इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

देश की रक्षा करने वाले भारतीय सैनिक न केवल सीमाओं पर वीरता दिखाते हैं, बल्कि अपनी मेहनत, समर्पण और साहस से देश का नाम हर क्षेत्र में ऊंचा करते हैं। ऐसी ही एक प्रेरक मिसाल पेश की है उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के रहने वाले सूबेदार सुमित तोमर ने, जिन्होंने अपनी शानदार बाइकिंग स्किल्स से पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। सुमित ने एक पहिए पर बिना हाथों के 1.7 किलोमीटर तक बाइक चलाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।
यह उपलब्धि सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि भारतीय सेना के जज्बे और अनुशासन की मिसाल है। इस साहसिक प्रदर्शन के दौरान सुमित तोमर ने न केवल शारीरिक संतुलन बल्कि मानसिक एकाग्रता का अद्भुत उदाहरण पेश किया। उनका यह कारनामा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लाल किला परिसर के पास आयोजित एक विशेष समारोह में दर्ज किया गया, जहां सेना के वरिष्ठ अधिकारी, खेल जगत के प्रतिनिधि और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड टीम मौजूद थी।
सूबेदार सुमित तोमर ने यह रिकॉर्ड बनाते हुए दिखाया कि सीमाओं की रक्षा करने वाले भारतीय सैनिक किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। उन्होंने एक पहिए पर बाइक को संतुलित रखते हुए लगातार 1,700 मीटर (1.7 किमी) की दूरी तय की — और सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने यह करतब बिना हाथों के किया।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम ने इस स्टंट को मापने के लिए अत्याधुनिक सेंसर और जीपीएस आधारित ट्रैकिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया। रिकॉर्ड की पुष्टि होते ही कार्यक्रम स्थल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। समारोह में मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों ने सूबेदार सुमित तोमर को मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
सुमित तोमर ने इस मौके पर कहा, “यह उपलब्धि सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि पूरे भारतीय सेना और देश के युवाओं की है। मैंने हमेशा यह विश्वास रखा कि अगर दिल में जुनून और अनुशासन हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।”
बागपत के एक छोटे से गांव से निकलकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाले सुमित ने बचपन से ही बाइकिंग में रुचि दिखाई थी। सेना में भर्ती होने के बाद उन्हें एडवेंचर मोटर राइडिंग टीम में शामिल होने का मौका मिला, जहां उन्होंने प्रोफेशनल ट्रेनिंग ली। सेना की एडवेंचर स्पोर्ट्स यूनिट में रहते हुए उन्होंने कई बार कठिन इलाकों में बाइक राइडिंग के करतब दिखाए, जिनमें हिमालयी पर्वत श्रृंखलाएं और राजस्थान का रेगिस्तान भी शामिल है।
सुमित की इस सफलता ने न केवल उनके गांव को, बल्कि पूरे देश को गर्व से भर दिया है। बागपत के लोगों ने मिठाइयां बांटकर उनकी उपलब्धि का जश्न मनाया। स्थानीय प्रशासन ने भी उन्हें सम्मानित करने की घोषणा की है। गांववालों का कहना है कि सुमित बचपन से ही बहुत अनुशासित और मेहनती थे। उन्होंने कभी हार नहीं मानी और हमेशा कुछ नया करने की चाह रखी।
सूबेदार सुमित तोमर की यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन गई है। जिस तरह उन्होंने बाइक को एक पहिए पर संतुलित रखा, वैसे ही जीवन में भी उन्होंने कठिनाइयों को संभालते हुए सफलता का संतुलन बनाए रखा। उनका कहना है कि यह उपलब्धि उनके देशप्रेम और सेना से मिले अनुशासन का परिणाम है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की आधिकारिक वेबसाइट पर अब उनका नाम “Longest No-Handed One-Wheel Motorcycle Ride (1.7 km)” के रूप में दर्ज हो गया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड दक्षिण अफ्रीका के एक राइडर के नाम था, लेकिन अब इसे तोड़कर सुमित ने भारत का नाम दुनिया में रोशन किया है।
रक्षा मंत्रालय ने भी सोशल मीडिया पर सुमित की उपलब्धि की सराहना करते हुए लिखा — “भारतीय सेना का एक और गौरवशाली पल। सूबेदार सुमित तोमर ने अनुशासन और साहस का अद्भुत प्रदर्शन करते हुए गिनीज रिकॉर्ड बनाया है। देश को उन पर गर्व है।”
उनकी यह उपलब्धि बताती है कि भारतीय सैनिक सिर्फ युद्ध के मैदान में नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में उत्कृष्टता की नई मिसालें कायम कर रहे हैं। सुमित तोमर का यह कारनामा देश के युवाओं को यह सिखाता है कि जुनून, समर्पण और मेहनत के साथ कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
आज उनका नाम लाल किले से लेकर बागपत की गलियों तक गूंज रहा है, और देश के हर नागरिक के दिल में गर्व की भावना उमड़ रही है। सूबेदार सुमित तोमर ने साबित कर दिया कि भारतीय जवान केवल देश की सीमाओं के रक्षक ही नहीं, बल्कि असंभव को संभव करने वाले सच्चे नायक भी हैं।








