




भारतीय शेयर बाजार में आज का दिन निवेशकों के लिए राहत और उत्साह से भरा रहा। बीते कुछ सत्रों की सुस्ती और वैश्विक दबावों के बाद, गुरुवार को बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। विदेशी निवेशकों (Foreign Institutional Investors – FIIs) की वापसी और घरेलू कंपनियों के मजबूत तिमाही नतीजों की उम्मीदों ने सेंसेक्स और निफ्टी को नई ऊर्जा दी।
सुबह के कारोबार में ही बीएसई सेंसेक्स 500 अंकों से अधिक चढ़कर 82,300 के स्तर के पास पहुंच गया, जबकि एनएसई निफ्टी 140 अंक की मजबूती के साथ 25,100 के आसपास ट्रेड कर रहा था। इस तेजी में बैंकिंग, आईटी और ऑटो सेक्टर ने अहम भूमिका निभाई, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी खरीदारी का माहौल बना रहा।
सबसे बड़ी बढ़त एक्सिस बैंक के शेयरों में देखने को मिली, जिसने दिनभर के कारोबार में 4 प्रतिशत से अधिक की छलांग लगाई। इसके साथ ही एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा मोटर्स, टीसीएस और इंफोसिस के शेयरों में भी जबरदस्त तेजी दर्ज की गई। निवेशकों का कहना है कि आगामी तिमाही नतीजों में बैंकों और आईटी कंपनियों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद ने बाजार की धारणा को सकारात्मक बनाया है।
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले कुछ हफ्तों में लगातार बिकवाली कर रहे विदेशी निवेशकों ने एक बार फिर भारतीय बाजार में पैसा लगाना शुरू किया है। डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर के पहले पखवाड़े में विदेशी निवेशकों ने करीब ₹8,200 करोड़ का निवेश भारतीय इक्विटी बाजारों में किया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह वापसी भारत की स्थिर आर्थिक नीतियों, नियंत्रित मुद्रास्फीति और मजबूत जीडीपी वृद्धि दर के कारण संभव हुई है।
वहीं घरेलू निवेशकों की ओर से भी खरीदारी का रुझान मजबूत बना हुआ है। रिटेल और म्यूचुअल फंड निवेशकों ने बाजार में तेजी का पूरा फायदा उठाने की कोशिश की। सेंसेक्स में आज एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, एलएंडटी, टाटा मोटर्स, एचसीएल टेक और टीसीएस शीर्ष गेनर्स के रूप में उभरे, जबकि नेस्ले, डॉ. रेड्डीज और मारुति सुजुकी जैसे कुछ शेयरों में मामूली गिरावट देखी गई।
बाजार विश्लेषक विजय शर्मा, (ICICI Securities) के अनुसार, “भारतीय बाजार इस समय वैश्विक उतार-चढ़ावों से अधिक घरेलू संकेतों पर निर्भर है। कंपनियों के मजबूत फंडामेंटल्स और सुधारते क्रेडिट ग्रोथ से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। इसके साथ ही, विदेशी निवेशकों की वापसी बाजार को और मजबूती दे रही है।”
हालांकि, विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि आने वाले दिनों में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति और अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दाम भारतीय बाजार की दिशा तय करेंगे। फिलहाल डॉलर इंडेक्स में हल्की गिरावट और कच्चे तेल के दामों में स्थिरता ने विदेशी निवेशकों के लिए भारत को एक आकर्षक गंतव्य बना दिया है।
टेक्निकल विश्लेषकों का कहना है कि निफ्टी ने 25,000 के ऊपर क्लोजिंग देकर एक मजबूत सपोर्ट जोन तैयार कर लिया है। यदि यह स्तर बना रहता है, तो आने वाले दिनों में सूचकांक 25,300 से 25,500 के दायरे तक जा सकता है। सेंसेक्स के लिए 82,500 और 83,000 अंक अगले प्रमुख रेजिस्टेंस स्तर बताए जा रहे हैं।
आईटी सेक्टर में भी रौनक लौट आई है। इंफोसिस और टीसीएस के शेयरों में बढ़त के पीछे उम्मीद है कि वैश्विक टेक कंपनियों की मांग में सुधार आ रहा है। वहीं बैंकिंग सेक्टर में आरबीआई के हालिया फैसलों और रिटेल लोन की बढ़ती मांग ने बैंकों के मार्जिन को सपोर्ट किया है। एक्सिस बैंक ने हाल ही में घोषित किया था कि उसकी रिटेल लोन ग्रोथ इस तिमाही में 18% तक बढ़ी है, जिसके बाद शेयर में तेज खरीदारी देखी गई।
ऑटो सेक्टर में टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसे शेयरों में बढ़त देखने को मिली, क्योंकि त्योहारी सीजन से पहले ऑटो बिक्री में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है। दूसरी ओर, एफएमसीजी सेक्टर में कुछ दबाव देखा गया, क्योंकि ग्रामीण मांग में सुधार की गति अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंची है।
निवेशकों के बीच अब यह चर्चा है कि क्या यह तेजी दीर्घकालिक होगी या सिर्फ शॉर्ट-टर्म रिबाउंड। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक विदेशी निवेशकों का रुझान सकारात्मक बना रहता है और कॉरपोरेट नतीजे उम्मीद से बेहतर आते हैं, तब तक बाजार में तेजी की संभावना बनी रहेगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी माहौल भारतीय बाजार के पक्ष में दिखाई दे रहा है। अमेरिकी बाजारों में स्थिरता, यूरोपीय बाजारों में मामूली सुधार और एशियाई बाजारों में सकारात्मक रुझान ने भारतीय बाजारों को सपोर्ट किया है।
दिन के अंत तक, सेंसेक्स 82,320 अंकों पर बंद हुआ, जो 512 अंकों की वृद्धि दर्शाता है, जबकि निफ्टी 25,105 अंकों पर रहा, जिसमें 145 अंकों की बढ़त दर्ज की गई। बाजार पूंजीकरण में एक ही दिन में लगभग ₹2.4 लाख करोड़ की बढ़ोतरी हुई, जिससे निवेशकों की संपत्ति में उल्लेखनीय इजाफा हुआ।