




बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता परेश रावल एक बार फिर अपने दमदार अभिनय और गंभीर कहानी के साथ चर्चा में हैं। उनकी अपकमिंग फिल्म ‘द ताज स्टोरी (The Taj Story)’ का ट्रेलर रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर तहलका मचा रहा है। इस फिल्म में ताजमहल के नीचे बने 22 बंद कमरों के रहस्य, इतिहास के अनकहे पहलू और उन सवालों को दिखाया गया है जिन पर वर्षों से बहस चलती आई है।
ट्रेलर की शुरुआत ताजमहल की भव्यता के साथ होती है, लेकिन कुछ ही सेकंड बाद इसमें एक रहस्यमय मोड़ आता है। आवाज आती है – “क्या ताजमहल सिर्फ एक मकबरा है या इसके पीछे कुछ और छिपा है?” इसी सवाल से फिल्म की कहानी शुरू होती है। परेश रावल का किरदार एक इतिहासकार और शोधकर्ता का है, जो ताजमहल के नीचे बने 22 कमरों के पीछे छिपे रहस्यों की खोज में निकलता है।
परेश रावल की तीव्र आंखों, गहरी आवाज़ और संवाद अदायगी ने ट्रेलर को और प्रभावशाली बना दिया है। ट्रेलर में ताजमहल की ऐतिहासिक झलकियों के साथ-साथ उन दीवारों का भी उल्लेख किया गया है जिन्हें “रातों-रात चुनवा दिया गया” बताया गया है। ट्रेलर के दृश्य दर्शकों को सोचने पर मजबूर करते हैं कि क्या वास्तव में ताजमहल के इतिहास में कुछ ऐसा छिपा है जिसे कभी उजागर नहीं किया गया।
फिल्म के एक दृश्य में भगवान शिव की झलक दिखाई गई है, जिसने पहले सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी थी। कुछ लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़ते हुए आपत्ति जताई थी, लेकिन अब वही लोग फिल्म की गहराई और दृष्टिकोण की तारीफ कर रहे हैं। ट्रेलर देखकर दर्शक कह रहे हैं कि “यह फिल्म ताजमहल को सिर्फ एक स्मारक नहीं, बल्कि इतिहास की अनकही कहानी के रूप में दिखा रही है।”
निर्देशक अमित भट्टाचार्य ने इस फिल्म को रहस्य, इतिहास और भावना का मिश्रण बताया है। उनका कहना है कि ‘द ताज स्टोरी’ किसी राजनीतिक एजेंडे पर आधारित नहीं है, बल्कि यह उन सवालों को सामने लाने की कोशिश है जो सदियों से इतिहास की किताबों में दबे हुए हैं। उन्होंने कहा कि “हमने तथ्यों पर आधारित रिसर्च की है और दर्शकों को सोचने पर मजबूर करना हमारा उद्देश्य है, विवाद पैदा करना नहीं।”
फिल्म में परेश रावल के अलावा तनुश्री दत्ता, अनुप्रिया गोयनका, और राजेश शर्मा जैसे कलाकार अहम भूमिकाओं में नजर आएंगे। ट्रेलर से अंदाजा लगाया जा सकता है कि फिल्म की कहानी कई परतों में खुलती है — कभी यह पुरातत्व की खोज जैसा महसूस होता है, तो कभी एक गूढ़ ऐतिहासिक थ्रिलर की तरह आगे बढ़ता है।
परेश रावल ने फिल्म में अपने किरदार के बारे में कहा, “यह भूमिका मेरे लिए चुनौतीपूर्ण और संतोषजनक दोनों थी। यह सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि इतिहास और विश्वास के बीच की जटिल यात्रा है।” उन्होंने आगे कहा कि इस फिल्म का मकसद दर्शकों को तथ्यों के साथ सोचने के लिए प्रेरित करना है, न कि किसी विचारधारा को थोपना।
ट्रेलर रिलीज के बाद यूट्यूब और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोगों की प्रतिक्रियाएं उमड़ पड़ी हैं। कुछ दर्शकों ने इसे “साल की सबसे अलग फिल्म” कहा है, जबकि कुछ ने इसे “भारतीय इतिहास पर नई सोच” बताया है। ट्रेलर के रिलीज के 24 घंटे के भीतर ही इसे 5 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है और #TheTajStory ट्रेंड करने लगा है।
फिल्म में ताजमहल के स्थापत्य, मुगल काल के संदर्भों और भारतीय सभ्यता के तत्वों को बारीकी से दिखाया गया है। सिनेमैटोग्राफी शानदार है और बैकग्राउंड म्यूजिक कहानी के रहस्य को और गहरा बना देता है। खास बात यह है कि फिल्म में इस्तेमाल किए गए विजुअल इफेक्ट्स और ऐतिहासिक लोकेशन इतने सजीव हैं कि दर्शक खुद को उस युग में महसूस करते हैं।
इतिहासकारों और फिल्म समीक्षकों ने भी ट्रेलर की तारीफ की है। कई विशेषज्ञों ने कहा कि यह फिल्म भारत के सांस्कृतिक विरासत को नए दृष्टिकोण से देखने का मौका देगी। वहीं, कुछ ने यह भी कहा कि फिल्म को रिलीज के बाद विवादों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन इसके कंटेंट की गंभीरता और प्रस्तुति इसे चर्चा का केंद्र जरूर बनाएगी।
‘द ताज स्टोरी’ की शूटिंग आगरा, जयपुर और दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों पर की गई है। फिल्म के प्रोड्यूसर राकेश कपूर ने बताया कि इस फिल्म की स्क्रिप्ट पर करीब तीन साल तक रिसर्च की गई। टीम ने ताजमहल से जुड़े पुराने दस्तावेज़ों, स्थानीय कथाओं और पुरातत्व विभाग के रिकॉर्ड का अध्ययन किया है।
फिल्म अगले महीने देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी और उम्मीद की जा रही है कि यह बॉक्स ऑफिस पर ऐतिहासिक फिल्मों की श्रेणी में नया कीर्तिमान स्थापित करेगी।
परेश रावल की यह फिल्म न केवल मनोरंजन के लिए बल्कि सोचने और इतिहास को नए सिरे से समझने का मौका भी देगी। जिस तरह ट्रेलर ने दर्शकों की जिज्ञासा बढ़ाई है, उससे यह साफ है कि ‘द ताज स्टोरी’ रिलीज के बाद और भी बड़ी चर्चा छेड़ सकती है।