




भारतीय क्रिकेट के दो सबसे बड़े नाम — रोहित शर्मा और विराट कोहली, जिन्होंने पिछले एक दशक में टीम इंडिया को कई यादगार जीत दिलाई हैं — अब अपने करियर के उस मोड़ पर हैं जहां अगला कदम बेहद सोच-समझकर उठाना होगा। इन दोनों अनुभवी खिलाड़ियों के भविष्य को लेकर लगातार चर्चाएं हो रही हैं, खासकर इस बात पर कि क्या वे 2027 वनडे वर्ल्ड कप तक टीम इंडिया का हिस्सा रह पाएंगे या नहीं।
इस बीच, टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। शास्त्री ने कहा कि अगर रोहित और विराट 2027 वर्ल्ड कप तक खेलना चाहते हैं, तो उन्हें “एकमात्र रास्ता” अपनाना होगा — यानी अपनी फिटनेस और फॉर्म पर लगातार काम करते रहना, और चयन नीति के अनुरूप खुद को बनाए रखना।
रवि शास्त्री ने एक स्पोर्ट्स चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा,
“दोनों खिलाड़ी अब उस मुकाम पर हैं जहां सिर्फ नाम से टीम में जगह नहीं मिलेगी। अगर रोहित शर्मा और विराट कोहली अगले वर्ल्ड कप में खेलना चाहते हैं, तो उन्हें यह साबित करना होगा कि वे आज भी टीम इंडिया के लिए ‘मैच विनर’ हैं। उनके पास अब सिर्फ एक रास्ता है — अपनी फिटनेस और परफॉर्मेंस को टॉप लेवल पर बनाए रखना।”
शास्त्री ने आगे कहा कि क्रिकेट में उम्र केवल एक संख्या नहीं रह गई है। यह खेल अब और अधिक फिटनेस और एथलेटिसिज्म पर आधारित हो गया है। उन्होंने कहा कि “2027 वर्ल्ड कप के समय रोहित शर्मा 40 साल के और विराट कोहली 38 साल के हो जाएंगे। ऐसे में यह देखना जरूरी होगा कि वे उस स्तर की शारीरिक तैयारी और मानसिक फोकस बनाए रख सकते हैं या नहीं।”
हालांकि, शास्त्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि अनुभव किसी भी टूर्नामेंट में बड़ा हथियार होता है। उन्होंने कहा,
“मैंने रोहित और विराट दोनों को बहुत करीब से देखा है। दोनों बेहद प्रोफेशनल हैं। अगर वे अपनी फिटनेस और खेल की भूख को वैसे ही बनाए रखें, तो 2027 वर्ल्ड कप तक उनका खेलना असंभव नहीं है। लेकिन इसके लिए उन्हें अपनी प्राथमिकताएं तय करनी होंगी — जैसे हर सीरीज़ नहीं खेलना, बल्कि अपने शरीर और फॉर्म को ध्यान में रखकर टूर्नामेंट चुनना।”
रवि शास्त्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारतीय क्रिकेट में नई पीढ़ी के खिलाड़ियों का दौर तेजी से उभर रहा है। शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, ऋतुराज गायकवाड़, और रिंकू सिंह जैसे युवा बल्लेबाज लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या आने वाले वर्षों में विराट और रोहित जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों के लिए जगह बनाना आसान रहेगा।
शास्त्री ने कहा कि टीम इंडिया की सिलेक्शन कमिटी को भी इस मामले में एक स्पष्ट दीर्घकालिक योजना (long-term plan) बनानी होगी। उन्होंने कहा,
“अगर टीम 2027 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखकर तैयारी कर रही है, तो यह तय होना चाहिए कि कौन खिलाड़ी उस योजना का हिस्सा होगा। अगर रोहित और विराट फिट हैं, रन बना रहे हैं, और टीम की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं, तो उन्हें बाहर करने का कोई कारण नहीं है। लेकिन चयन केवल प्रतिष्ठा के आधार पर नहीं होना चाहिए।”
पूर्व कोच ने यह भी कहा कि बीसीसीआई को खिलाड़ियों के लिए “स्मार्ट रोटेशन सिस्टम” लागू करना चाहिए ताकि सीनियर खिलाड़ियों पर ओवरलोड न बढ़े और वे अपनी ऊर्जा बड़े टूर्नामेंट्स के लिए बचा सकें। शास्त्री ने उदाहरण देते हुए कहा,
“जैसे इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया अपनी टीमों को मैनेज करते हैं, भारत को भी वैसा करना चाहिए। सभी खिलाड़ियों को हर सीरीज़ में खेलाने की जरूरत नहीं है। रोहित और विराट जैसे सीनियर खिलाड़ियों को चुनिंदा फॉर्मेट पर ध्यान देना चाहिए ताकि वे लंबे समय तक खेलने में सक्षम रहें।”
शास्त्री का यह बयान फैंस के बीच भी चर्चा का विषय बना हुआ है। कई क्रिकेट प्रेमियों का मानना है कि रोहित और विराट जैसे खिलाड़ी अनुभव और नेतृत्व के कारण अब भी टीम इंडिया के लिए जरूरी हैं। वहीं कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि टीम को भविष्य की तैयारी अभी से शुरू करनी चाहिए ताकि नए खिलाड़ियों को मौके मिल सकें।
गौरतलब है कि रोहित शर्मा और विराट कोहली दोनों ने हाल ही में टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है, जिससे माना जा रहा है कि वे अब सीमित ओवरों के फॉर्मेट में अपने करियर को लंबा करने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों खिलाड़ी अभी भी टेस्ट क्रिकेट और वनडे में भारतीय टीम की रीढ़ बने हुए हैं।
रवि शास्त्री के बयान ने इस बहस को और गहरा कर दिया है कि आखिर टीम इंडिया आने वाले वर्षों में किस दिशा में आगे बढ़ेगी — अनुभव के सहारे या युवाओं के जोश के साथ।
फिलहाल, भारतीय क्रिकेट के फैंस को उम्मीद है कि चाहे जो भी रास्ता हो, रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ी अपनी फिटनेस और फॉर्म से एक बार फिर यह साबित करें कि वे अभी भी “किंग” और “हिटमैन” हैं, और 2027 वर्ल्ड कप तक उनका जलवा कायम रहेगा।