




तेलंगाना की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है। कोंडा लक्ष्मा रेड्डी, जो न केवल चेवेला निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक थे बल्कि न्यूज़ एंड सर्विसेज़ सिंडिकेट (NSS) के प्रबंध निदेशक भी रहे, का सोमवार सुबह 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
वे हैदराबाद के अपोलो अस्पताल में उम्र संबंधी बीमारियों के चलते उपचाराधीन थे, जहां उन्होंने सुबह 5:30 बजे अंतिम सांस ली।
कोंडा लक्ष्मा रेड्डी का राजनीतिक सफर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से शुरू हुआ और उन्होंने अपना पूरा जीवन उसी पार्टी को समर्पित कर दिया। वे तेलंगाना क्षेत्र में कांग्रेस के सबसे समर्पित नेताओं में गिने जाते थे।
उनकी राजनीतिक छवि सादगी, ईमानदारी और जनसेवा की रही। विधायक रहते हुए उन्होंने अपने क्षेत्र में बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विकास पर विशेष ध्यान दिया।
कोंडा रेड्डी ने राजनीति के साथ-साथ न्यूज़ एंड सर्विसेज़ सिंडिकेट (NSS) के प्रबंध निदेशक के तौर पर भी उल्लेखनीय योगदान दिया। NSS के जरिए उन्होंने देश भर में संचार और सूचना के क्षेत्र में मजबूत आधार खड़ा किया।
उनके नेतृत्व में NSS ने ग्रामीण क्षेत्रों में समाचार पहुंचाने के लिए नई योजनाएं लागू कीं और सरकारी जानकारी आम जनता तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई।
कोंडा लक्ष्मा रेड्डी के निधन की खबर जैसे ही फैली, चेवेला और हैदराबाद दोनों ही क्षेत्रों में शोक का माहौल छा गया।
स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आम जनता ने अपने-अपने तरीके से उन्हें श्रद्धांजलि दी। पार्टी कार्यालयों पर झंडे झुका दिए गए और कुछ जगहों पर मौन सभा का आयोजन किया गया।
हैदराबाद के कई हिस्सों में राजनीतिक गतिविधियों को स्थगित कर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए गए। जैसे बेलगावी की घटना के बाद धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हुई थी, वैसे ही यहां भी दुख के माहौल के बीच सामाजिक शांति और सौहार्द की वापसी देखी गई।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री, कई वरिष्ठ नेताओं और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया।
📌 मुख्यमंत्री का बयान:
“कोंडा लक्ष्मा रेड्डी जी एक महान जनसेवक थे। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके निधन से राज्य ने एक ईमानदार नेता को खो दिया है।”
📌 कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रेवन्त रेड्डी ने कहा:
“कोंडा जी का जीवन संघर्ष और सेवा का प्रतीक था। वे पार्टी के मूल्यों के सच्चे प्रतिनिधि थे।”
कोंडा लक्ष्मा रेड्डी को उनके निर्वाचन क्षेत्र में “जन नेता” के रूप में जाना जाता था। उन्होंने दलितों, पिछड़ों और किसानों के अधिकारों के लिए हमेशा आवाज़ उठाई।
उनकी प्रमुख उपलब्धियों में:
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चेवेला में सरकारी स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना
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कांग्रेस संगठन को गांव स्तर तक मजबूत करना
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NSS के जरिए सरकारी नीतियों को दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचाना
कोंडा रेड्डी का पार्थिव शरीर सोमवार को उनके हैदराबाद स्थित आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता, समर्थक और सामाजिक संगठनों के सदस्य श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं।
14 अक्टूबर को उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। तेलंगाना सरकार ने उनके सम्मान में एक दिन का शोक घोषित किया है।
कोंडा लक्ष्मा रेड्डी जैसे नेता विरले होते हैं, जिन्होंने राजनीति को सेवा का माध्यम माना और सच्चे अर्थों में लोगों के लिए जिए।