




करूर में हुए एक दुखद भगदड़ हादसे के मामले में पहले आरोपी मथियाज़गन और एक अन्य TVK कार्यकर्ता को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इसके अलावा, M.C. पौनराज का नाम भी सामने आया है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने मथियाज़गन को शरण दी। इस घटना ने न केवल करूर बल्कि तमिलनाडु के राजनीति और प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह घटना 29 सितंबर 2025 को करूर शहर के एक लोकप्रिय बाजार इलाके में हुई थी, जहां एक धार्मिक आयोजन के दौरान भारी भीड़ जमा हो गई थी। सुरक्षा के कड़े इंतजाम नहीं होने के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे और कुछ की हालत गंभीर थी। इस हादसे के बाद टीवीके सेंट्रल टाउन सचिव मथियाज़गन को पुलिस ने पहले आरोपी के तौर पर गिरफ्तार किया था।
मथियाज़गन पर आरोप है कि उसने आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की अनदेखी की, जिससे यह भगदड़ हुई। इसके अलावा, जांच में यह बात सामने आई कि M.C. पौनराज, जो कि एक अन्य टीवीके कार्यकर्ता हैं, ने मथियाज़गन को शरण दी और जांच में बाधा डालने की कोशिश की।
M.C. पौनराज पर आरोप है कि उसने मथियाज़गन को गिरफ्तारी से बचने के लिए शरण दी। पुलिस ने कहा कि पौनराज ने मथियाज़गन को अपने घर पर छिपाया, ताकि पुलिस उसे गिरफ्तार न कर सके। इसके बाद, पुलिस ने पौनराज के खिलाफ भी कार्रवाई की और उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, “हमारी जांच में यह सामने आया कि पौनराज ने जानबूझकर मथियाज़गन को शरण दी और उसकी गिरफ्तारी में अवरोध उत्पन्न करने की कोशिश की। यह एक गंभीर अपराध है, और इसके लिए पौनराज को भी गिरफ्तार किया गया है।”
घटना के बाद, पुलिस ने मथियाज़गन को गिरफ्तार किया और उसे करूर न्यायालय में पेश किया। कोर्ट ने मथियाज़गन को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इसके साथ ही, पौनराज को भी गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
करूर के एसपी ने कहा, “हमने मथियाज़गन और पौनराज दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों की भूमिका घटना में संदिग्ध रही है, और उनकी गिरफ्तारी से जांच में मदद मिलेगी। यह जांच अभी भी जारी है, और हम मामले को पूरी तरह से सुलझाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।”
घटना के बाद करूर जिले के स्थानीय लोगों और राजनीतिक नेताओं ने पुलिस की लापरवाही और प्रशासन की नाकामी की कड़ी आलोचना की है। स्थानीय नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा इंतजामों को गंभीरता से नहीं लिया, जिससे यह हादसा हुआ।
स्थानीय विधायक ने कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, और इसमें प्रशासन की जिम्मेदारी है। सुरक्षा के उचित इंतजाम नहीं थे और न ही कार्यक्रम के आयोजन को लेकर उचित सतर्कता बरती गई थी।”
इसके अलावा, कुछ नेताओं ने यह भी कहा कि इस हादसे में किसी भी राजनीतिक संगठन को शामिल नहीं किया जाना चाहिए और प्रशासन को जांच में पारदर्शिता रखनी चाहिए।
पुलिस ने घटना के बाद कड़े कदम उठाए, और मामले की जांच में तेजी लाई। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अब तक की जांच में यह सामने आया है कि मथियाज़गन और पौनराज दोनों ने आयोजन के दौरान सुरक्षा उपायों को नजरअंदाज किया। इसके अलावा, मथियाज़गन पर आरोप है कि उसने आयोजकों की तरफ से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया, जिसके कारण भगदड़ हुई।
पुलिस प्रवक्ता ने कहा, “हमारी प्राथमिकता घायलों की सहायता करना और मामले की निष्पक्ष जांच करना है। मथियाज़गन और पौनराज की गिरफ्तारी इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन अभी भी जांच जारी है। हम किसी भी दोषी को बख्शने का काम नहीं करेंगे।”
घटना में घायल हुए लोगों को करूर के सरकारी अस्पताल और अन्य निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कुछ लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है और उन्हें ICU में रखा गया है। डॉक्टरों के अनुसार, घायलों में से कुछ की स्थिति में सुधार हो रहा है, जबकि कुछ अन्य को इलाज में और समय लगेगा।
स्थानीय प्रशासन ने घायलों के इलाज में कोई कमी नहीं छोड़ी और सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई। इसके अलावा, प्रशासन ने अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और घायलों की देखभाल की पूरी जिम्मेदारी ली है।
इस घटना के बाद, करूर के स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग को कई सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है। सार्वजनिक आयोजनों के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना और आयोजकों को पूरी जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए।
इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि प्रशासन को बड़े आयोजनों की योजना बनाने और उनका संचालन करते समय अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
करूर में हुए इस भगदड़ हादसे ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि सुरक्षा और व्यवस्था का ठीक से पालन नहीं करने पर जान-माल की भारी हानि हो सकती है। मथियाज़गन और पौनराज की गिरफ्तारी इस मामले में एक अहम कदम है, लेकिन अब यह पुलिस की जिम्मेदारी है कि वे इस मामले की पूरी जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से करें, ताकि दोषियों को सजा दिलाई जा सके। इसके साथ ही, यह समय की आवश्यकता है कि प्रशासन भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए अधिक जिम्मेदारी से कार्य करे और सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता दे।