




मुंबई में दिवाली के मौके पर तेज आवाज वाले पटाखों पर सख्ती बढ़ गई है। जैसे ही त्योहार करीब आता है, शहर के विभिन्न इलाकों में कानफाड़ू आवाज वाले पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल की खबरें सामने आती हैं। इन पटाखों की खरीद-बिक्री पर नियमों के अनुसार प्रतिबंध है, लेकिन कई लोग अवैध रूप से इन्हें खरीदकर पर्यावरण और नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं। इस साल मुंबई पुलिस ने इस मामले को लेकर विशेष योजना बनाई है और अवैध पटाखों की पैनी नजर रखने की तैयारी कर ली है।
मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, तेज आवाज वाले पटाखों की बिक्री न केवल ध्वनि प्रदूषण बढ़ाती है, बल्कि बच्चों, बुजुर्गों और पशुओं के लिए भी खतरा पैदा करती है। इसके अलावा, इन पटाखों की अवैध निर्माण प्रक्रिया और सुरक्षा मानकों की अनदेखी से हादसों की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए पुलिस ने यह तय किया है कि इस दिवाली पर किसी भी प्रकार के अवैध पटाखों की बिक्री और उपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस वर्ष पुलिस ने चारों ओर स्पेशल टीम्स और ड्रोन निगरानी के जरिए अवैध पटाखा विक्रेताओं पर कार्रवाई करने की योजना बनाई है। सभी स्थानीय थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे निगरानी बढ़ाएं और विशेष रूप से उन इलाकों में छापेमारी करें जहां से अवैध पटाखों की बिक्री की शिकायतें आती हैं। इसके अलावा, पुलिस ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे अवैध पटाखों की जानकारी तुरंत अधिकारियों को दें।
विशेषज्ञों का कहना है कि तेज आवाज वाले पटाखों की बिक्री पर नियंत्रण रखने से न केवल ध्वनि प्रदूषण कम होगा, बल्कि हादसों और आग लगने के खतरे में भी कमी आएगी। महाराष्ट्र सरकार ने पहले ही ग्रीन पटाखों को बढ़ावा देने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, लेकिन कई विक्रेता अभी भी पुराने और तेज आवाज वाले पटाखे बेचते हैं। पुलिस की सख्ती से ऐसे विक्रेताओं और उपभोक्ताओं को गंभीर चेतावनी मिलेगी।
मुंबई पुलिस की योजना के अनुसार, पुलिसकर्मी रात और दिन दोनों समय निगरानी करेंगे। सड़क किनारे और बाजारों में स्पेशल टीम्स, साथ ही शहर में ड्रोन कैमरों के जरिए पैट्रोलिंग और निगरानी की जाएगी। पुलिस का मानना है कि इस तरह की व्यापक कार्रवाई से अवैध पटाखा व्यापारियों और खरीददारों दोनों पर अंकुश लगेगा।
नगरपालिका और पर्यावरण विभाग के अधिकारी भी पुलिस के साथ मिलकर ग्रीन पटाखों की बढ़ती लोकप्रियता को सुनिश्चित करेंगे। इसके तहत दुकानदारों को चेतावनी दी जाएगी कि केवल पर्यावरण और ध्वनि मानकों के अनुरूप पटाखे ही बेचें। नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना और लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।
इस दिवाली, पुलिस का फोकस सिर्फ बिक्री पर नहीं बल्कि उपयोग पर भी रहेगा। अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि तेज आवाज वाले पटाखों का उपयोग न हो और लोग अधिक से अधिक ग्रीन पटाखों का ही इस्तेमाल करें। यह कदम पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है।
नागरिक भी पुलिस और प्रशासन की इस पहल में सहयोग कर सकते हैं। उनके लिए सलाह दी गई है कि वे अपने आस-पास अवैध पटाखा विक्रेताओं की जानकारी साझा करें और अपने बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें। विशेषकर घरों में आग लगने और दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सुरक्षा उपायों का पालन करें।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस साल पुलिस की कार्रवाई सफल रही, तो मुंबई में आने वाले वर्षों में ध्वनि प्रदूषण और दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है। साथ ही, लोगों में ग्रीन और सुरक्षित पटाखों की ओर रुझान बढ़ेगा। इससे न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी बल्कि शहर में दिवाली का त्योहार सुरक्षित और आनंदमय भी मनाया जा सकेगा।
इस पूरे अभियान से यह स्पष्ट हो गया है कि तेज आवाज वाले पटाखों की कोई छूट नहीं होगी। मुंबई पुलिस की पैनी नजर, स्पेशल टीम्स और ड्रोन निगरानी से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शहर में दिवाली शांति और सुरक्षा के साथ मनाई जाए। इस योजना से अवैध पटाखों के कारोबारियों और उपभोक्ताओं को सख्त संदेश मिला है कि कानून और सुरक्षा नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।