इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक बार फिर से टी20 क्रिकेट का रोमांच देखने को मिलेगा। दो साल बाद दोनों टीमें आमने-सामने होंगी, और इस बार भी मुकाबला किसी फाइनल से कम नहीं होगा। सीरीज की शुरुआत 29 अक्टूबर से कैनबरा के मैनुका ओवल स्टेडियम में होगी, जो क्रिकेट इतिहास में कई यादगार मुकाबलों का गवाह रहा है।
टीम इंडिया और कंगारू टीम के बीच हमेशा से मुकाबला बेहद रोमांचक और हाई-वोल्टेज रहा है। दोनों टीमें इस सीरीज में नए जोश और रणनीति के साथ उतरेंगी। लेकिन इस बार खास चर्चा इसलिए है क्योंकि मुकाबला कैनबरा में हो रहा है — वो मैदान जहां पिछली बार भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर इतिहास रचा था।
पिछले कुछ सालों में भारत ने विदेशी सरज़मीं पर अपनी क्रिकेटिंग ताकत का लोहा मनवाया है। खासकर ऑस्ट्रेलिया में, जहां पहले टीम इंडिया के लिए जीत पाना मुश्किल माना जाता था, अब वहां भारतीय टीम का दबदबा कायम है। 2020 में कैनबरा में खेले गए टी20 मुकाबले में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 11 रनों से हराया था। उस मैच में हार्दिक पंड्या और रविंद्र जडेजा ने शानदार प्रदर्शन किया था, जबकि गेंदबाजी में टी नटराजन और दीपक चाहर ने कंगारू बल्लेबाजों को खुलकर खेलने नहीं दिया था।
कैनबरा का मैनुका ओवल स्टेडियम हमेशा से बल्लेबाजों के लिए अनुकूल रहा है, लेकिन यहां की पिच शुरुआती ओवरों में गेंदबाजों को भी मदद करती है। खासकर शाम के समय ड्यू फैक्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारतीय टीम मैनेजमेंट इसे ध्यान में रखते हुए अपनी बॉलिंग लाइनअप को बैलेंस करने में जुटा है।
इस बार टीम इंडिया की कप्तानी रोहित शर्मा के हाथों में है, जबकि कोच राहुल द्रविड़ सीरीज से पहले ही रणनीति पर काम कर चुके हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया की ओर से ट्रैविस हेड और डेविड वॉर्नर जैसे अनुभवी खिलाड़ी मैदान में उतरेंगे। लेकिन सबसे बड़ी टक्कर होगी भारतीय बल्लेबाजी और ऑस्ट्रेलियाई पेस अटैक के बीच।
कैनबरा में भारत का रिकॉर्ड शानदार रहा है। यहां खेले गए अब तक तीनों अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत ने दो बार जीत दर्ज की है और एक बार करीबी मुकाबले में हार का सामना किया था। भारतीय बल्लेबाजों में विराट कोहली, केएल राहुल और सूर्यकुमार यादव का बल्ला यहां खूब चला है। कोहली ने इस मैदान पर 60 से ज्यादा की औसत से रन बनाए हैं, जबकि केएल राहुल ने 2020 में यहां हाफ सेंचुरी जड़ी थी।
गेंदबाजी की बात करें तो जसप्रीत बुमराह और कुलदीप यादव इस मैदान पर भारत की जीत के नायक रहे हैं। बुमराह की यॉर्कर गेंदों ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को परेशान किया था, जबकि कुलदीप ने अपनी स्पिन से रन गति को थामे रखा था। इस बार भी दोनों से टीम को बड़ी उम्मीदें हैं।
भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही टीमों ने टी20 वर्ल्ड कप 2026 की तैयारी के नजरिए से इस सीरीज को बेहद अहम माना है। बीसीसीआई के सूत्रों के मुताबिक, यह सीरीज युवा खिलाड़ियों के लिए भी एक बड़ा अवसर होगी। शुभमन गिल, ऋतुराज गायकवाड़ और अर्शदीप सिंह जैसे खिलाड़ी इस बार टीम में नई ऊर्जा लाने को तैयार हैं।
ऑस्ट्रेलिया की टीम भी पीछे नहीं है। उनके पास मिशेल स्टार्क, पैट कमिंस और जोश हेजलवुड जैसे अनुभवी तेज गेंदबाज हैं, जो किसी भी दिन मैच पलटने का माद्दा रखते हैं। वहीं, कप्तान पैट कमिंस ने कहा है कि उनकी टीम इस बार “अटैकिंग क्रिकेट” खेलेगी और भारत को शुरुआत से दबाव में लाने की कोशिश करेगी।
कैनबरा का मौसम इस समय ठंडा है, जिससे तेज गेंदबाजों को अतिरिक्त स्विंग मिल सकती है। हालांकि शाम के समय ओस की भूमिका अहम होगी, जिससे टॉस जीतने वाली टीम पहले गेंदबाजी चुन सकती है।
क्रिकेट एक्सपर्ट्स का कहना है कि कैनबरा का यह मुकाबला सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि मानसिक जंग भी है। 2020 में मिली जीत की यादें भारतीय टीम के आत्मविश्वास को बढ़ाएंगी, जबकि ऑस्ट्रेलिया उसी हार का बदला लेने के मूड में है।
भारत के पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने कहा, “कैनबरा का मैदान भारतीय टीम के लिए लकी रहा है। यहां जीतने की परंपरा को बनाए रखना महत्वपूर्ण होगा। अगर टॉप ऑर्डर अच्छी शुरुआत दे देता है, तो भारत यह मैच आसानी से जीत सकता है।”
फिलहाल, दोनों टीमें सीरीज के पहले मुकाबले के लिए कैनबरा पहुंच चुकी हैं। नेट प्रैक्टिस में खिलाड़ी पसीना बहा रहे हैं और माहौल पूरी तरह से क्रिकेट के रंग में रंग चुका है। फैंस के बीच भी उत्साह चरम पर है।
29 अक्टूबर को जब भारतीय टीम कैनबरा के मैदान में उतरेगी, तो हर भारतीय फैन की निगाहें इसी बात पर होंगी — क्या इस बार भी कंगारुओं के पसीने छूटेंगे या ऑस्ट्रेलिया वापसी करेगा?








