




महाराष्ट्र की करोड़ों महिलाओं के लिए एक राहतभरी खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने ‘माझी लाड़की बहीण योजना’ (Ladki Bahin Yojana) के तहत अक्टूबर महीने की किश्त के लिए 410 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए हैं। यह योजना महाराष्ट्र की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, और इसका लाभ राज्यभर में लाखों पात्र महिलाओं को मिल रहा है।
सरकार की इस घोषणा से उन लाभार्थियों में खुशी की लहर दौड़ गई है जो पिछले कुछ दिनों से अक्टूबर की किश्त का इंतजार कर रही थीं। वित्त विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्वीकृत राशि अगले कुछ दिनों में लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी। इसके साथ ही, सरकार ने E-KYC प्रक्रिया से जुड़ी एक और राहतभरी खबर भी दी है — जिन महिलाओं ने अभी तक अपना ई-केवाईसी पूरा नहीं किया है, उन्हें दो महीने की अतिरिक्त मोहलत दी गई है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा करते हुए कहा,
“लाड़की बहीण योजना हमारी बहनों के सम्मान और आत्मनिर्भरता से जुड़ी है। किसी भी पात्र लाभार्थी को उसका हक पाने से वंचित नहीं किया जाएगा। हमने अक्टूबर की किश्त के लिए 410 करोड़ रुपये का बजट मंजूर कर दिया है और यह राशि जल्द ही खातों में पहुंच जाएगी।”
शिंदे ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी तकनीकी समस्या या ईकेवाईसी में देरी के कारण किसी महिला को भुगतान से वंचित न होना पड़े। इसलिए फिलहाल दो महीने की छूट दी गई है, ताकि सभी लाभार्थी प्रक्रिया पूरी कर सकें।
‘माझी लाड़की बहीण योजना’ महाराष्ट्र सरकार की एक प्रमुख महिला सशक्तिकरण योजना है। इसके तहत राज्य की 21 से 60 वर्ष की पात्र महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें परिवार एवं समाज में आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है।
यह योजना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं के लिए समान रूप से लागू है। सरकार ने बताया कि अब तक लाखों महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया जा चुका है और आने वाले महीनों में और भी पात्र महिलाओं को शामिल किया जाएगा।
लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी (Electronic Know Your Customer) प्रक्रिया पूरी करना आवश्यक है, ताकि सरकारी भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में पहुंच सके। पहले सरकार ने सभी लाभार्थियों के लिए ईकेवाईसी की अंतिम तिथि अक्टूबर के पहले सप्ताह तय की थी। लेकिन अब इस प्रक्रिया में आ रही तकनीकी अड़चनों को देखते हुए दो महीने की राहत अवधि दी गई है।
इसका मतलब यह हुआ कि जिन महिलाओं ने अभी तक ई-केवाईसी नहीं कराया है, वे अब दिसंबर के अंत तक इसे पूरा कर सकती हैं। इस दौरान उन्हें अक्टूबर और नवंबर दोनों महीनों की किश्तें भी समय पर दी जाएंगी।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, राज्य के विभिन्न जिलों में महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से ई-केवाईसी शिविर लगाए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को सहायता मिल सके। इसके अलावा, महिलाएं अपने नजदीकी महात्मा ज्योतिबा फुले सेवा केंद्र, CSC (Common Service Center) या बैंक शाखा के माध्यम से भी ईकेवाईसी करा सकती हैं।
वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अक्टूबर महीने की किश्त 20 से 25 अक्टूबर के बीच लाभार्थियों के खातों में जमा कर दी जाएगी। राज्य सरकार ने बैंकिंग संस्थानों को भुगतान प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए हैं ताकि सभी पात्र महिलाओं को राशि एक साथ ट्रांसफर की जा सके।
मुख्यमंत्री शिंदे ने अपने संबोधन में कहा कि “लाड़की बहीण योजना” केवल एक आर्थिक सहायता योजना नहीं, बल्कि महिलाओं के सम्मान और आत्मसम्मान से जुड़ा मिशन है। उन्होंने कहा कि राज्य की महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, और सरकार उनकी हर जरूरत के साथ खड़ी है।
शिंदे ने यह भी संकेत दिया कि आने वाले बजट सत्र में सरकार इस योजना को और व्यापक रूप से लागू करने की दिशा में कदम उठा सकती है। सूत्रों का कहना है कि सरकार पात्रता सीमा बढ़ाने और नए लाभार्थियों को शामिल करने की दिशा में विचार कर रही है।
विपक्षी दलों ने सरकार पर देरी के लिए सवाल उठाए थे। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि किश्तों में देरी से गरीब महिलाओं को परेशानी हो रही है। लेकिन अब सरकार के इस फैसले के बाद विपक्ष के आरोपों को करारा जवाब मिला है।
सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि भुगतान प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी केवल तकनीकी कारणों से हुई थी, और अब सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं।