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भारत में सोने और चांदी की कीमतों में सोमवार को जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। हफ्ते की शुरुआत में ही सोने की चमक फीकी पड़ गई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का भाव एक झटके में ₹1,600 प्रति 10 ग्राम तक गिर गया, जबकि चांदी ₹4,500 प्रति किलो से अधिक टूट गई।
इस गिरावट के पीछे दो बड़े कारण माने जा रहे हैं — पहला, अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मजबूती और बॉन्ड यील्ड्स में उछाल, और दूसरा, घरेलू निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली (Profit Booking)। दिवाली और धनतेरस के मौके पर हुई तेजी के बाद अब निवेशक अपने लाभ को सुरक्षित कर रहे हैं।
सोने की नई कीमत — क्या हुआ बदलाव
दिल्ली सर्राफा बाजार में सोमवार को 22 कैरेट सोना ₹112,658 प्रति 10 ग्राम के करीब आ गया है, जबकि 24 कैरेट सोना ₹122,900 प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड हो रहा है।
बीते हफ्ते की तुलना में यह कीमतें लगभग ₹1,600 कम हैं।
एमसीएक्स (MCX) पर दिसंबर डिलीवरी वाले सोने के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की कीमत ₹61,780 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई, जो शुक्रवार के मुकाबले करीब 1.5% की गिरावट को दर्शाती है।
चांदी का हाल भी खराब
चांदी की कीमतों में भी भारी गिरावट देखी गई है। एमसीएक्स पर दिसंबर डिलीवरी वाली चांदी ₹4,500 से ज्यादा टूटकर ₹1,42,910 प्रति किलो पर आ गई।
बीते हफ्ते तक चांदी ₹1,47,470 के स्तर पर चल रही थी, यानी कुछ ही दिनों में करीब 5,000 रुपये की गिरावट आ चुकी है।
खुदरा बाजार में यह गिरावट और स्पष्ट रूप से नजर आई, जहां 1 किलो चांदी की कीमत अब ₹74,000 के आसपास है।
अब जब त्योहार खत्म हो गए हैं, तो निवेशक मुनाफावसूली में जुट गए हैं। इससे घरेलू बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ गया है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले दिनों में कीमतें और नीचे जा सकती हैं, अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार से कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिलता।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सोना और चांदी दबाव में हैं।
सोमवार को स्पॉट गोल्ड की कीमत $2,355 प्रति औंस के आसपास रही, जबकि पिछले सत्र में यह $2,390 के ऊपर पहुंच गई थी।
डॉलर इंडेक्स में मजबूती और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड्स में बढ़त से निवेशक गोल्ड से दूर जा रहे हैं।
अमेरिका में महंगाई के आंकड़े उम्मीद से बेहतर आए हैं, जिससे फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में और कटौती की संभावना कम हो गई है।
इस वजह से सोने की कीमतों पर दबाव बढ़ा है, क्योंकि निवेशक अब सुरक्षित निवेश के बजाय शेयर और बॉन्ड मार्केट में लौट रहे हैं।
भारतीय रुपये में कमजोरी का मिला थोड़ा सहारा
हालांकि, भारतीय रुपये में आई हल्की कमजोरी ने सोने की गिरावट को कुछ हद तक थामने की कोशिश की है। डॉलर के मुकाबले रुपया 6 पैसे फिसलकर ₹83.20 पर पहुंच गया है।
रुपये की गिरावट से आयात महंगा होता है, जिससे सोने के दामों को आंशिक सहारा मिलता है।
शादी सीजन से पहले खरीदारों के लिए सुनहरा मौका
गोल्ड ट्रेडर्स का मानना है कि यह गिरावट खरीदारों के लिए एक सुनहरा मौका है।
शादी का सीजन नजदीक है और ऐसे में अगर सोना ₹122,900 के दायरे में टिकता है, तो ज्वैलरी की डिमांड में फिर तेजी देखी जा सकती है।
दिल्ली के एक ज्वैलर ने बताया, “पिछले हफ्ते तक ग्राहक सोच में थे क्योंकि सोना बहुत महंगा हो गया था। लेकिन अब कीमतें नीचे आने से पूछताछ और बुकिंग फिर बढ़ने लगी हैं।”
ICICI डायरेक्ट के सीनियर एनालिस्ट का कहना है, “निवेशकों को फिलहाल शॉर्ट-टर्म में तेजी की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। अगले कुछ हफ्तों में दाम स्थिर या हल्के कमजोर रह सकते हैं।”
सोना और चांदी की मौजूदा गिरावट बाजार के स्वाभाविक सुधार (Correction) का हिस्सा है।
त्योहारों के बाद निवेशक लाभ बुक कर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां भी इस दबाव को बढ़ा रही हैं।
हालांकि, दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह गिरावट एक अच्छा अवसर साबित हो सकती है।
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि शादी या दीर्घ निवेश की योजना वाले लोग इस स्तर पर धीरे-धीरे खरीदारी शुरू कर सकते हैं, क्योंकि आने वाले महीनों में सोना फिर से उछाल पकड़ सकता है।





