




लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को चंडीगढ़ में हरियाणा कैडर के IPS अधिकारी वाई पूरण कुमार के घर जाकर उनके परिवार से मुलाकात की। इस मुलाकात का उद्देश्य दिवंगत अधिकारी के परिवार को सांत्वना देना और प्रशासनिक एवं राजनीतिक दृष्टिकोण से उनके परिवार के साथ खड़ा होना था। वाई पूरण कुमार ने हाल ही में आत्महत्या कर ली थी, और उनकी मृत्यु ने देश में प्रशासनिक स्तर पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
राहुल गांधी ने परिवार के सदस्यों से बातचीत में कहा कि यह सिर्फ एक परिवार का मामला नहीं है, बल्कि यह देश के हर दलित परिवार का मामला है। उन्होंने जोर देकर कहा कि दलितों के खिलाफ होने वाली अन्यायपूर्ण कार्रवाइयों और भेदभाव की घटनाओं पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि सरकार और प्रशासनिक तंत्र को इस तरह की घटनाओं को रोकने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
इस दौरान राहुल गांधी ने IAS अमनीत से भी बातचीत की और प्रशासनिक स्तर पर सुधार की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की। उनका मानना है कि वाई पूरण कुमार की मौत केवल व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि यह सिस्टम की कमियों को उजागर करती है, और ऐसे मामलों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी।
विशेषज्ञों के अनुसार, राहुल गांधी का यह दौरा न केवल परिवार को मानसिक सहारा देने के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि यह दलित अधिकारों और सुरक्षा के मुद्दों पर राजनीतिक संदेश भी देता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि विपक्ष भी प्रशासनिक और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
राहुल गांधी ने परिवार से बात करते हुए यह आश्वासन दिया कि वे लोकसभा और पार्टी के माध्यम से वाई पूरण कुमार के परिवार के साथ खड़े रहेंगे और इस मामले में कार्रवाई के लिए दबाव बनाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों की जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी अधिकारी या नागरिक को समान परिस्थिति का सामना न करना पड़े।
इस दौरान, राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से देश के प्रशासनिक ढांचे और दलित वर्ग के विश्वास को चुनौती मिलती है। उन्होंने जोर दिया कि प्रशासनिक अधिकारियों और दलित परिवारों के साथ न्याय सुनिश्चित करने के लिए सख्त नीति और निगरानी जरूरी है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह दौरा न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण था। दिवंगत अधिकारी के परिवार के लिए यह सांत्वना और समर्थन का प्रतीक है, और साथ ही प्रशासनिक सुधार और दलित अधिकारों के मुद्दों पर जागरूकता भी बढ़ाता है।
राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी इस मामले को सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक न्याय और दलित सुरक्षा के नजरिए से देख रही है। उन्होंने यह आग्रह किया कि सरकार और प्रशासन ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करें और दोषियों को किसी भी प्रकार की संरक्षण न मिले।
इस दौरे के दौरान राहुल गांधी ने परिवार को विश्वास दिलाया कि अगले कदमों में न्याय सुनिश्चित करने के लिए सभी संसाधन और प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वाई पूरण कुमार की मृत्यु ने देश में प्रशासनिक और सामाजिक दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।