




भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार सुबह एक बार फिर जबरदस्त तेजी देखने को मिली। यह उछाल मुख्यतः एशियाई बाजारों में आई मजबूती और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा इस महीने संभावित दर कटौती की उम्मीदों के चलते दर्ज किया गया है।
बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों प्रमुख सूचकांकों में मजबूती देखने को मिली, जिससे निवेशकों का मनोबल बढ़ा और बाजार में सकारात्मकता देखने को मिली।
बुधवार सुबह बीएसई सेंसेक्स 354.57 अंकों की बढ़त के साथ 82,384.55 पर पहुंच गया। वहीं, एनएसई निफ्टी 109.55 अंकों की तेजी के साथ 25,255.05 के स्तर पर कारोबार करता देखा गया। लगभग सभी सेक्टर्स में खरीदारी का माहौल बना हुआ था, खासकर आईटी, बैंकिंग, ऑटो और एनर्जी शेयरों में।
भारतीय शेयर बाजारों में यह तेजी एशियाई बाजारों की मजबूती के साथ मेल खाती है। जापान का निक्केई 225, हांगकांग का हैंग सेंग, और दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स हरे निशान में कारोबार करते दिखे।
विश्लेषकों के अनुसार, यह वैश्विक तेजी फेडरल रिजर्व की संभावित इंटरेस्ट रेट कटौती और चीन के आर्थिक आंकड़ों में सुधार के कारण देखने को मिली है। इससे वैश्विक निवेशकों का रुझान उभरते बाजारों की ओर बढ़ा है।
मार्केट विशेषज्ञ विनीत मेहरा का कहना है:
“फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं ने वैश्विक निवेशकों को प्रोत्साहित किया है। साथ ही भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति और कॉर्पोरेट सेक्टर के अच्छे तिमाही परिणामों ने बाजार को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाया है।”
कुछ प्रमुख कंपनियों के प्रदर्शन पर नज़र डालें तो:
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एचडीएफसी बैंक, एलएंडटी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, और टीसीएस के शेयरों में अच्छी बढ़त देखी गई।
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एशियन पेंट्स, मारुति सुजुकी, और एनटीपीसी जैसे शेयर भी हरे निशान में रहे।
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दूसरी ओर, टेक महिंद्रा, डॉ. रेड्डीज, और टाइटन जैसे कुछ शेयरों में हल्की गिरावट भी देखने को मिली।
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विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) द्वारा लगातार खरीदारी जारी है। मंगलवार को FIIs ने ₹1,508 करोड़ की खरीदारी की।
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घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने भी ₹3,661 करोड़ की शुद्ध खरीदारी की जिससे बाजार को मजबूती मिली।
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भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले हल्की मजबूती के साथ ₹83.12 प्रति डॉलर पर ट्रेड करता देखा गया।
कच्चे तेल की कीमतों में हल्की गिरावट से भी भारतीय बाजार को समर्थन मिला है। ब्रेंट क्रूड करीब 91.20 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। तेल की कीमतों में नरमी का असर भारत जैसे तेल-आयातक देशों की महंगाई दर और व्यापार घाटे पर सकारात्मक होता है।
बाजार में लगभग सभी सेक्टर्स में तेजी देखी गई। सबसे ज़्यादा तेजी इन सेक्टर्स में देखी गई:
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बैंकिंग और वित्तीय सेवाएँ
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आईटी और सॉफ्टवेयर
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एफएमसीजी और ऑटोमोबाइल
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ऊर्जा और इंफ्रास्ट्रक्चर
आज की इस तेजी से यह स्पष्ट होता है कि बाजार में निवेशकों की धारणा मजबूत बनी हुई है। हालांकि, आने वाले दिनों में कॉर्पोरेट तिमाही परिणाम, वैश्विक आर्थिक संकेतक, और भू-राजनीतिक घटनाक्रम बाजार की दिशा तय करेंगे।
विशेष सलाह: छोटे और मध्यम निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार में जल्दबाज़ी से बचें और दीर्घकालिक रणनीति अपनाएं। मूल्यांकन आधारित निवेश पर ध्यान दें और बाजार की चाल को समझने की कोशिश करें।
हालाँकि बाजार मजबूत दिख रहा है, परंतु कुछ जोखिम अभी भी बने हुए हैं:
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अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़े
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इजरायल-गाजा और रूस-यूक्रेन संकट जैसे भू-राजनीतिक तनाव
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वैश्विक आपूर्ति शृंखला में अस्थिरता
बुधवार का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए सकारात्मक साबित हुआ। एशियाई बाजारों की मजबूती, घरेलू संस्थागत समर्थन, और संभावित फेड दर कटौती ने निवेशकों को प्रोत्साहित किया है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर हैं।