




भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई की मां, कमलताई गवई ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विजयादशमी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रण स्वीकार किया है। यह समारोह 5 अक्टूबर 2025 को महाराष्ट्र के अमरावती में आयोजित किया जाएगा और RSS के शताब्दी वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है।
कमलताई गवई के इस कदम ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का विषय बना दिया है। उनके बेटे, डॉ. राजेंद्र गवई, जो रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के सदस्य हैं, ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि व्यक्तिगत और राजनीतिक संबंध अलग-अलग होते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका परिवार अपनी आंबेडकरवादी विचारधारा और भारतीय संविधान के प्रति प्रतिबद्ध है और किसी भी परिस्थिति में अपनी विचारधारा को पीछे नहीं छोड़ता।
कमलताई गवई के इस कदम को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ लोग इसे विचारधारा की स्वतंत्रता का प्रतीक मानते हैं, जबकि अन्य इसे RSS के प्रति समर्थन के रूप में देख रहे हैं। इस मामले ने यह सवाल उठाया है कि व्यक्तिगत निर्णयों का सार्वजनिक जीवन और विचारधारा पर क्या प्रभाव पड़ता है।
कमलताई गवई के इस कदम ने यह स्पष्ट किया है कि विचारधारा की स्वतंत्रता और व्यक्तिगत निर्णयों का सम्मान करना आवश्यक है। यह घटना समाज में विचारों की विविधता और स्वतंत्रता की महत्वपूर्णता को उजागर करती है।