




स्पेसएक्स ने सोमवार, 13 अक्टूबर 2025 को टेक्सास के स्टारबेस से अपनी 11वीं स्टारशिप टेस्ट फ्लाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह उड़ान कंपनी के लिए पुनःप्रयोग योग्य रॉकेट डिज़ाइन की क्षमता का परीक्षण करने के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
रॉकेट ने एक घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरी और अंततः भारतीय महासागर में सुरक्षित रूप से स्प्लैश लैंडिंग की, जिससे यह तकनीक की बड़ी उपलब्धि साबित हुई। इस टेस्ट फ्लाइट ने पिछले अगस्त में हुए असफल प्रयासों के बाद स्पेसएक्स को एक नई सफलता दिलाई है।
स्पेसएक्स के संस्थापक और सीईओ एलोन मस्क ने बार-बार बताया है कि स्टारशिप का उद्देश्य पृथ्वी की कक्षा में माल और मानव को ले जाने के अलावा भविष्य में चंद्रमा और मंगल ग्रह पर मानव मिशन को सक्षम बनाना है। स्टारशिप पूरी तरह से पुनःप्रयोग योग्य रॉकेट है, जिसका मतलब है कि इसे कई बार उड़ान भरने के बाद भी पुनः इस्तेमाल किया जा सकता है। यह अंतरिक्ष यात्रा की लागत को काफी कम कर देगा।
यह उड़ान स्टारशिप के डिजाइन, इंजन और नियंत्रण प्रणालियों की जांच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी। इस सफल परीक्षण ने कंपनी की आगामी मानव मिशनों की योजना को मजबूती दी है।
स्पेसएक्स ने पिछले कुछ वर्षों में कई बार स्टारशिप के टेस्ट फ्लाइट किए हैं। कई परीक्षण विफल भी रहे, जिनमें रॉकेट का उड़ान के दौरान फटना या लैंडिंग में असफलता शामिल है। खासकर अगस्त 2025 की उड़ान में सुधार लाने के बाद, इस बार की उड़ान ने तकनीकी सुधारों का परिचय दिया।
इस बार स्टारशिप ने बेहतर इंजन प्रदर्शन, फ्लाइट कंट्रोल और सुरक्षित लैंडिंग दिखाई। विशेषज्ञों का कहना है कि यह उड़ान स्पेसएक्स की अंतरिक्ष में पुनःप्रयोगीयता की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
एलोन मस्क ने इस रॉकेट को सिर्फ एक टेक्नोलॉजिकल प्रोजेक्ट नहीं बल्कि मानवता के भविष्य के लिए क्रांतिकारी कदम बताया है। उनका लक्ष्य है कि स्टारशिप के जरिए अंतरिक्ष यात्रा को इतना किफायती और सुलभ बनाया जाए कि हजारों लोग चंद्रमा और मंगल जैसे दूर के ग्रहों तक पहुंच सकें।
मस्क ने भविष्य की योजनाओं में मंगल ग्रह पर स्थायी मानव बस्ती बसाना शामिल किया है। यह उड़ान इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए एक बड़ा कदम है।
अंतरिक्ष वैज्ञानिक और विशेषज्ञ इस सफलता को एक बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं। डॉ. अर्चना शर्मा, एक प्रमुख अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने कहा,
“स्पेसएक्स की यह उड़ान निजी क्षेत्र की अंतरिक्ष यात्रा के लिए नई संभावनाओं को खोलती है। पुनःप्रयोगीय रॉकेट तकनीक आने वाले वर्षों में अंतरिक्ष यात्रा को व्यापक और किफायती बनाएगी।”
अंतरिक्ष अनुसंधान में बढ़ते निजी निवेश के साथ, इस तरह के सफल परीक्षण भारत समेत विश्व के लिए भी प्रेरणादायक हैं।
स्पेसएक्स ने घोषणा की है कि आने वाले महीनों में वे स्टारशिप के माध्यम से अंतरिक्ष में मनुष्यों की उड़ान भी शुरू करने की तैयारी में हैं। इसके साथ ही यह रॉकेट चंद्रमा और मंगल के लिए भी बड़े मिशनों में उपयोग किया जाएगा।
इस तकनीक के सफल होने से न केवल अंतरिक्ष यात्रा की लागत घटेगी, बल्कि यह अंतरिक्ष में सतत उपस्थिति और मानव विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
स्पेसएक्स की 11वीं स्टारशिप टेस्ट फ्लाइट ने अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में पुनःप्रयोग योग्य रॉकेट तकनीक को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। टेक्सास से उड़ान भरने वाला यह विशाल रॉकेट अब विश्व भर के अंतरिक्ष शोधकर्ताओं और आम जनता के लिए आशा की किरण बन गया है।