




भारत के तकनीकी विकास को नई दिशा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए, गूगल ने आंध्र प्रदेश सरकार के साथ मिलकर ₹87,520 करोड़ के निवेश की घोषणा की है। इस निवेश के तहत विशाखापट्टनम में एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्लाउड कंप्यूटिंग आधारित डेटा सेंटर स्थापित किया जाएगा।
यह घोषणा मंगलवार को नई दिल्ली में दोनों पक्षों के बीच स्मरण पत्र (MoU) पर हस्ताक्षर के बाद की गई। इस डेटा सेंटर की क्षमता 1 गीगावॉट होगी और यह न केवल भारत, बल्कि पूरे एशिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से उन्नत केंद्र होगा।
गूगल द्वारा प्रस्तावित यह डेटा सेंटर पूरी तरह से AI-संचालित, क्लाउड-इनेबल्ड, और ग्रीन एनर्जी से संचालित होगा। इसका उद्देश्य भारत में:
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बड़े पैमाने पर डेटा प्रोसेसिंग
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एआई मॉडल का विकास और परीक्षण
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भारतीय स्टार्टअप्स और सरकारी योजनाओं को डिजिटल बूस्ट
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साइबर सुरक्षा और डेटा स्टोरेज को मजबूत करना है।
इस परियोजना के निर्माण से सीधे और परोक्ष रूप से 50,000 से अधिक नौकरियों के अवसर सृजित होने की संभावना है। इसमें इंजीनियर, तकनीकी विशेषज्ञ, निर्माण श्रमिक, क्लाउड ऑपरेटर और सुरक्षा कर्मी शामिल होंगे।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने कहा:
“यह निवेश राज्य की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करेगा और विशाखापट्टनम को एक अंतरराष्ट्रीय टेक्नोलॉजी हब में बदल देगा। हम गूगल का स्वागत करते हैं।”
गूगल ने आश्वासन दिया है कि यह डेटा सेंटर 100% नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर आधारित होगा। इसके लिए राज्य सरकार से:
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सौर और पवन ऊर्जा संयंत्रों की अनुमति
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जल संरक्षण तकनीकों का प्रयोग
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पर्यावरणीय प्रभाव का अध्ययन और उसका समाधान सुनिश्चित किया गया है।
यह निवेश भारत के लिए एक बड़ा मौका है, जिससे देश:
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ग्लोबल एआई हब के रूप में उभरेगा
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अपने डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ कर सकेगा
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मल्टीनेशनल कंपनियों को भारत में निवेश के लिए प्रेरित करेगा
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युवाओं को AI, Cloud, और Big Data जैसे उभरते क्षेत्रों में स्किल डेवलपमेंट का अवसर देगा।
भारत में टेक्नोलॉजी उद्योग और स्टार्टअप समुदाय ने इस फैसले का स्वागत किया है। नासकॉम और स्टार्टअप इंडिया जैसे संगठनों ने कहा है कि:
“गूगल का यह निवेश भारत की डिजिटल स्वतंत्रता और नवाचार क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर ले जाएगा।”
विशाखापट्टनम को गूगल ने कई वजहों से चुना:
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बेहतरीन समुद्री कनेक्टिविटी
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तकनीकी कुशल मानव संसाधन
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शांतिपूर्ण वातावरण
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तेजी से विकसित होता इंफ्रास्ट्रक्चर
राज्य सरकार का कहना है कि:
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इस परियोजना से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा
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आसपास के गांवों में CSR गतिविधियों से शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी
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युवाओं को मुफ्त तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा
हालांकि, कुछ स्थानीय संगठनों ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में पारदर्शिता और पुनर्वास पर सवाल उठाए हैं, जिन पर सरकार ने जांच और समाधान का आश्वासन दिया है।
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निर्माण कार्य: जनवरी 2026 से शुरू
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पहला चरण: दिसंबर 2027 तक पूरा
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पूर्ण संचालन: मार्च 2028 तक
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रोजगार मेलों और स्किल ट्रेनिंग की शुरुआत: जून 2026 से
गूगल का यह निवेश भारत के तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मील का पत्थर है। विशाखापट्टनम में बनने वाला यह डेटा सेंटर न केवल देश को क्लाउड और एआई तकनीकों में आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि भारत को ग्लोबल टेक्नोलॉजी पावरहाउस बनाने की नींव भी रखेगा।