




अफ्रीकी देश मोज़ाम्बिक में शुक्रवार (17 अक्टूबर) को एक भीषण नौका दुर्घटना में तीन भारतीय नागरिकों की मौत हो गई, जबकि पाँच अन्य अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। यह हादसा बीरा पोर्ट के तट के पास उस समय हुआ जब एक छोटी नाव, जो एक टैंकर पर चालक दल के सदस्यों को ले जा रही थी, समुद्र में तेज़ लहरों के कारण पलट गई।
भारतीय उच्चायोग ने इस दुखद घटना की पुष्टि की है और बताया है कि स्थानीय प्रशासन, समुद्री एजेंसियां तथा भारतीय दूतावास मिलकर बचाव अभियान चला रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह नाव एक नियमित क्रू ट्रांसफर ऑपरेशन के दौरान बीरा बंदरगाह से समुद्र में लंगर डाले एक टैंकर की ओर जा रही थी। नाव पर कुल 17 लोग सवार थे, जिनमें अधिकतर भारतीय थे। यात्रा के दौरान समुद्र में अचानक मौसम बिगड़ गया और ऊँची लहरों की वजह से नाव असंतुलित होकर पलट गई।
हादसे के तुरंत बाद, कुछ स्थानीय मछुआरों और समुद्री सुरक्षा एजेंसियों ने कुछ लोगों को बचा लिया। लेकिन तीन भारतीयों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई, जबकि पाँच अन्य का अब तक कोई पता नहीं चल सका है।
भारतीय उच्चायोग मापुटो ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा:
“हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि बीरा पोर्ट पर हुए नाव दुर्घटना में तीन भारतीयों की मृत्यु हुई है। पाँच अन्य भारतीय नागरिक लापता हैं। हम स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर व्यापक बचाव और खोज अभियान चला रहे हैं।”
घटनास्थल पर तैनात रेस्क्यू टीमों में मोज़ाम्बिक कोस्ट गार्ड, समुद्री सुरक्षा अधिकारी, मछुआरे और भारतीय मिशन के प्रतिनिधि शामिल हैं। गोताखोरों, ड्रोन और स्पीड बोट्स की मदद से लापता नागरिकों की तलाश की जा रही है।
मृतकों की पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन भारतीय उच्चायोग के अनुसार, सभी मृतक और लापता नागरिक तेल और समुद्री जहाज उद्योग से जुड़े थे। ये लोग एक अंतरराष्ट्रीय टैंकर पर कार्यरत थे और बीरा पोर्ट से टैंकर तक नाव से यात्रा कर रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मृतक और लापता नागरिकों का संबंध भारत के गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों से हो सकता है। भारत सरकार द्वारा परिजनों को सूचित कर दिया गया है।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने ट्विटर पर अपनी संवेदना प्रकट करते हुए लिखा:
“मोज़ाम्बिक में नाव हादसे की खबर अत्यंत दुखद है। मृतकों के परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। दूतावास स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य में जुटा है। हम लापता भारतीयों को खोजने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।”
भारतीय दूतावास ने आश्वस्त किया है कि सभी मृतकों के शवों को भारत लाने की प्रक्रिया प्राथमिकता पर की जा रही है, और घायलों व लापता लोगों के परिवारों को नियमित जानकारी दी जा रही है।
घटना की खबर जैसे ही भारत पहुँची, संबंधित परिवारों में मातम छा गया। परिजन अपने प्रियजनों की सुरक्षा की दुआ कर रहे हैं और सरकार से त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा कर रहे हैं।
यह हादसा एक बार फिर समुद्री सुरक्षा मानकों पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। नौका में सवार अधिकतर यात्रियों के पास लाइफ जैकेट नहीं थी। इसके अलावा, खराब मौसम के बावजूद नाव को समुद्र में भेजा गया।
मोज़ाम्बिक प्रशासन ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। यदि लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित ऑपरेटरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह दुर्घटना दर्शाती है कि विदेशों में कार्यरत भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। भारत सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विदेश में भारतीय कामगारों के लिए सीफेयरर्स गाइडलाइंस, ट्रेनिंग, और समुद्री सुरक्षा उपकरणों की अनिवार्यता हो।
मोज़ाम्बिक की यह समुद्री दुर्घटना एक अत्यंत दुखद त्रासदी है जिसमें भारतीयों की जान गई और कई अब भी लापता हैं। राहत की बात यह है कि भारतीय मिशन और स्थानीय एजेंसियां मिलकर पूरी गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं।