




भारत की आंतरिक सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के 41वें स्थापना दिवस के अवसर पर ऐलान किया कि अयोध्या में जल्द ही एनएसजी का नया सेंटर (हब) स्थापित किया जाएगा। यह सेंटर देश के उत्तरी क्षेत्र में सुरक्षा और आतंकवाद-रोधी मिशनों के लिए एक अहम केंद्र साबित होगा।
दिल्ली के मानेसर स्थित एनएसजी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में गृह मंत्री ने कहा कि एनएसजी देश की शान है और इसकी उपस्थिति ने भारत की सुरक्षा व्यवस्था को विश्वस्तरीय स्तर तक पहुंचाया है। अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा, “अयोध्या में एनएसजी हब का निर्माण केवल एक प्रशासनिक फैसला नहीं है, बल्कि यह उत्तर भारत की सुरक्षा प्रणाली को नई मजबूती देने वाला ऐतिहासिक कदम है।”
उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों — मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, गुवाहाटी, जयपुर और गांधीनगर — में पहले से ही एनएसजी के हब मौजूद हैं। अब अयोध्या में नया हब बनने से न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे उत्तरी क्षेत्र में सुरक्षा बलों की तैनाती और प्रतिक्रिया क्षमता में जबरदस्त सुधार आएगा।
अमित शाह ने कहा कि अयोध्या धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भारत का गौरव है, और यहां लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं। ऐसे में एनएसजी की उपस्थिति सुरक्षा के लिहाज से बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, “अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन चुका है। यह अब वैश्विक धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनने जा रहा है। इसलिए वहां उच्चस्तरीय सुरक्षा तंत्र की जरूरत है, जिसे अब एनएसजी की ब्लैक कैट कमांडो फोर्स पूरा करेगी।”
एनएसजी, जिसे आमतौर पर ‘ब्लैक कैट कमांडो’ कहा जाता है, भारत की सबसे प्रशिक्षित और हाई-टेक सुरक्षा इकाइयों में से एक है। इसका गठन 1984 में किया गया था, जब देश में आतंकवाद की घटनाएं तेजी से बढ़ रही थीं। इस फोर्स का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद से निपटना, बंधक मुक्ति अभियान चलाना और हाई-रिस्क वीआईपी सुरक्षा देना है।
अमित शाह ने अपने भाषण में एनएसजी के जांबाज जवानों की वीरता को सलाम करते हुए कहा कि यह फोर्स देश की सुरक्षा के लिए दिन-रात तत्पर रहती है। उन्होंने कहा, “एनएसजी के कमांडो हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। उन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमले से लेकर पठानकोट और उरी जैसे अभियानों में अपनी बहादुरी का लोहा मनवाया है।”
गृह मंत्री ने यह भी बताया कि अयोध्या में बनने वाला एनएसजी सेंटर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। इसमें अत्याधुनिक हथियार, संचार प्रणाली, ट्रेनिंग ग्राउंड, बुलेटप्रूफ वाहन और इंटेलिजेंस नेटवर्क का विशेष सेटअप शामिल होगा। उन्होंने कहा कि यह सेंटर न केवल धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बल्कि उत्तर भारत में आतंकवाद-रोधी ऑपरेशनों के लिए भी अहम हब बनेगा।
जानकारों का मानना है कि अयोध्या में एनएसजी हब की स्थापना से उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्यों जैसे बिहार, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में भी सुरक्षा बलों की तैनाती और तत्परता में तेजी आएगी। यह हब किसी भी इमरजेंसी स्थिति में मिनटों में ब्लैक कैट कमांडो को ऑपरेशन लोकेशन तक पहुंचने में मदद करेगा।
कार्यक्रम में अमित शाह ने एनएसजी के कमांडो और अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी फोर्स ने हमेशा देश को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा, “भारत सरकार आतंकवाद और आंतरिक खतरों से निपटने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। एनएसजी की भूमिका इस दिशा में महत्वपूर्ण है और आने वाले समय में इसकी ताकत और बढ़ाई जाएगी।”
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि एनएसजी की क्षमता विस्तार के लिए आने वाले बजट में विशेष प्रावधान किए जाएंगे, जिससे नई तकनीक, आधुनिक हथियार और अत्याधुनिक प्रशिक्षण उपकरण उपलब्ध कराए जा सकें।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सुरक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बन रहा है। उन्होंने कहा कि एनएसजी जैसी संस्थाएं देश की सुरक्षा आत्मनिर्भरता का प्रतीक हैं।
कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री ने एनएसजी के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने कहा, “देश अपने हर उस जवान का ऋणी है जिसने अपनी जान की परवाह किए बिना मातृभूमि की रक्षा की। उनकी वीरता और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।”
एनएसजी के महानिदेशक ने भी इस मौके पर गृह मंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि अयोध्या में नया सेंटर बनना एनएसजी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय होगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय उत्तर भारत में तेजी से बढ़ती सुरक्षा जरूरतों को पूरा करेगा और फोर्स की पहुंच को और व्यापक बनाएगा।
अयोध्या में एनएसजी हब के निर्माण की प्रक्रिया आने वाले कुछ महीनों में शुरू हो जाएगी। सरकार ने इसके लिए भूमि आवंटन और बुनियादी ढांचे की तैयारी का काम शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि अगले 18 से 24 महीनों में यह सेंटर पूरी तरह से चालू हो जाएगा।
इस घोषणा के बाद अयोध्या के लोगों में भी उत्साह है। स्थानीय प्रशासन ने इसे “शहर की सुरक्षा और प्रतिष्ठा के लिए ऐतिहासिक फैसला” बताया है।