
PNGRB का प्रस्ताव और उद्देश्य
PNGRB ने इस प्रस्ताव को उपभोक्ताओं से सुझाव प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक किया है। बोर्ड का कहना है कि वर्तमान में उपभोक्ताओं को सेवा में रुकावटों और आपूर्ति में देरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में, एलपीजी पोर्टेबिलिटी से उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा और विकल्प मिलेंगे।
पहले की व्यवस्था और वर्तमान स्थिति
2013 में, UPA सरकार ने 24 जिलों में एलपीजी कनेक्शन पोर्टेबिलिटी की एक पायलट परियोजना शुरू की थी, जिसे 2014 में पूरे देश में लागू किया गया। हालांकि, उस समय उपभोक्ता केवल एक ही कंपनी के डीलर से दूसरे डीलर में स्विच कर सकते थे, लेकिन वे एक कंपनी से दूसरी कंपनी में नहीं जा सकते थे। अब PNGRB इस व्यवस्था को बदलने पर विचार कर रहा है।
उपभोक्ताओं के लिए लाभ
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बेहतर सेवा: सेवा में सुधार के लिए उपभोक्ता को विकल्प मिलेगा।
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सुविधाजनक आपूर्ति: आपातकालीन स्थितियों में निकटतम डीलर से गैस प्राप्त की जा सकेगी।
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स्पर्धा में वृद्धि: कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे सेवा गुणवत्ता में सुधार होगा।
नियमों और दिशानिर्देशों की तैयारी
PNGRB ने उपभोक्ताओं, वितरकों, नागरिक समाज संगठनों और अन्य हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए हैं। इन सुझावों के आधार पर, बोर्ड एलपीजी पोर्टेबिलिटी के लिए नियम और दिशानिर्देश तैयार करेगा और लागू करने की तिथि निर्धारित करेगा।
एलपीजी पोर्टेबिलिटी की यह नई व्यवस्था उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन्हें बेहतर सेवा और विकल्प प्रदान करेगी। हालांकि, यह सुविधा कब से लागू होगी, इसके लिए PNGRB द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों का इंतजार करना होगा।








