




भारत ने अपने रणनीतिक साझेदार ब्राज़ील को स्वदेशी ‘आकाश’ मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति का प्रस्ताव देकर रक्षा कूटनीति के क्षेत्र में एक और बड़ा कदम उठाया है। यह महत्वपूर्ण प्रस्ताव रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ब्राज़ील के उपराष्ट्रपति जेराल्डो अल्कमिन के बीच नई दिल्ली में हुई बैठक के दौरान सामने आया।
इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मज़बूती देने, सैन्य तकनीक के सह-विकास और सह-उत्पादन के अवसर तलाशने, और रक्षा उपकरणों के संभावित निर्यात जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
बैठक के बाद रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि दोनों देशों ने “प्राथमिक क्षेत्रों की पहचान” की है, जहां पर संयुक्त प्रयास किए जा सकते हैं। इसमें मुख्यतः निम्नलिखित बिंदु शामिल रहे:
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रक्षा उपकरणों का सह-विकास और सह-उत्पादन
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प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और ज्ञान साझा करना
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आकाश मिसाइल प्रणाली की संभावित आपूर्ति
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तकनीकी हस्तांतरण और रणनीतिक सहयोग
राजनाथ सिंह ने बैठक में कहा कि भारत अपने रक्षा उत्पादन और निर्यात क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और ब्राज़ील जैसे साझेदार देशों के साथ सहयोग को प्राथमिकता दे रहा है।
‘आकाश’ भारत में विकसित एक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जिसे DRDO द्वारा डिजाइन किया गया है। यह प्रणाली पहले ही भारतीय वायुसेना और थलसेना में शामिल की जा चुकी है।
🔹 प्रमुख विशेषताएँ:
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25–30 किमी. तक की मारक क्षमता
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एक साथ एकाधिक लक्ष्यों पर हमला करने की क्षमता
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तेज़ रिएक्शन टाइम और मोबाइल लॉन्च प्लेटफ़ॉर्म
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100% स्वदेशी तकनीक
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उच्च सटीकता के साथ इंटरसेप्ट करने की क्षमता
इस प्रणाली को फ्रंटलाइन वायु रक्षा के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के रक्षा निर्यात में एक प्रमुख उत्पाद बनकर उभरी है।
ब्राज़ील, जो कि लैटिन अमेरिका का सबसे बड़ा देश है, अपनी सेनाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है। भारत के साथ रक्षा सहयोग ब्राज़ील के लिए इसलिए भी अहम है क्योंकि:
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वह किफायती लेकिन प्रभावी रक्षा तकनीक की तलाश में है
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वह टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और को-प्रोडक्शन जैसे विकल्पों को महत्व देता है
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भारत और ब्राज़ील दोनों G20, BRICS और IBSA जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोगी हैं
ब्राज़ील के उपराष्ट्रपति जेराल्डो अल्कमिन ने भारत की मिसाइल प्रणाली में रुचि दिखाते हुए कहा कि वे तकनीकी दस्तावेज़ों की समीक्षा के बाद निर्णय लेंगे।
भारत ने हाल के वर्षों में रक्षा निर्यात के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है। कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
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2024-25 में ₹21,000 करोड़ का रक्षा निर्यात दर्ज
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भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल, मॉरीशस को तटरक्षक पोत, और अफ्रीकी देशों को विभिन्न सैन्य उपकरण निर्यात किए
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DRDO की कई प्रणाली अब वैश्विक ग्राहकों के लिए उपलब्ध हैं
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भारत 2030 तक शीर्ष 5 रक्षा निर्यातक देशों में शामिल होने का लक्ष्य लेकर चल रहा है
भारत द्वारा ब्राज़ील को ‘आकाश’ मिसाइल की पेशकश सिर्फ एक रक्षा सौदा नहीं, बल्कि एक रणनीतिक चाल भी मानी जा रही है:
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यह भारत के लिए लैटिन अमेरिका में प्रभाव बढ़ाने का अवसर है
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इससे ब्राज़ील की रूस और पश्चिमी देशों पर रक्षा निर्भरता कम हो सकती है
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यह प्रस्ताव भारत की साउथ-साउथ कोऑपरेशन नीति को भी मज़बूती देता है
ब्राज़ील के रक्षा प्रतिनिधिमंडल को भारत द्वारा ‘आकाश’ मिसाइल प्रणाली से जुड़ी तकनीकी जानकारियाँ और प्रदर्शन (demonstration) उपलब्ध कराए जाने की योजना है। यदि दोनों पक्षों में सहमति बनती है, तो यह भारत का लैटिन अमेरिका में पहला बड़ा मिसाइल निर्यात सौदा बन सकता है।
इस डील से न केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि भारत की डिफेंस डिप्लोमेसी को भी वैश्विक मंच पर नई पहचान मिलेगी।
भारत का यह कदम एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत देश न केवल आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, बल्कि विश्व स्तर पर रक्षा उत्पादक और निर्यातक के रूप में उभर रहा है।