




महाराष्ट्र के आगामी लोकल बॉडी चुनावों को लेकर मतदाता सूची में भारी अनियमितताओं का मुद्दा गरमाया हुआ है। विपक्षी पार्टियों ने राज्य के कई निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूची में डुप्लीकेट नाम, गलत EPIC नंबर, और एक ही फोटो पहचान पत्र के दुरुपयोग की शिकायत करते हुए चुनाव स्थगित करने की मांग की है। उनका तर्क है कि इन अनियमितताओं को ठीक किए बिना चुनाव कराना लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ समझौता होगा और चुनाव परिणामों की वैधता पर सवाल उठेंगे।
महा विकास आघाड़ी (MVA) के साथ ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) सहित अन्य विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता जताई है। राज ठाकरे के नेतृत्व में MNS ने भी पहली बार इस मांग में MVA का साथ दिया, जो इस मामले में विपक्ष की एकजुटता का प्रतीक माना जा रहा है।
बुधवार को विपक्षी दलों ने निर्वाचन आयोग और राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात कर चुनाव स्थगित करने की मांग की। दो दिनों तक चली इन बैठकों में विपक्ष ने चुनाव आयोग को स्पष्ट कर दिया कि मतदाता सूची में मौजूद त्रुटियों को सुधारना अनिवार्य है ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित हो सके।
विपक्ष ने कहा कि कई क्षेत्रों में एक ही मतदाता के नाम डुप्लीकेट दर्ज हैं, जबकि कई मतदाताओं के EPIC नंबर गलत दर्ज हैं। इसके अलावा, एक ही फोटो पहचान पत्र का दुरुपयोग कई जगह हो रहा है और कुछ पतों पर असामान्य रूप से अधिक संख्या में मतदाता दर्ज हैं, जिससे संदेह पैदा हो रहा है।
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डुप्लीकेट मतदाता: एक ही व्यक्ति के नाम कई बार मतदाता सूची में दर्ज होना।
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गलत EPIC नंबर: मतदाताओं के पहचान पत्र के नंबर में त्रुटि।
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फोटो पहचान पत्र का दुरुपयोग: एक ही पहचान पत्र का कई मतदाताओं द्वारा उपयोग।
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असामान्य संख्या में मतदाता एक ही पते पर: जो चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।
इन गड़बड़ियों के चलते चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि यदि चुनाव आयोग इन मुद्दों को जल्द नहीं सुधारेगा, तो चुनाव कराना जनता के अधिकारों के साथ खिलवाड़ होगा।
चुनाव आयोग ने अभी तक इस मामले पर कोई विस्तृत प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सूत्रों के अनुसार आयोग ने जांच टीम गठित कर दी है। चुनाव आयोग के सामने चुनौती है कि वह मतदाता सूची में पाई गई इन अनियमितताओं का जल्द से जल्द निवारण करे ताकि चुनाव निष्पक्ष रूप से संपन्न हो सके।
विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर दबाव डाला है कि वह मतदाता सूची की पुनः जाँच कराकर दोषपूर्ण प्रविष्टियों को हटाए और वोटरों की सूची को साफ-सुथरा बनाए। ऐसा नहीं होने पर चुनाव स्थगित करना उचित रहेगा।
लोकल बॉडी चुनाव न केवल स्थानीय प्रशासन का आधार हैं, बल्कि वे आम जनता की भागीदारी और लोकतंत्र के मजबूत होने का आधार भी होते हैं। यदि चुनाव निष्पक्ष नहीं होंगे तो जनता का लोकतंत्र पर से विश्वास कम होगा। इसके अलावा, चुनाव परिणामों की वैधता पर सवाल उठेंगे, जो राजनीतिक अस्थिरता को जन्म दे सकता है।
राज ठाकरे और अन्य विपक्षी नेताओं ने चेतावनी दी है कि मतदाता सूची में अनियमितताओं को नजरअंदाज करना न केवल चुनाव प्रक्रिया के खिलाफ होगा, बल्कि लोकतंत्र की मूल भावना के भी खिलाफ होगा। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को इस मामले में तत्काल कदम उठाने चाहिए।
महाराष्ट्र लोकल बॉडी चुनाव से पहले मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिलने के बाद विपक्षी दलों ने चुनाव स्थगित करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग को पहले मतदाता सूची की गड़बड़ियों को दूर करना चाहिए, तभी चुनाव करवाना लोकतांत्रिक दृष्टिकोण से उचित होगा। इस मुद्दे पर राजनीतिक दबाव लगातार बढ़ रहा है, और अब चुनाव आयोग की नजरें इस संवेदनशील मामले पर टिकी हुई हैं।