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    50 वर्षीय व्यक्ति की पुलिस से विवाद के दौरान गिरकर मौत, चेन्नई में हुई घटना

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    चेन्नई के मदुरवॉयल इलाके में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई, जहां 50 वर्षीय व्यक्ति की पुलिस से विवाद के बाद गिरकर मौत हो गई। यह घटना बुधवार सुबह तब घटी जब पुलिस ने रामु नामक एक व्यक्ति को रोककर उससे पूछताछ की। पुलिस और रामु के बीच बहस बढ़ गई, जिसके परिणामस्वरूप वह गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी मौत हो गई। इस घटना ने क्षेत्र में तनाव पैदा कर दिया है और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए हैं।

    घटना के अनुसार, पुलिस टीम ने रामु (50) को एक संदिग्ध व्यक्ति के रूप में देखा और उसे पूछताछ के लिए रोका। हालांकि, पुलिस के अनुसार, रामु ने पुलिस के साथ सहयोग करने के बजाय उनसे बहस की और उग्र हो गया। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, रामु अचानक असंतुलित होकर गिर पड़ा। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने उसे नजदीकी अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन रामु की मौत हो गई।

    एक स्थानीय प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “रामु ने पुलिस से बहस की और उस दौरान वह अचानक गिर पड़ा। पहले तो हमें लगा कि वह गिरकर घायल हुआ है, लेकिन जब उसकी हालत और खराब हुई, तो हम समझ गए कि कुछ गलत हो रहा है।”

    पुलिस ने घटना की रिपोर्ट दर्ज की और जांच शुरू कर दी, लेकिन यह मामला तब और गंभीर हो गया जब स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने अत्यधिक बल का प्रयोग किया, जिससे रामु की मौत हुई।

    रामु की मौत के बाद, क्षेत्र में स्थानीय निवासियों ने पुलिस की कार्रवाई को लेकर तीव्र विरोध जताया। कई लोगों का मानना है कि पुलिस ने मामूली विवाद को बढ़ा दिया और रामु की गिरने से मौत हो गई। स्थानीय नेताओं और समाजसेवियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने जरूरत से ज्यादा बल का इस्तेमाल किया, जो कि एक आम नागरिक के लिए अनुपयुक्त था।

    स्थानीय नेता शिव कुमार ने कहा, “यह सिर्फ एक साधारण जांच थी, लेकिन पुलिस ने इसे विवाद में बदल दिया। अगर पुलिस अधिक शांतिपूर्ण तरीके से इस स्थिति को संभालती तो शायद यह हादसा नहीं होता। अब हमें इस मामले की निष्पक्ष जांच चाहिए।”

    इसके बाद, इलाके में कई निवासियों ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका कहना था कि पुलिस को अपनी कार्यवाही में अधिक संयम और परिष्कृत तरीके से काम करना चाहिए था, ताकि इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।

    पुलिस ने इस मामले में अपनी सफाई दी और बताया कि रामु की मौत एक दुर्घटना थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, रामु को संदिग्ध गतिविधियों के कारण रोका गया था, और वह अचानक असंतुलित होकर गिर पड़ा। पुलिस ने कहा कि किसी भी प्रकार का अत्यधिक बल प्रयोग नहीं किया गया था और पूरी घटना पुलिस की जिम्मेदारी के तहत हुई।

    पुलिस प्रवक्ता ने कहा, “हमने रामु को रोका और उससे पूछताछ की, लेकिन वह उग्र हो गया और अचानक गिर पड़ा। पुलिस ने तुरंत उसे अस्पताल भेजने की कोशिश की, लेकिन वह अस्पताल पहुँचने से पहले ही मौत का शिकार हो गया। हमारी ओर से किसी प्रकार की हिंसा का प्रयोग नहीं किया गया।”

    रामु के परिवार और दोस्तों को इस घटना ने गहरे आघात में डाल दिया है। रामु की पत्नी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मेरे पति एक शांत और मेहनती व्यक्ति थे, वह कभी किसी से बहस नहीं करते थे। पुलिस को उनका सम्मान करना चाहिए था। अगर वह पुलिस से सम्मान से बात करते, तो यह घटना शायद नहीं होती।”

    रामु के बेटे ने भी कहा, “हमारे परिवार के लिए यह अत्यधिक दुखद है। हमें नहीं लगता कि वह खुद गिरकर मर सकते थे, कुछ और कारण हो सकता है। हम पुलिस से चाहते हैं कि वे पूरी निष्पक्षता के साथ इस मामले की जांच करें।”

    रामु की मौत ने केवल उसके परिवार को ही नहीं, बल्कि पूरे समुदाय को गहरे आघात में डाल दिया। इस घटना के बाद, चेन्नई के विभिन्न सामाजिक संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की है। उनका कहना है कि पुलिस को किसी भी नागरिक के साथ इस तरह की कठोरता से पेश नहीं आना चाहिए था।

    समाजसेवी दयानंद ने कहा, “यह घटना एक गहरी चिंता का विषय है। पुलिस को अपनी कार्रवाई में संयम रखना चाहिए, और अगर कोई नागरिक केवल अपना अधिकार मांग रहा है, तो उसे इस तरह के परिणामों का सामना नहीं करना चाहिए।”

    चेन्नई में एक व्यक्ति की पुलिस के साथ विवाद के दौरान गिरकर मौत ने पुलिस की कार्यवाही और उसके अधिकारों के बारे में महत्वपूर्ण सवाल खड़े किए हैं। यह घटना पुलिस और नागरिक के रिश्ते पर एक गंभीर सवाल उठाती है कि क्या पुलिस को अपने अधिकारों का इस्तेमाल इस तरह से करना चाहिए था। अगर पुलिस ने अपनी कार्यवाही में अधिक सावधानी और संयम बरता होता, तो शायद यह हादसा नहीं होता।

    अब, पूरे इलाके में इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है और उम्मीद की जा रही है कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के खिलाफ इस तरह की घटनाओं को लेकर स्थानीय लोगों में असंतोष और भय का माहौल बना हुआ है, और यह समय की आवश्यकता है कि पुलिस अपने कार्यों में पारदर्शिता और संवेदनशीलता दिखाए।

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