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आज के दौर में ऑफिस कल्चर और कर्मचारियों की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जरूरतें तेजी से बदल रही हैं। खासकर Gen-Z कर्मचारियों के नजरिए से काम करने के तरीके अलग हैं। ऐसा ही एक मामला गुरुग्राम की एक कंपनी में सामने आया, जिसने सोशल मीडिया और करियर जगत में खूब चर्चा बटोरी।
इस मामले में एक Gen-Z कर्मचारी ने ब्रेकअप के बाद मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक राहत के लिए छुट्टी का आवेदन किया। यह मामला इसलिए चर्चित हुआ क्योंकि छुट्टी का कारण पारंपरिक ऑफिस संस्कारों से बिल्कुल अलग था। कर्मचारी ने ईमानदारी और खुलकर अपने मन की स्थिति बताते हुए छुट्टी मांगी।
कर्मचारी ने अपनी छुट्टी आवेदन में लिखा कि हाल ही में व्यक्तिगत जीवन में तनावपूर्ण अनुभव हुआ है और उसे मानसिक रूप से आराम की जरूरत है। इसे पढ़कर कई लोग सोच में पड़ गए कि क्या ऐसे कारण से भी ऑफिस से छुट्टी ली जा सकती है। लेकिन CEO का रिएक्शन हर किसी को हैरान और प्रभावित दोनों कर गया।
CEO ने इस आवेदन को पढ़ते ही तुरंत समझदारी का परिचय दिया। उन्होंने केवल सहानुभूति ही नहीं दिखाई, बल्कि Gen-Z के दृष्टिकोण को समझते हुए कर्मचारी को अवकाश प्रदान किया। CEO का कहना था कि मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना और कर्मचारियों की भावनात्मक स्थिति का सम्मान करना ऑफिस कल्चर का हिस्सा होना चाहिए।
इस घटना ने ऑफिस कल्चर में बदलाव की आवश्यकता को उजागर किया। पुराने जमाने में ऑफिस में भावनाओं के लिए जगह बहुत कम थी, और कर्मचारी अक्सर निजी परेशानियों को छुपा कर काम करते थे। लेकिन अब Gen-Z और नए कर्मचारियों की मानसिक और भावनात्मक स्थिति को समझना आवश्यक हो गया है।
HR विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रेकअप या व्यक्तिगत कारण से अवकाश लेना आज के कार्यस्थल में एक सामान्य और स्वीकार्य प्रक्रिया बनती जा रही है। इससे कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ती है और ऑफिस का माहौल सकारात्मक रहता है।
सोशल मीडिया पर इस घटना की तस्वीरें और विवरण तेजी से वायरल हुए। लोग CEO के समझदार निर्णय की तारीफ कर रहे हैं और इसे एक आदर्श उदाहरण मान रहे हैं। एक यूज़र ने लिखा, “असली लीडर वही है जो कर्मचारियों की भावनाओं और मानसिक स्थिति को समझे। Gurugram CEO ने इसे साबित कर दिया।”
कंपनी के अंदर भी इस कदम की सराहना हो रही है। कर्मचारियों का कहना है कि इससे ऑफिस का वातावरण और भी खुला और सहयोगी बन गया है। Gen-Z कर्मचारी अब महसूस करते हैं कि उनके व्यक्तिगत जीवन और भावनाओं का सम्मान किया जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि Gen-Z के काम करने के तरीके पारंपरिक विचारों से अलग हैं। उन्हें खुले संवाद, फीडबैक और मानसिक स्वास्थ्य का समर्थन चाहिए। ऐसे में इस तरह का रिएक्शन न सिर्फ कर्मचारियों को प्रेरित करता है, बल्कि कंपनी की ब्रांड इमेज को भी मजबूत बनाता है।
इस घटना से एक महत्वपूर्ण संदेश भी मिलता है कि ऑफिस कल्चर बदल रहा है। अब केवल कार्य निष्पादन ही नहीं, बल्कि कर्मचारियों की मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर भी ध्यान देना जरूरी हो गया है। यह कदम अन्य कंपनियों के लिए भी उदाहरण बन सकता है कि कर्मचारियों की व्यक्तिगत परिस्थितियों को समझना और समर्थन देना आवश्यक है।
CEO ने स्पष्ट किया कि यह केवल एक इंसान के लिए सहानुभूति नहीं, बल्कि पूरे ऑफिस कल्चर के लिए एक बदलाव है। उन्होंने कहा कि “हम चाहते हैं कि हमारे कर्मचारी खुद को सुरक्षित और मूल्यवान महसूस करें। अगर उन्हें व्यक्तिगत जीवन में कोई समस्या है, तो वह खुलकर हमें बता सकें और हम समर्थन दें।”
Gen-Z कर्मचारियों की यह प्रवृत्ति कि वे बिना डर और झिझक अपने मुद्दों को साझा करें, भविष्य के कार्यस्थल को और अधिक मानव-केंद्रित और सहयोगी बना रही है। ब्रेकअप या व्यक्तिगत कारण से छुट्टी लेना अब शर्मनाक नहीं बल्कि समझदार और जरूरी कदम माना जा रहा है।
इस घटना ने यह साबित किया कि भविष्य का ऑफिस कल्चर केवल काम और लक्ष्य तक सीमित नहीं होगा, बल्कि कर्मचारियों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता दी जाएगी। Gurugram CEO की यह प्रतिक्रिया इस दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गई है।
कुल मिलाकर, यह मामला Gen-Z के कार्यस्थल पर नजरिए, आधुनिक ऑफिस कल्चर और मानसिक स्वास्थ्य की जरूरतों को दर्शाता है। कर्मचारियों की व्यक्तिगत परिस्थितियों और भावनाओं को समझना अब किसी कंपनी की मजबूती और प्रगतिशील सोच का पैमाना बन गया है।








