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    चीन ने अमेरिकी संबंधों वाली दक्षिण कोरियाई शिपबिल्डर Hanwha की इकाइयों पर लगाया प्रतिबंध

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    चीन ने मंगलवार को दक्षिण कोरिया के प्रमुख शिपबिल्डर Hanwha Ocean की उन पांच अमेरिकी संबद्ध इकाइयों पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, जो चीन की नजर में उसकी संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानी जा रही थीं। यह कदम उस दिन आया जब अमेरिका और चीन ने एक-दूसरे के जहाजों पर नए बंदरगाह शुल्क लागू किए।

    चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि इन अमेरिकी इकाइयों ने U.S. Section 301 जांच में सहयोग किया, जिसके तहत अमेरिका चीन पर अनुचित प्रतिस्पर्धात्मक लाभ के आरोप लगा रहा है। चीन ने इन इकाइयों पर व्यापार और तकनीकी सहयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।

    चीन ने जिन इकाइयों पर प्रतिबंध लगाए हैं, उनमें शामिल हैं:

    • Hanwha Ocean USA International LLC

    • Hanwha Shipping Holdings LLC

    • Hanwha Philly Shipyard Inc.

    • Hanwha Shipping LLC

    • HS USA Holdings Corp.

    इन कंपनियों के साथ किसी भी प्रकार की लेन-देन, तकनीकी साझेदारी, वित्तीय समर्थन या आयात-निर्यात गतिविधि पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।

    इस खबर के बाद Hanwha Ocean के शेयरों में 5.3% की गिरावट दर्ज की गई। कोरियाई शेयर बाजार में निवेशकों ने चिंता जताई कि इस तरह की कार्रवाई भविष्य में और अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं को प्रभावित कर सकती है।

    गौरतलब है कि आज ही अमेरिका और चीन ने एक-दूसरे के वाणिज्यिक जहाजों पर नए शुल्क लगाने की प्रक्रिया शुरू की है। अमेरिका का आरोप है कि चीन शिपबिल्डिंग और समुद्री लॉजिस्टिक्स में भारी सब्सिडी देकर अनुचित प्रतिस्पर्धा करता है। जवाब में चीन ने उन जहाजों को शुल्क से छूट दी है जो चीन में बनाए गए हैं

    वाणिज्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा:

    “इन कंपनियों की गतिविधियाँ चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास हितों के विरुद्ध हैं। इस तरह की कार्रवाइयों का कड़ा जवाब देना हमारी जिम्मेदारी है।”

    चीन ने Anti-Foreign Sanctions Law के तहत यह कदम उठाया है, जो उसे विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति देता है।

    दक्षिण कोरिया सरकार ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन जानकारों का मानना है कि वह स्थिति की गंभीरता को समझते हुए राजनयिक स्तर पर हस्तक्षेप कर सकती है।

    यह घटना केवल Hanwha Ocean या दक्षिण कोरिया तक सीमित नहीं है। यह वैश्विक व्यापार प्रणाली में गहराते तनाव और चीन-अमेरिका प्रतिद्वंद्विता का संकेत है। शिपबिल्डिंग जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में अब राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ रहा है, जो आगे चलकर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को भी प्रभावित कर सकता है।

    आर्थिक विश्लेषक मानते हैं कि चीन का यह कदम दो उद्देश्य पूरे करता है:

    1. अमेरिका को सख्त चेतावनी देना कि वह चीन के खिलाफ व्यापारिक जाँच न चलाए।

    2. अन्य अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को संदेश देना कि चीनी हितों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

    Hanwha Ocean पर चीनी कार्रवाई, एक सामान्य व्यापार विवाद से आगे बढ़कर भू-राजनीतिक संघर्ष का रूप ले रही है। अमेरिका, चीन, और दक्षिण कोरिया के बीच यह गतिरोध आने वाले महीनों में वैश्विक व्यापार नीति को नए मोड़ पर ले जा सकता है।

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