




राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास दीपावली के अवसर पर स्नेह, उत्साह और प्रकाश से जगमगा उठा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दीपावली मिलन समारोह में जनता, जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और सामाजिक संगठनों के सदस्यों से स्नेहपूर्ण भेंट कर दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
समारोह में वातावरण भक्ति और उल्लास से भरा हुआ था। पारंपरिक वेशभूषा में सजे नागरिकों और अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और दीपावली की शुभकामनाएं प्रेषित कीं। मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि दीपावली का पर्व अंधकार पर प्रकाश की विजय और सद्भाव, एकता एवं सकारात्मकता का प्रतीक है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे इस पर्व को स्वच्छता, सेवा और सामूहिक सद्भाव की भावना से मनाएं।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल (#VocalForLocal)’ अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि यह दीपावली केवल उत्सव का नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता का भी पर्व बने। उन्होंने कहा कि “हम सभी को स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए। इससे न केवल हमारे स्वदेशी कारीगरों, बुनकरों और हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि ‘आत्मनिर्भर राजस्थान, आत्मनिर्भर भारत’ के हमारे संकल्प को भी मजबूती मिलेगी।”
उन्होंने कहा कि राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा और हस्तकला देश और दुनिया में अपनी विशेष पहचान रखती है। यदि हर नागरिक ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को आत्मसात करता है, तो यह न केवल अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगा, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि करेगा। मुख्यमंत्री शर्मा ने जनता से आग्रह किया कि वे दीपावली की खरीदारी में अधिक से अधिक स्थानीय उत्पादों और कारीगरों के सामान का उपयोग करें।
समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार प्रदेश के हर वर्ग के कल्याण और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य एक ऐसे राजस्थान का निर्माण करना है जो आत्मनिर्भर, समृद्ध और संस्कारवान हो। दीपावली का यह पर्व हमें यह प्रेरणा देता है कि हम अपने जीवन में सत्य, सेवा और सद्भाव के दीप जलाएं।”
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता ही लोकतंत्र की वास्तविक शक्ति है। “जनता की भागीदारी और सहयोग से ही सरकार अपने विकास के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकती है,” उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने त्योहारों के दौरान आवश्यक सेवाओं को सुचारु बनाए रखने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं ताकि नागरिक बिना किसी असुविधा के दीपोत्सव मना सकें।
समारोह में जयपुर शहर और आस-पास के क्षेत्रों से आए लोगों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और विभिन्न विकास कार्यों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। कई सामाजिक संस्थाओं और महिला समूहों ने मुख्यमंत्री को हस्तनिर्मित दीप और स्वदेशी सजावटी वस्तुएं भेंट कीं। मुख्यमंत्री ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रयास ‘वोकल फॉर लोकल’ की भावना को जीवंत करते हैं।
मुख्यमंत्री निवास पर इस अवसर पर भव्य सजावट की गई थी। परिसर को दीयों और रंग-बिरंगी रोशनियों से सजाया गया था। मुख्य द्वार से लेकर सभा हॉल तक फूलों और पारंपरिक रांगोली की सुंदर व्यवस्था की गई। स्थानीय कलाकारों द्वारा पारंपरिक लोकगीतों और भजनों की प्रस्तुति ने माहौल को और भी पवित्र और उत्सवपूर्ण बना दिया।
मुख्यमंत्री ने समारोह के समापन पर कहा कि दीपावली हमें सिखाती है कि जैसे प्रकाश अंधकार को मिटाता है, वैसे ही हमें अपने जीवन और समाज से नकारात्मकता, ईर्ष्या और भेदभाव को दूर कर सद्भाव और एकता के दीप जलाने चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि राजस्थान की जनता अपने परिश्रम, संस्कृति और एकजुटता के बल पर आत्मनिर्भरता की नई मिसाल कायम करेगी।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के इस स्नेहपूर्ण संवाद और प्रेरक संदेश ने समारोह में उपस्थित हर व्यक्ति को प्रभावित किया। दीपावली मिलन समारोह का यह आयोजन केवल एक सरकारी औपचारिकता नहीं, बल्कि जनता और सरकार के बीच जुड़ाव और विश्वास का प्रतीक बन गया।