




बलिया जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें साइबर ठगों ने 2 रुपये के पुराने सिक्के के बदले 26 लाख रुपये का लालच देकर एक सेल्समैन को ठगा। इस ठगी में पीड़ित ने कुल 1,06,358 रुपये गंवा दिए, जबकि ठग पैसे लेने के तुरंत बाद अपने मोबाइल फोन को बंद करके फरार हो गए। घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को सकते में डाल दिया है, बल्कि साइबर अपराध के प्रति जागरूकता की भी आवश्यकता को सामने रखा है।
बलिया के रहने वाले एक सेल्समैन को ठगों ने सोशल मीडिया और फोन कॉल के माध्यम से संपर्क किया। उन्होंने सेल्समैन को बताया कि उनके पास पुराने 2 रुपये के सिक्के हैं, जो अब दुर्लभ हो गए हैं और उनका मार्केट मूल्य 26 लाख रुपये तक पहुँच गया है। इस लालच के जाल में फंसते ही पीड़ित ने ठगों की बातों पर विश्वास कर उन्हें पैसे ट्रांसफर करना शुरू कर दिया।
ठगों ने विभिन्न बहानों और रणनीतियों का इस्तेमाल करते हुए पीड़ित से कई किस्तों में कुल 1,06,358 रुपये निकलवाए। उन्होंने इसे निवेश का अवसर या दुर्लभ सिक्के की खरीद-फरोख्त का दावा कर पेश किया। जब पैसे ट्रांसफर हो गए, तो ठग ने पीड़ित से सम्पर्क काट दिया और उनका मोबाइल नंबर बंद कर दिया।
पीड़ित के संपर्क टूटने के बाद सेल्समैन ने मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस को दी। पुलिस ने बताया कि यह मामला साइबर ठगी का典 उदाहरण है और इसमें ठगों ने पीड़ित की लालच और जल्दबाजी का फायदा उठाया। पुलिस ने फिलहाल घटना की जांच शुरू कर दी है और ट्रांजैक्शन रिकार्ड, बैंक स्टेटमेंट और मोबाइल नंबर की जानकारी जुटाई जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के साइबर ठग अक्सर मानव लालच और लालच पर आधारित भावनाओं का फायदा उठाते हैं। दुर्लभ या पुराने सिक्कों, निवेश अवसरों, और फर्जी इनाम के लालच में कई लोग जल्दी फैसले ले लेते हैं और परिणामस्वरूप बड़ी रकम खो बैठते हैं। यही कारण है कि इस मामले ने न केवल बलिया बल्कि पूरे देश में लोगों के लिए साइबर जागरूकता की जरूरत को उजागर किया है।
पुलिस ने आम नागरिकों को चेतावनी दी है कि किसी भी अज्ञात व्यक्ति या संगठन की बातों पर तुरंत विश्वास न करें, खासकर जब वे पैसे का लालच दें। किसी भी निवेश या मूल्यवान वस्तु के बारे में जानकारी हमेशा विश्वसनीय स्रोत से जुटानी चाहिए। इस मामले में भी अगर पीड़ित ने तुरंत पुलिस या बैंक अधिकारियों से संपर्क किया होता, तो उसकी बड़ी रकम बर्बाद होने से बच सकती थी।
बलिया पुलिस के साइबर सेल ने कहा कि वे मामले की गहन जांच कर रहे हैं और ठगों तक पहुँचने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए बैंक, मोबाइल ऑपरेटर और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से सहयोग लिया जा रहा है। पुलिस ने यह भी चेतावनी दी कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उन्हें पकड़कर कानूनी प्रक्रिया के तहत दंडित किया जाएगा।
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि डिजिटल युग में साइबर ठगी के मामलों में हर नागरिक सतर्क रहना चाहिए। इंटरनेट और सोशल मीडिया पर मिलने वाले ऑफर्स, दुर्लभ वस्तुएं, और भारी लाभ का लालच अक्सर धोखाधड़ी का माध्यम बनते हैं। इस घटना ने बलिया में ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में साइबर सुरक्षा की जरूरत को और मजबूती से सामने रखा है।
इस घटना के बाद कई अन्य सेल्समैन और व्यवसायियों में डर और शंका पैदा हो गई है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि पर्सनल डेटा, बैंक विवरण और मोबाइल OTP किसी के साथ साझा न करें, और किसी भी अज्ञात कॉल या संदेश के प्रति सतर्क रहें।
बलिया में यह घटना एक चेतावनी है कि साइबर ठग अब और अधिक चालाक और योजनाबद्ध तरीके से लोगों को फंसाने लगे हैं। स्थानीय प्रशासन और साइबर सेल को चाहिए कि वे जागरूकता अभियान चलाएं और लोगों को ऐसे जालों से बचने के उपाय बताएं।
कुल मिलाकर, यह मामला न केवल बलिया में बल्कि पूरे देश में साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी की गंभीरता को उजागर करता है। पीड़ित की 1,06,358 रुपये की हानि इस बात का प्रमाण है कि लालच में फंसकर कोई भी व्यक्ति बड़ी रकम खो सकता है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस अब इस घटना के माध्यम से जागरूकता बढ़ाने और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने की दिशा में काम कर रही है।