




तमिलनाडु में सरकारी मेडिकल संस्थानों के डॉक्टरों ने ट्रांसफर नीति के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण मेडिकल एजुकेशन निदेशालय (DME) को बुधवार को असिस्टेंट प्रोफेसर, वरिष्ठ निवासी, कनिष्ठ निवासी और ट्यूटर के पदों पर आयोजित ट्रांसफर काउंसलिंग सत्र को स्थगित करना पड़ा।
यह विशेष ट्रांसफर काउंसलिंग सत्र सात सरकारी मेडिकल संस्थानों में खाली पदों को भरने के लिए आयोजित किया गया था, लेकिन तमिलनाडु मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन (TNMOA) से जुड़े डॉक्टरों ने निदेशालय के परिसर में धरना प्रदर्शन कर इसका विरोध किया।
डॉक्टरों का कहना है कि वर्तमान ट्रांसफर प्रक्रिया में कई कमियां हैं, जिनमें पारदर्शिता की कमी प्रमुख है। उनका आरोप है कि ट्रांसफर नीति में मनमानी की संभावना है, जिससे डॉक्टरों के करियर और व्यक्तिगत जीवन पर बुरा असर पड़ रहा है।
खासकर ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में डॉक्टरों की तैनाती को लेकर विरोध हो रहा है, क्योंकि वहां स्थानांतरित किए गए डॉक्टरों को कई सामाजिक और पारिवारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
TNMOA के नेताओं ने कहा कि वे डॉक्टरों के हितों की रक्षा के लिए खड़े हैं और सरकार से आग्रह किया है कि ट्रांसफर प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत बनाया जाए।
मेडिकल एजुकेशन निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,
“डॉक्टरों के प्रदर्शन के चलते हमें ट्रांसफर काउंसलिंग सत्र को स्थगित करना पड़ा है। हम जल्द ही सभी पक्षों के साथ बैठकर इस मुद्दे का समाधान निकालने का प्रयास करेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि निदेशालय डॉक्टरों की मांगों को समझता है और उनकी समस्याओं का समाधान खोजने की दिशा में काम कर रहा है।
इस सत्र के स्थगित होने से सरकारी मेडिकल संस्थानों में कई रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया प्रभावित हुई है। इससे अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी बनी रह सकती है, जो मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि ट्रांसफर नीति को पारदर्शी और वैज्ञानिक आधार पर लागू किया जाए, जिससे डॉक्टरों का मनोबल बढ़े और स्वास्थ्य क्षेत्र में स्थिरता बनी रहे।
इस विरोध के बाद सरकार ने डॉक्टरों के प्रतिनिधियों से बातचीत करने की बात कही है। तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग और TNMOA के बीच जल्द ही बैठक होने की संभावना है, जिसमें ट्रांसफर नीति में सुधार पर चर्चा की जाएगी।
डॉक्टर संगठनों ने भी इस पहल का स्वागत किया है और कहा है कि वे बातचीत के जरिए अपनी मांगों को लेकर सकारात्मक परिणाम चाहते हैं।
तमिलनाडु में डॉक्टरों का ट्रांसफर काउंसलिंग विरोध स्वास्थ्य विभाग के सामने एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। मेडिकल एजुकेशन निदेशालय ने विरोध के कारण ट्रांसफर काउंसलिंग सत्र को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। अब सरकार और डॉक्टरों के बीच संवाद की उम्मीदें बढ़ी हैं, जिससे जल्द ही इस विवाद का समाधान निकल सके और स्वास्थ्य सेवाओं का सुचारु संचालन सुनिश्चित किया जा सके।