




राजधानी लखनऊ के अब्बास बाग क्षेत्र में सोमवार रात उस समय अफरा-तफरी मच गई जब शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद और उनके समर्थकों पर पत्थरबाज़ी और ईंटों से हमला किया गया। मौलाना करबला परिसर में कथित अवैध निर्माण की जांच करने पहुंचे थे, जहाँ यह घटना घटित हुई। इस हमले के बाद उन्होंने विरोधस्वरूप मौके पर ही धरना शुरू कर दिया और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया।
शहर के हृदयस्थल अब्बास बाग में स्थित करबला स्थल पर लंबे समय से जमीन विवाद और अवैध निर्माण को लेकर विवाद चल रहा है। मौलाना कल्बे जवाद ने पहले भी इस स्थल पर हो रहे अतिक्रमण के खिलाफ आवाज उठाई थी।
सोमवार को वे स्थिति का जायज़ा लेने के लिए करबला पहुंचे थे, तभी कुछ लोगों ने उन पर और उनके समर्थकों पर अचानक पथराव शुरू कर दिया। चश्मदीदों के अनुसार, यह हमला योजनाबद्ध प्रतीत हो रहा था।
हमले के बाद मौलाना कल्बे जवाद ने मीडिया से बातचीत में कहा:
“यह हमला सिर्फ मेरी जान पर नहीं, बल्कि हमारी आस्था और समुदाय की सुरक्षा पर हमला है। पुलिस को पहले ही सूचना दी गई थी, लेकिन उन्होंने कोई सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई।”
मौलाना ने दावा किया कि जब वह मौके पर पहुंचे, तभी कुछ अराजक तत्व पहले से घात लगाकर बैठे थे। जैसे ही उन्होंने अवैध निर्माण की जांच शुरू की, वैसे ही हमला कर दिया गया।
घटना के बाद मौलाना और उनके समर्थकों ने करबला स्थल पर ही धरना देना शुरू कर दिया। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि:
“अगर आज एक धार्मिक नेता सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिकों का क्या होगा?”
धरने के दौरान उन्होंने यह भी चेताया कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो वे राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे।
ठाकुरगंज थाना प्रभारी ओमवीर सिंह चौहान ने बताया कि उन्हें घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस बल मौके पर भेजा गया। स्थिति को नियंत्रण में लिया गया और शिकायत के आधार पर FIR दर्ज की गई है।
शिकायतकर्ता सरिम मेहदी ने 6 नामजद और लगभग 20–25 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। FIR में आरोप लगाया गया है कि:
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मौलाना की गाड़ी पर हमला किया गया
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समर्थकों को धमकाया गया
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धार्मिक स्थल की गरिमा को ठेस पहुंचाई गई
पुलिस के अनुसार, घटना में कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ, लेकिन मौलाना की गाड़ी को क्षति पहुँची है।
करबला स्थल शिया समुदाय के लिए एक पवित्र धार्मिक स्थल है। मौलाना जवाद और उनके समर्थकों का आरोप है कि इस स्थल पर प्रशासन की मिलीभगत से अतिक्रमण किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि:
“करबला की ज़मीन पर निजी स्वार्थ के लिए निर्माण किया जा रहा है। पहले भी हमने इसकी शिकायत की, लेकिन प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया।”
यह घटना लखनऊ जैसे संवेदनशील और विविधता वाले शहर में धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली मानी जा रही है। इससे शिया समुदाय में रोष है, हालांकि मौलाना जवाद ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है।
शहर में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
इस घटना पर विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं:
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समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह कानून व्यवस्था की विफलता है।
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बीजेपी ने कहा कि सरकार किसी भी दोषी को बख्शेगी नहीं और निष्पक्ष जांच की जाएगी।
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FIR दर्ज होने के बाद पुलिस अब आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी की दिशा में कार्य कर रही है।
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प्रशासन को अब यह तय करना होगा कि करबला स्थल से अवैध निर्माण हटाया जाए या नहीं।
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धार्मिक स्थल की सुरक्षा को लेकर नए सुरक्षा मानक तैयार किए जा सकते हैं।
मौलाना कल्बे जवाद पर हुआ हमला केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं है, बल्कि यह धर्म, सुरक्षा, और प्रशासनिक उत्तरदायित्व पर सीधा सवाल खड़ा करता है। इस तरह की घटनाएं अगर समय रहते नहीं रोकी गईं, तो यह भविष्य में सामाजिक तनाव और सांप्रदायिक संघर्ष को जन्म दे सकती हैं।