




राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत संचालित “उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम” के अंतर्गत, 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के असाक्षर नागरिकों के लिए उल्लास साक्षरता अध्ययन केंद्र का शुभारंभ जिला शिक्षा अधिकारी श्री रजनीश तिवारी द्वारा ग्राम पंचायत खंता (विकासखंड मरवाही) में किया गया।
इस अवसर पर कुल 15 उल्लास साक्षरता केंद्रों का विधिवत शुभारंभ किया गया, जिसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के वयस्क शिक्षार्थियों को साक्षरता और जीवनोपयोगी शिक्षा प्रदान की जाएगी।
कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के उन नागरिकों को मुख्यधारा में लाना है जो अब तक औपचारिक शिक्षा से वंचित रहे हैं।
श्री रजनीश तिवारी ने कहा कि —
“साक्षरता केवल पढ़ना-लिखना नहीं, बल्कि व्यक्ति को आत्मनिर्भर और जागरूक बनाने की दिशा में पहला कदम है। उल्लास केंद्र ग्रामीण भारत में शिक्षा के प्रकाश को हर घर तक पहुंचाने का माध्यम बनेंगे।”
कार्यक्रम के दौरान एक जागरूकता रैली भी निकाली गई, जिसमें ग्रामीणों को 7 दिसंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रव्यापी महापरीक्षा अभियान में शामिल होने हेतु प्रेरित किया गया।
रैली के माध्यम से गाँव में साक्षरता का वातावरण तैयार किया गया।
इस अवसर पर स्वयंसेवी शिक्षकों को उनके योगदान के लिए डायरी और पेन देकर सम्मानित किया गया।
23 मार्च 2025 को आयोजित परीक्षा में सफल शिक्षार्थियों को एनआईओएस (NIOS) दिल्ली द्वारा प्रदत्त प्रमाणपत्र भी वितरित किए गए।
इन प्रमाणपत्रों से शिक्षार्थियों को भविष्य में सरकारी व निजी कार्यों में औपचारिक योग्यता का लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर कई गणमान्य अतिथि और अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें —
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संकुल प्राचार्य ममता सिंह राठौर
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विकासखंड शिक्षा अधिकारी संजय वर्मा
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बीआरसी मरवाही अजय राय
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जिला नोडल अधिकारी मुकेश कोरी
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सहायक जिला नोडल अधिकारी संजय कुमार गुप्ता
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ब्लॉक नोडल संजय टांडिया
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ग्राम प्रभारी दीपचंद गुप्ता
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सहयोगी शिक्षक मोहन राठौर, लोचन सिंह, अजीत जायसवाल, विक्रम मरावी, विनय राठौर, राजकुमार अग्रवाल
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सरपंच ईश्वर सिंह मेश्राम
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सचिव दिनेश शर्मा, दिलीप मरकाम, संगीता राठौर,
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SMC अध्यक्ष मीना बाई, एवं संकुल के शिक्षक व ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
अतिथियों ने इस अवसर पर बच्चों को जाति प्रमाण पत्र और उल्लास पुस्तिका का वितरण किया।
कार्यक्रम का मंच संचालन शिक्षक श्री अजय कुमार चौधरी द्वारा किया गया, जिन्होंने पूरे आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराया।
उल्लास साक्षरता अध्ययन केंद्र का यह शुभारंभ ग्राम खंता के लिए एक शैक्षणिक मील का पत्थर साबित होगा।
इससे न केवल वयस्क नागरिक साक्षर बनेंगे, बल्कि उनके परिवारों में भी शिक्षा के प्रति जागरूकता और प्रेरणा का प्रसार होगा।